UP News: उटंगन नदी में डूबे सात लोगों के न मिलने से गुस्साए ग्रामीण, SDM की गाड़ी पर पथराव, भाजपा नेताओं के बैनरों पर पोती कालिख

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Published By Muskan Dixit
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आगराः आगरा जिले के खेरागढ़ तहसील के कुसियापुर गांव में दशहरा उत्सव के दौरान मां दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के समय उटंगन नदी में फंस गए 13 ग्रामीणों ने कैसे करके एक को तो बचा लिया गया, लेकिन बाकी 12 की तलाश लंबे समय चल रही है। शुक्रवार को भी बचाव अभियान चला, मगर देरी से पहुंची बचाव दलों और स्थानीय प्रशासन की सुस्ती की वजह से लोगों का पता नहीं लगाया जा सका। इससे नाराज लोगों ने काफी विरोध जताया।

गुस्साए ग्रामीणों ने सबसे पहले तो एसडीएम के गाड़ी के शीशे तोड़ दिए। उसके बाद ऊंटगिरि चौराहे पर सड़क जाम करके प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस हंगामे में भाजपा के सांसद राजकुमार चाहर व जिला अध्यक्ष प्रशांत पौनिया के बैनरों पर कालिख उड़ेलकर नारेबाजी की गई। दोपहर करीब एक बजे दोबारा जाम लगाकर शोर मचाया गया। बाद में सांसद के पहुंचने पर उन्हें भी घेर लिया गया और जोरदार नारे लगाए। अब बचाव का दायित्व एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के बाद सेना की 50 पैरा ब्रिगेड की 411 पैरा फील्ड इकाई को सौंपा गया है। 19 सदस्यों वाली इस टुकड़ी ने नदी में रात्रि भर तलाशी कार्य चलाया।

बुधवार दोपहर लगभग एक बजे गांव वाले प्रशासन द्वारा निर्धारित सुरक्षित कुंड की अनदेखी कर 300 मीटर नीचे गहरी धारा में उतर आए थे। विसर्जन प्रक्रिया में विष्णु (20), ओमपाल (25), गगन (24), हरेश (20), अभिषेक (17), भगवती (22), ओकेश (16), सचिन (26), गजेंद्र (17), मनोज (14), वीनेश (18), करन (21) तथा दीपक (15) पानी में बह गए।

सात लापता, पांच शव बरामद

विष्णु को तत्काल बाहर निकाल लिया गया, जबकि शेष 12 गायब हो गए। रात तक गगन, ओमपाल व मनोज के पार्थिव शरीर बाहर आ चुके थे। गुरुवार रातभर तलाश जारी रही। शुक्रवार को सुबह 11 बजे भगवती प्रसाद और दोपहर 12:17 बजे अभिषेक के शव प्राप्त हुए, जिससे मृतकों का आंकड़ा पांच पहुंच गया। सात युवक अभी भी गुम हैं।

जाम व एसडीएम वाहन पर हमला

शुक्रवार प्रात: 7 बजे ग्रामीणों ने हादसे स्थल के निकट ही प्रशासन की उदासीनता का हवाला देकर सड़क जाम कर ली। एसडीएम संदीप यादव के जाते समय लोगों का क्रोध भड़क उठा और वाहन को घेर लिया गया। उत्तेजना में ईंट-पत्थर फेंककर कांच चूर-चूर कर दिए। फोर्स के हस्तक्षेप से हालात संभले।

जनप्रतिनिधियों के खिलाफ नारेबाजी

दोपहर 11:30 बजे सांसद राजकुमार चाहर व जिला प्रमुख प्रशांत पौनिया के हादसे स्थल पर आगमन पर ग्रामीणों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया। उन्होंने इल्जाम लगाया कि विधायक-प्रतिनिधियों ने विपत्ति के बाद कोई व्यावहारिक सहारा नहीं दिया, न ही शासन से कोई मुआवजा या सहायता पैकेज की पेशकश हुई। इसके प्रतिशोध में ऊंटगिरि चौराहे पर भाजपा के प्रचार सामग्री पर नेताओं की छवियों पर कालिख पोतकर हल्ला किया। फोर्स की मध्यस्थता से विवाद थमा।

रात्रि में शवों का अंतिम संस्कार

शाम ढलते ही पांचों शव गांव लाए गए, तो शोक की लहर गुस्से में बदल गई। ग्रामीणों ने संस्कार से इनकार कर सड़क पर मलबा डालकर अवरोध पैदा कर दिया। उनका मत था कि सभी गुमशुदा युवक न मिलने तक कोई दाह संस्कार नहीं होगा। पुलिस महकमे की लंबी समझाइश के बाद वे राजी हुए। रात नौ बजे तक पांचों का अंतिम संस्कार संपन्न हो गया।

मुख्यमंत्री ने व्यक्त किया दुख

आगरा की इस विपत्तिपूर्ण घटना में हुई क्षति पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने गहरा शोक जताया। उन्होंने जिला प्रशासन को घायलों को फौरन चिकित्सा केंद्र पहुंचाने व उचित इलाज सुनिश्चित करने के आदेश दिए। साथ ही, मृतकों के आहत परिवारों के प्रति अपनी गहन सहानुभूति भी प्रकट की।

घटनाक्रम की समयरेखा

- बुधवार दोपहर 1 बजे: 13 लोग नदी में बह गए; विष्णु को तुरंत सुरक्षित कर लिया, 12 लापता।
- रात 9 बजे:: गगन, ओमपाल व मनोज के शव बरामद।
- शुक्रवार सुबह 6 बजे: एसडीएम के वाहन पर ग्रामीणों ने पथराव कर शीशा भंग किया।
- सुबह 7 बजे: ऊंटगिरि चौराहे पर जाम, बाद में कागाराैल चौराहे तक फैला।
- सुबह 8 बजे: अधिकारी पहुंचे, समझाबुझाकर जाम हटवाया।
- सुबह 9 बजे: एनडीआरएफ दल का आगमन।
- सुबह 11 बजे: भगवती का शव प्राप्त, पोस्टमॉर्टम हेतु भेजा।
- दोपहर 12:15 बजे: अभिषेक का पार्थिव शरीर मिला।
- दोपहर 1 बजे: सात लापता न मिलने पर दोबारा जाम व हंगामा।
- दोपहर 1:30 बजे: फोर्स ने जाम समाप्त कराया।
- दोपहर 2:30 बजे: सेना का 19 सदस्यीय दस्ता पहुंचा, तलाश शुरू।
- शाम 7:30 बजे: शव गांव लाए जाने पर कोहराम।
- रात 9 बजे: पांच शवों का दाह संस्कार।

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