Kanpur News: Condom के इस्तेमाल में पुरुष पीछे, महिलाएं भी नहीं खातीं छाया या माया गोली, पढ़ें- पूरी खबर
कानपुर में युवक कंडोम का इस्तेमाल करने में पीछे है।
कानपुर में युवक कंडोम का इस्तेमाल करने में पीछे है। कानपुर में युवक कंडोम का इस्तेमाल करने में पीछे है।
कानपुर, [विकास कुमार]। परिवार नियोजन को बढ़ावा देने और गर्भ निरोधक उपायों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार काफी धन खर्च करती है। सरकारी अस्पतालों में ओरल पिल्स, इमरजेंसी पिल्स, कंडोम, अंतरा इंजेक्शन, आइसीयूडी, पीपीआइयूसीडी, नसबंदी व बंध्याकरण की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है।
लेकिन हालत यह है कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार कानपुर शहर में महिला नसबंदी का प्रतिशत 12.8 और पुरुष नसबंदी का प्रतिशत शून्य है। गर्भ निरोधक गोलियों का इस्तेमाल शहर की सिर्फ 3.6 प्रतिशत महिलाएं ही करती हैं।
जीवन की खुशहाली के लिए छोटा परिवार जरूरी है। लोगों में परिवार नियोजन की जागरूकता बढ़ाने, अनियोजित गर्भधारण, यौनजनित रोग (एसटीडी) से बचाव और युवाओं को सही उम्र में प्रजनन का निर्णय लेने में सक्षम बनाने के लिए सरकार द्वारा कई तरह के अभियान व कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में हर वर्ष 26 सितंबर को विश्व गर्भनिरोधक दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम है ‘विकल्प की शक्ति’ रखी गई है।
गर्भनिरोधक साधन महिला के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं। इससे जोखिम पूर्ण गर्भ की रोकथाम होती है। गर्भधारण, प्रसव व असुरक्षित गर्भपात की समस्याओं के कारण महिलाएं और शिशु मृत्यु का शिकार हो जाते हैं। परिवार नियोजन के द्वारा ऐसी तमाम मृत्यु को रोका जा सकता है। विवाह के दो साल बाद ही बच्चे की योजना बनाने, दो बच्चों के जन्म के बीच तीन साल का अंतर रखने का संदेश दिया जा रहा है।- डॉ. अंजू दुबे, अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण।
यह मिलती प्रोत्साहन राशि
2000- रुपये महिला नसबंदी पर
3000 - रुपये प्रसव बाद नसबंदी पर
3000 - रुपये पुरुष की नसबंदी पर
300 – रुपये प्रसव बाद इंट्रायूट्रीन कंट्रासेप्टिव डिवाइस लगवाने पर
बास्केट ऑफ च्वॉइस
पुरुष और महिला नसबंदी, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी, त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन, माला एन, कंडोम, छाया और ईसीपी की गोलियां।
शहर में पुरुष कंडोम का इस्तेमाल करने में पीछे
गर्भनिरोधक के रूप में कंडोम (निरोध) सबसे अहम माना जाता है। इसके इस्तेमाल से महिला को गर्भधारण का खतरा कम होने के साथ संक्रमण से भी बचाव होता है। लेकिन राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के आंकड़े बताते हैं कि शहर में सिर्फ एक तिहाई पुरुष ही कंडोम का इस्तेमाल करते हैं।
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