नोएडा: धनशोधन के मामले में ईडी ने रियल एस्टेट कंपनी कंपनी के प्रवर्तक को किया गिरफ्तार

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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नई दिल्ली। घर खरीदारों का करीब 107 करोड़ रुपये गबन करने से जुड़े धनशोधन के मामले में नोएडा से संचालित एक रियल एस्टेट कंपनी के मुख्य प्रवर्तक (प्रमोटर) को धन शोधन निरोधक कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।  संघीय जांच एजेंसी ने यहां जारी एक विज्ञप्ति में बताया कि उन्नति समूह के अनिल मिठास को 16 अप्रैल को हिरासत में लिया गया था। 

उसने बताया कि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत ने उन्हें 24 अप्रैल तक ईडी की हिरासत में भेज दिया। धन शोधन का यह मामला उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से उन्नति फॉर्च्यून होल्डिंग्स लिमिटेड (यूएफएचएल) और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ 107 करोड़ रुपये की ‘धोखाधड़ी और जालसाजी’ के आरोप में दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है। 

ईडी ने बताया कि उसकी जांच में खुलासा हुआ कि उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर 119 में स्थित अरण्य नामक आवासीय परियोजना के लिए उन्नति फॉर्च्यून होल्डिंग्स लिमिटेड और आईवीआरसीएल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा घर खरीदारों से 2012 और 2019 के बीच 522.9 करोड़ रुपये की राशि एकत्र की गई थी। 

बयान के मुताबिक निर्माण के लिए सम्पूर्ण धनराशि का उपयोग करने के बजाय, प्रवर्तकों ने उक्त उद्देश्य के लिए ‘कुछ भाग’ का उपयोग किया तथा शेष धनराशि को ‘‘फर्जी ऋण और अग्रिम राशि, शेयर प्रीमियम, सामग्री के लिए अग्रिम भुगतान, जमा आदि’’ के माध्यम से विभिन्न कंपनियों को स्थानांतरित कर दिया। 

ईडी ने बताया कि नोएडा की परियोजना धन की कमी के कारण अटक गई। एजेंसी ने कहा कि उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (यूपीआरईआरए) के निर्देश पर तैयार की गई कंपनी की ऑडिट रिपोर्ट में 107 करोड़ रुपये के गबन का पता चला है। 

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