बदायूं: गोवंश के लिए आई धनराशि डकार गए प्रधान और सचिव, नोटिस जारी

बदायूं: गोवंश के लिए आई धनराशि डकार गए प्रधान और सचिव, नोटिस जारी

बदायूं,अमृत विचार: गोवंशों के भरण पोषण को मिली करीब 10.50 लाख धनराशि ग्राम प्रधान और सचिव डकार गए। करीब डेढ़ साल से उनके द्वारा गोशाओं को धनराशि नहीं दी गई। जिसकी जानकारी अधिकारियों को तब हुई जब केयरटेकर द्वारा धनराशि न मिलने की शिकायत दर्ज कराई गई।

कड़ी पूछताछ के बाद सचिवों ने धनराशि गोशालाओं को आवंटित न किए जाने की बात कबूली। जिस पर डीपीआरओ ने सचिवों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही धनराशि गोशालाओं में हस्तांतरित कर अभिलेख प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।

ब्लॉक दातागंज की ग्राम पंचायत लालपुर खादर, बिहारीपुर अजब और कुंडरा मझरा के प्रधान और सचिव ने गोवंशों के भरण पोषण को मिली धनराशि को गोशालाओं में हस्तांतरित नहीं की। धनराशि न मिलने के अभाव में केयर टेकर का गोवंशों का पालन पोषण करना भारी पड़ रहा था। जिस पर उनके द्वारा धनराशि की लगातार मांग की जा रही थी। 

जिसे गंभीरता से लेते हुए डीपीआरओ ने सचिवों से धनराशि न दिए जाने के बारे में जानकारी ली। पहले तो सचिवों और प्रधानों ने उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं दिया। लेकिन जब कार्रवाई किए जाने की चेतावनी दी तब सचिवों ने धनराशि न दिए जाने की बात कबूली।

इसके बाद उन्होंने जानकारी ली कि कब से गोशालाओं को धनराशि आवंटित नहीं हुई है। तब पता चला कि लालपुर खादर की प्रधान प्रीति यादव ने डेढ़ साल से करीब 6.50 लाख, बिहारीपुर अजब के प्रधान कुलदीप कुमार सिंह ने छह माह से करीब डेढ़ लाख और कुंडरा मझरा के प्रधान तपन कुमार ने दस माह से करीब ढाई लाख रूपये गोवंशों के भरण पोषण को मिली धनराशि गोशालाओं में नहीं दी है।

जिस पर डीपीआरओ ने तीनों ग्राम पंचायतों के सचिव और प्रधान को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही जवाब न दिए जाने तथा धनराशि गोशालाओं में न भेजे जाने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।

विदित रहे कि गोवंशों के भरण पोषण के लिए प्रदेश सरकार 18 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से गोशालाओं के लिए धनराशि आवंटित करती है। जिसकी जिम्मेदार पशुपालन विभाग द्वारा निभाई जाती है। पिछले वित्तीय वर्ष में मिली धनराशि को विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों द्वारा गोवंशों की संख्या के आधार पर मांग करने पर विभाग द्वारा धनराशि का आवंटित कर दिया गया। 

लेकिन प्रधान और सचिव द्वारा धनराशि गोशालाओं में नहीं दी जाती। जिसकी वजह से गोशालाओं की स्थिति दयनीय बनी हुई है। गोशालाएं में संरक्षित गोवंश दान में मिले भूसे पर ही निर्भर हैं। उन्हें हरा चारा नसीब नहीं हो रहा है।

तीन ग्राम पंचायतों के सचिवों द्वारा गोवंशों के भरण पोषण के लिए मिली करीब साढ़े दस लाख रुपये की धनराशि गोशालाओं में नहीं दी है। सचिवों और प्रधानों को नोटिस जारी किया है। जवाब मिलने पर कार्रवाई की जाएगी-श्रेया मिश्रा, डीपीआरओ

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