संभल: आंबेडकर की प्रतिमा हटाने पर भीम आर्मी भड़की, एसडीएम और सीओ ने पहुंचकर स्थिति को संभाला
चन्दौसी, अमृत विचार। थाना बनियाठेर के गांव मझावली में बिना अनुमति के बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा की स्थापना के मामले में मंगलवार को फिर हंगामा हो गया। चन्दौसी के सीमावर्ती गांव मौलागढ़ गांव से भीम आर्मी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को गांव मझावली व जिला मुख्यालय बहजोई जाने से पुलिस ने रोक …
चन्दौसी, अमृत विचार। थाना बनियाठेर के गांव मझावली में बिना अनुमति के बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा की स्थापना के मामले में मंगलवार को फिर हंगामा हो गया। चन्दौसी के सीमावर्ती गांव मौलागढ़ गांव से भीम आर्मी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को गांव मझावली व जिला मुख्यालय बहजोई जाने से पुलिस ने रोक दिया। इससे गुस्साए कार्यकर्ताओं ने हंगामा कर दिया। हंगामे की सूचना पर मझावली के दलित समाज के लोग भी ट्रैक्टर-ट्रालियों से आ गए। इस दौरान कार्यकर्ताओं की पुलिस से नोकझोंक हुई। उपजिलाधिकारी राजपाल सिंह व पुलिस क्षेत्राधिकारी गोपाल सिंह मौके पर पहुंच गए और स्थिति को संभाला। उन्होंने ज्ञापन लेकर कार्रवाई का आश्वासन दिया।
बता दें कि 26 दिसंबर को थाना बनियाठेर के गांव मझावली में बाबा साहब आंबेडकर की प्रतिमा की स्थापना को लेकर तनाव पैदा हो गया था। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर निर्माण ध्वस्त कर दिया और मलबा समेत बाबा साहब की प्रतिमा को कब्जे में ले लिया था। इस मामले में मंगलवार को भीम आर्मी के मंडल अध्यक्ष रविंद्र कुमार टिंकू कार्यकर्ताओं के साथ बहजोई रोड स्थित चन्दौसी से सटे गांव मौलागढ़ से निजी वाहनों से गांव मझावली और जिला मुख्यालय बहजोई जाने की तैयारी कर रहे थे।
मामले की सूचना पुलिस को मिल गई। थाना बनियाठेर प्रभारी कुलदीप सिंह तत्काल फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए और कार्यकर्ताओं को समझाने का प्रयास किया लेकिन कार्यकर्ता एसडीएम व सीओ को मौके पर बुलाने की मांग को लेकर अड़ गए। एसडीएम व सीओ ने मंडलाध्यक्ष को समझाने का प्रयास किया, वहीं कार्यकर्ताओं ने लेखपाल पर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने व पुलिस द्वारा मझावली में महिलाओं पर लाठी चार्ज करने का आरोप लगाया। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
इस दौरान कार्यकर्ताओं की पुलिस से नोकझोंक भी हुई, वहीं गांव मझावली से ट्रैक्टर-ट्रालियों में भरकर दलित समाज के लोग मौके पर पहुंच गए। भीड़ एकत्र हो गई और हंगामा होने लगा। इस दौरान बहजोई मार्ग पर यातायात भी प्रभावित हो गया। अंत में जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपने के बाद मामला शांत हो सका।
आंबेडकर सेवा दल भी गुस्से में, बेकसूरों पर कार्रवाई की निंदा
आंबेडकर सेवा दल की बैठक जिला सचिव नन्दू वाल्मीकि के निवास स्थान मो. खुजी गेट वाल्मीकि बस्ती चन्दौसी में सम्पन्न हुई। इसमें ग्राम मझावली में पुलिस की ओर से बाबा साहेब डा. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने पर रोष व्यक्त किया। सभा में मंडल अध्यक्ष प्रवीण कुमार बन्टी ने संविधान निर्माता डा. भीमराव आंबेडकर की प्रतिभा को पुलिस द्वारा खुर्द-बुर्द किए जाने पर दोषी कर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग योगी सरकार से की।
वहीं जिलाध्यक्ष सूर्यजीत सिंह ने कहा कि थाना बनियाठेर की पुलिस ने ग्रामवासियों, महिलाओं व मासूम बच्चों के साथ बर्बर व्यवहार किया, जिसकी आंबेडकर सेवा दल निन्दा करता है। सभा में जिला उपाध्यक्ष ज्ञान प्रकाश वाल्मीकि ने कहा कि बनियाठेर पुलिस ने बेकसूर लोगों पर लेखपाल की फर्जी रिपोर्ट पर कार्रवाई की है। उसे तत्काल प्रभाव से रिपोर्ट वापस लिया जाये। सभा में वक्ताओं ने एक स्वर में एक सप्ताह के अन्दर उसी स्थान पर डा. आंबेडकर की प्रतिमा को स्थापित करने की मांग की। लेखपाल व पुलिस कर्मियों के खिलाफ शासन प्रशासन से कार्रवाई कर निलम्बित करने की मांग भी की। ऐसा न होने पर सड़क पर उतरने की बात कही।
इसकी जवाबदेही प्रशासन व शासन की होगी। इस दौरान प्रवीण कुमार वन्टी, सूर्यजीत सिंह, नन्दू वाल्मीकि, आंबेडकर सेवा दल के नगर अध्यक्ष अरविंद, प्रमोद वाल्मीकि, द्वारिका प्रसाद, अंश प्रियादीप, गौरव सिंह, सिकन्दर, गौरव सिंह, कपिल देव, सुभाष, दामोदर सिंह, जसवीर, आकाश, अशोक, राहुल कुमार, अनुराग वाल्मीकि, संजीव वाल्मीकि, अरुण, कल्लू वाल्मीकि, अमर वाल्मीकि, श्यामबाबू, हरीश भारती, रोहित वाल्मीकि, श्रेष्ठ गौतम, अर्जुन वाल्मीकि, मोनू वाल्मीकि, वीता वाल्मीकि, शैलू वाल्मीकि, अंशु वाल्मीकि, अंकुश वाल्मीकि आदि मौजूद रहे।
आपत्ति के बाद हटवाया था, गांव में पुलिस तैनात
रविवार को ग्राम मझावली में डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा को अवैध रूप से लगाने पर आपत्ति जताई। जिसकी सूचना प्रशासन व पुलिस को दी गई। सूचना पर मिलने पर प्रशासन व पुलिस ने ग्रामीणों से जानकारी ली और अवैध रूप से लगाई गई डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा को वहां से हटवा दिया।
ग्रामीणों ने बताया कि यह जगह ग्राम समाज की है, लेकिन कुछ लोग उस जगह को अपनी बता रहे हैं। विरोध करने पर लेखपाल द्वारा जगह की नापतौल की गई। नापतौल के बाद लेखपाल ने भूमि ग्राम समाज की बताई। जिस पर कुछ लोग भड़क उठे और लेखपाल व पुलिस पर आरोप लगाने लगे। लोगों ने उस जगह की खतौनी भी निकलवाई है। मामले को प्रशासनिक अधिकारियों ने शांत किया और समझाकर घर भेज दिया। गांव में कोई उपद्रव न हो इसलिए पुलिस का पहरा लगा रखा है।