बरेली: सक्रिय नहीं रहे भाजपा के पन्ना प्रमुख, सपा के एजेंट ही नहीं

मुख्य मुकाबले में शामिल दोनों पार्टियों के बूथ प्रबंधन पर उठे सवाल

बरेली: सक्रिय नहीं रहे भाजपा के पन्ना प्रमुख, सपा के एजेंट ही नहीं

बरेली, अमृत विचार। लोकसभा चुनाव का जब परिणाम आएगा तो सपा और भाजपा दोनों पार्टियों के बूथ प्रबंधन की मजबूती का भी पता चलेगा। हालांकि मंगलवार को दोनों ही खेमों में जमकर अव्यवस्था दिखाई दी। सपा नेता तमाम बूथों के लिए अपने एजेंट ही नहीं बना सके, लेकिन फिर उन बूथों का बस्ता लेने के लिए कार्यकर्ताओं में होड़ मची रही। उधर, भाजपा के पन्ना प्रमुखों की सक्रियता भी कम दिखाई दी। खुद भाजपा नेताओं का मानना है कि पन्ना प्रमुख अगर पूरी तरह सक्रिय होते तो मतदान प्रतिशत और बढ़ सकता था।

पहले दो चरणों के चुनाव में मतदान प्रतिशत कम रहने के बाद भाजपा के नेता लगातार पन्ना प्रमुखों और बूथ अध्यक्षों को और ज्यादा सक्रिय करने पर जोर दे रहे थे। पड़ोस की संसदीय सीट पीलीभीत में पहले चरण में हुए चुनाव में भी पन्ना प्रमुखों की निष्क्रियता को साफ तौर पर महसूस किया गया था। इसके बावजूद बरेली और आंवला के चुनाव में पन्ना प्रमुखों की भूमिका से पार्टी के नेता मंगलवार को मतदान के बाद संतुष्ट नजर नहीं आए। 

भाजपा नेताओं के मुताबिक चुनाव से पहले हुए कार्यक्रमों और अभियानों में पन्ना प्रमुख सक्रिय रहे थे लेकिन ऐन चुनाव के दिन मतदाताओं को बूथों तक ले जाने में पूरी सक्रियता नहीं दिखा सके। पन्ना प्रमुख अगर पूरी सक्रियता से काम करते तो मतदान प्रतिशत और बढ़ सकता था। हालांकि जिन कार्यकर्ताओं को बूथों पर तैनात किया गया था, वे मतदान खत्म होने तक वहां से नहीं हिले।

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के कार्यकर्ताओं की हालत ज्यादा ही खराब रही। संगठन ने जोन और सेक्टर प्रभारियों के साथ बूथ अध्यक्ष नामित किए थे। इससे कागजोंं पर तो संगठन की तैयारी चौकस दिखने लगी थी लेकिन मतदान के दिन बूथों यह चौकसी जरा भी नजर नहीं आई। कुर्मांचल नगर में अल्मा मातेर मतदान केंद्र के तीन बूथों पर सपा का एक ही एजेंट तैनात था। एजेंट ने बताया कि बाकी दोनों बूथों पर एजेंट बनाए ही नहीं गए। तीनों बूथों पर भाजपा के एजेंट तैनात थे।

बिहारीपुर खत्रियान में गंगापुर में भी यही स्थिति रही। गुलाब राय इंटर कॉलेज में 10 और गुलाब राय मांटेसरी में तीन बूथ हैं। हर बूथ पर औसत एक हजार से ज्यादा वोटर हैं और कुल करीब 13 हजार मतदाता हैं लेकिन इसके बावजूद यहां सपा-कांगेस का एक ही एजेंट बनाया गया था जो बूथ नंबर 20 पर तैनात था। बूथ नंबर 25 26, 24 समेत बाकी किसी बूथ पर कोई एजेंट नहीं था। बूथ पर तैनात एकमात्र एजेंट ने आशंका जताई कि ईवीएम सील करते समय पार्टी का कोई कार्यकर्ता न होना असर डाल सकता है।

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