अब क्लिक पर तय होगा बोर्ड परीक्षा का केंद्र... नकल गैंग पर नकेल, शिक्षा विभाग ने लागू की डिजिटल व्यवस्था
अयोध्या, अमृत विचार। माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने नकल की कॉपी-पेस्ट संस्कृति को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए डिजिटल व्यवस्था लागू की है। 2026 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं के केंद्रों का निर्धारण अब शत प्रतिशत ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से होगा, जिसमें कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं रहेगा। यह डिजिटल दांव नकल माफियाओं पर सीधा प्रहार है, जो वर्षों से परीक्षा केंद्रों में हेराफेरी कर छात्रों को फायदा पहुंचाते आए हैं।
नया सॉफ्टवेयर पूरी तरह स्वचालित होगा। यह स्कूलों की दूरी, छात्र संख्या, आधारभूत सुविधाएं और पिछले रिकॉर्ड पर आधारित केंद्र आवंटित करेगा। इससे मनमानी और भ्रष्टाचार की गुंजाइश समाप्त हो जाएगी। जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. पवन कुमार तिवारी ने राजकीय, सहायता प्राप्त और वित्तविहीन स्कूलों के प्रधानाचार्यों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि केंद्र निर्धारण में किसी भी प्रकार की सिफारिश या दबाव स्वीकार नहीं किया जाएगा। सभी स्कूलों को ऑनलाइन पोर्टल पर सटीक डेटा अपलोड करना अनिवार्य है। गलत जानकारी देने पर कड़ी कार्रवाई होगी। प्रधानाचार्यों से अपील की कि वे छात्रों के हित में इस प्रक्रिया का समर्थन करें।
यह कदम पिछले वर्षों की नकल की घटनाओं से सबक लेते हुए उठाया गया है। 2025 परीक्षाओं में कई केंद्रों पर पकड़े गए नकल गिरोहों ने बोर्ड की साख को धक्का पहुंचाया था। विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल सिस्टम से न केवल नकल रुकेगी, बल्कि परीक्षा की विश्वसनीयता बढ़ेगी। शिक्षाविद् डॉ. आरके सिंह ने कहा यह तकनीकी हस्तक्षेप शिक्षा व्यवस्था में क्रांति लाएगा। जिले में 446 माध्यमिक विद्यालयों में से करीब 200 कॉलेज ऐसे हैं जो नकल के लिए बदनाम हैं। अब इस बार डिजिटल निर्धारण से केंद्र के लिए पैरवी नहीं कर पायेंगे।
