Bareilly News: आचार संहिता हटने का इंतजार, शुरू होंगे रुके हुए विकास कार्य

Bareilly News: आचार संहिता हटने का इंतजार, शुरू होंगे रुके हुए विकास कार्य

अनुपम सिंह, बरेली, अमृत विचार। आचार संहिता हटने के बाद जिले में रुके हुए विकास कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे। पिछले वित्तीय वर्ष में सांसद और विधायक निधि से होने वाले कार्य प्रस्ताव पास होने के बाद भी आचार संहिता लगने की वजह से अटक गए थे।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में विधायकों को पांच करोड़ रुपये की निधि क्षेत्र में विकास कार्य कराने के लिए मिली थी। शुरुआती दौर में विधायकों ने निधि खर्च करने में कंजूसी दिखाई, हालांकि बाद प्रस्तावों की झड़ी लगाकर कार्यों की स्वीकृति कराई। डीआरडीए कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 में 580 प्रस्ताव दिए गए थे, इसमें एमएलसी कुंवर महाराज सिंह के भी 27 प्रस्ताव शामिल हैं। 

विधायकों में मंत्री धर्मपाल सिंह ने 34, डॉ. राघवेंद्र शर्मा के 98, प्रो. श्याम बिहारी के 82, संजीव अग्रवाल के 72, मंत्री अरुण कुमार के 102, डॉ. एमपी आर्या के 59, डीसी वर्मा के 34, शहजिल इस्लाम के 35 और अताउर रहमान के 37 प्रस्ताव थे। सभी प्रस्तावों की स्वीकृति हो गई है। मार्च की रिपोर्ट बताती है कि मंत्री धर्मपाल के आठ, विधायक संजीव अग्रवाल के दो, डॉ. एमपी आर्या के तीन, शहजिल इस्लाम के एक, अताउर रहमान के एक, एमएलसी कुंवर महाराज सिंह के तीन प्रस्ताव की स्वीकृति के बाद भी बाकी प्रक्रिया पूरी नहीं होने से कार्य शुरू नहीं हो सके थे। 

इसी दौरान 16 मार्च को आचार संहिता लग गई, जिसकी वजह से काम लटक गए। चार जून को मतगणना के बाद आचार संहिता हटने के बाद विकास कार्य फिर शुरू हो जाएंगे। हालांकि अन्य विधायकों के सभी प्रस्तावों के कार्य शुरू हो गए थे। सांसद निधि से स्वीकृत हुए प्रस्तावों की बात करें तो पांच कार्य नहीं शुरू हो सके थे।

सांसद-विधायक निधि के 445 कार्य निर्माणाधीन
रिपोर्ट के मुताबिक विधायक निधि से होने वाले 586 कार्यों में से मार्च तक 297 पूरे हो चुके हैं, जबकि 271 का निर्माणाधीन है। इसी तरह से सांसद निधि से 2023-24 में 292 प्रस्ताव मंजूर हुए थे, उसमें से 113 के कार्य मार्च तक पूरे हो चुके हैं और 174 निर्माणाधीन हैं। जानकारों के अनुसार मार्च में अधिसूचना लगने के बाद पहले शुरू हो चुके सांसद और विधायक निधि के कार्यों की अभी स्थिति क्या है, इसकी रिपोर्ट मार्च के बाद नहीं आ सकी है।

सांसदों ने पिछले वित्तीय वर्षों की निधि भी खर्च की
सांसद संतोष गंगवार और धर्मेंद्र कश्यप ने चुनावी वर्ष में तो पिछले वित्तीय वर्षाें की भी निधि विकास कार्याें में खर्च कर दी है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में सांसद संतोष गंगवार को पांच करोड़, 2021-22 में दो करोड़, 2022-23 में ढाई करोड़, 2023-24 में साढ़े सात करोड़ की निधि जारी की गई। 

आचार संहिता लगने से दस दिन पहले तक सांसद संतोष गंगवार ने 2019-20 में मिली निधि में से 11.95 लाख और धर्मेंद्र कश्यप ने 2021-22 में मिली दो करोड़ की निधि का 8.46 लाख नहीं खर्च किया था। इस तरह संतोष गंगवार की निधि के 32.72 लाख और धर्मेंद्र कश्यप के 38.44 लाख रुपये बचे थे, लेकिन अधिसूचना से पहले ही दोनों सांसदों ने अपने क्षेत्र में विकास कार्याें के प्रस्तावों की मंजूरी कराकर निधि खर्च कर दी थी, इसमें पिछले वित्तीय वर्षों की निधि भी खर्च की जा चुकी है।

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