बरेली: बदलाव के लिए मुसलमानों ने लगाया पूरा जोर, मतदान को लेकर दिखा उत्साह

मुस्लिम बहुल इलाकों के मतदान केंद्रों पर सुबह से शाम तक लगी रहीं लंबी कतारें, सपा के लिए एकतरफा मतदान

बरेली: बदलाव के लिए मुसलमानों ने लगाया पूरा जोर, मतदान को लेकर दिखा उत्साह

बरेली, अमृत विचार। बरेली से आंवला तक मुस्लिम बहुल इलाकों में वोटरों की सुबह से शाम तक लंबी कतारों ने साफ बताया कि इस चुनाव में मुसलमान अपना पूरा जोर लगा रहे हैं। बदलाव के नाम पर वोट कर रहे मुसलमानों के लिए बरेली में तो सपा के अलावा कोई विकल्प ही नहीं था, आंवला में भी बसपा के मुस्लिम उम्मीदवार उनका ज्यादा वोट खींचते नहीं दिखाई दिए।

शहर के मुस्लिम बहुल इलाकों के पोलिंग बूथ मौलाना आजाद इंटर कॉलेज, जवाहर मेमोरियल इंटर कॉलेज, पंजाबियान स्कूल, तिलक इंटर कॉलेज और बालजती स्कूल में सुबह से मुस्लिम मतदाताओं की कतार नजर आई। तकरीबन 19 हजार मतदाता वाले मौलाना आजाद कॉलेज मतदान केंद्र के हर बूथ पर सुबह मतदान शुरू होने के बाद शाम तक लंबी कतार लगी रही। इस केंद्र पर वोट डालकर बाहर निकले मोहम्मद यूसुफ ने बताया कि इलाके में इस बार नफरत की सियासत के खिलाफ बदलाव की हवा चल रही है। बोले, 10 साल में जैसी सियासत मुसलमानों के नाम पर की गई, लोग उसका जवाब वोट से दे रहे हैं।

लईक खान ने कहा कि मुसलमान अपने मताधिकार को लेकर पूरी तरह जागरूक है और मुद्दों से किसी कीमत पर डिगने वाला नहीं। 25 हजार से ज्यादा मतदाताओं वाले बालजती स्कूल के मतदान केंद्र पर भी लगभग यही स्थिति रही। यहां हिंदू और मुस्लिम आबादी लगभग बराबर है। दोनों ही वर्गों के मतदाताओं में वोट डालने के लिए काफी जोश दिखा। बता दें कि बरेली सीट से बसपा प्रत्याशी मास्टर छोटेलाल गंगवार का नामांकन खारिज हो गया था। इसके बाद पहले से साफ था कि मुस्लिम वोटर साइकिल के अलावा दूसरा विकल्प नहीं रह गया है।

आंवला में स्थिति कुछ अलग रही। बसपा की ओर से मुस्लिम प्रत्याशी आबिद अली के मैदान में होने की वजह से मुस्लिम वोटों का बंटवारा हुआ लेकिन ज्यादा नहीं। यहां भी ज्यादातर मुस्लिम बहुल इलाकों में वोटरों का रुझान सपा की ही ओर रहा है। बसपा प्रत्याशी के लिए भी कहीं-कहीं इक्का-दुक्का वोट पड़ते रहे।

भाजपा के गढ़ सुभाषनगर में मतदाता सुस्त
भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले सुभाषनगर में मतदाताओं में ज्यादा उत्साह नहीं दिखाई दिया। यहां आर्य पुत्री इंटर कॉलेज और खालसा इंटर कॉलेज में बनाए गए मतदान केंद्र पर मतदाताओं की आमद काफी धीमी रही। मतदान केंद्रों के बाहर जमे राजनीतिक दलों के लोग मतदाताओं की इस सुस्ती पर चिंता भी जताते रहे। लोगों के रुझान से साफ हुआ कि इस मतदान केंद्र पर भाजपा के पक्ष में बेशक ज्यादा मतदान हुआ है लेकिन सपा के लिए भी लोगों ने वोट डाले हैं।

आंवला में तो बसपा से ज्यादा भाजपा ने खींच लिया मुसलमानों का वोट
बरेली, अमृत विचार: आंवला क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की अगुवाई करने वालों से बातचीत में जिस तरह के रुझान सामने आए, उनसे पता चला कि इस संसदीय क्षेत्र में बसपा का मुस्लिम प्रत्याशी उतारने का पैंतरा ज्यादा कारगर साबित नहीं हुआ। कुछ जगह तो बसपा से ज्यादा मुसलमानों का वोट भाजपा ने खींच लिया। वोट डालकर लौट रहे गांव आलमपुर के छोटू ने बताया कि आजकल सोशल मीडिया का जमाना है। हर खबर लोगों तक पहुंच जाती है। सबको पता था कि बसपा उम्मीदवार किस मकसद से चुनाव में खड़े हुए हैं।

आंवला लोकसभा क्षेत्र के बिथरी चैनपुर के साथ आंवला और फरीदपुर विधानसभा क्षेत्र के मुस्लिम इलाकों में हाथी तेज चाल नहीं चल पाया। बिथरी के मुस्लिम बहुल गांव उड़ला जागीर, बिथरी, भिंडौलिया पदारथपुर, मोहनपुर, ठिरिया और परसौना गांव में सपा की ही ओर ज्यादा रुझान दिखाई दिया। आलमपुर के ग्राम प्रधान क्यामुद्दीन ने बताया कि वह और उनके समर्थक भाजपा को लड़ा रहे है। गांव में आधा वोट भाजपा और आधा सपा प्रत्याशी को जा गया है। कुछ बसपा को भी मिल सकता है। मोहनपुर में आहिद हुसैन ने बताया कि गांव में सपा और बसपा को मुसलमानों ने वोट दिया है। उन्होंने बसपा को लड़ाया है। मोहनपुर के प्रधान जाकिर हुसैन खुलकर भाजपा को लड़ाते नजर आए। बोले, 20 हजार वोट है जिसमें 9 हजार पड़ा है। अधिकतर भाजपा को गया है। म्यूड़ी खुर्द के प्रधान मोहम्मद यासीन ने बताया कि उनके गांव में एकतरफा वोट सपा को गया है।

नफरत की सियासत के खिलाफ बदलाव की हवा चल रही है। 10 साल में जिस तरह की सियासत मुसलमानों के नाम पर की गई है, लोग उसका जवाब वोट से दे रहे हैं - मौलाना आजाद कॉलेज मतदान केंद्र पर मोहम्मद यूसुफ।

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