दिल्ली लाल किला बम धमाका: एजेंसियों को बयानों में उलझा रहे भाई-बहन... सात दिनों की जांच में हाथ नहीं लगा खास सुराग 

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Published By Muskan Dixit
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लखनऊ व कानपुर में कई ऐसे जगह छापेमारी जहां नहीं मिला कोई मददगार

लखनऊ, अमृत विचार: दिल्ली लाल किला मेट्रो स्टेशन के बाहर हुए धमाके की मास्टर माइंड डॉ. शाहीन शाहिद और उसके भाई डॉ. परवेज से एटीएस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों लगातार पूछताछ कर रही है। एजेंसियों को भाई-बहन अपने बयान में उलझाए हुए हैं। उनसे मिली सूचना पर लगातार एटीएस छापेमारी कर रही है। पर, जिन स्थानों पर छापेमारी की गई वहां कोई मददगार नहीं मिला। लखनऊ में पारा समेत छह स्थानों पर छापेमारी की गई। इस दौरान भाई-बहन समेत एक दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया। पूछताछ व उनके डिटेल खंगालने के बाद कोई सुराग हाथ नहीं लगा। इसी तरह लखनऊ और कानपुर में कई ऐसी जगह छापे मारे जहां मददगार के नाम पर कोई नहीं मिला। सात दिन की जांच में एटीएस के हाथ कोई ऐसा सुराग नहीं लगा है जिससे यह पता चले की वह लखनऊ में किनसे मिलते थे।

चारबाग के होटल में रुके थे शाहीन के मददगार

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एटीएस को इनपुट दिया था कि डॉ. शाहीन दो महीना पहले लखनऊ आई थी। उसके मददगार चारबाग होटल में रुके थे। फिर ये लोग डॉ. शाहीन व डॉ. परवेज के साथ कानपुर तक गए थे। जांच एजेंसियों को जांच के दौरान इसकी पुष्टि नहीं हो पा रही है। एटीएस ने लखनऊ में डॉ. परेवज के घर तीन बार, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में दो बार और डॉ. शाहीन के पिता शाहिद अंसारी के खंधारी बाजार स्थित घर पर तीन बार जांच की। पड़ोसियों से भी शाहीन व परवेज की संदिग्ध गतिविधियों पर सवाल जवाब किए लेकिन ऐसा कुछ नहीं मिला। एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस 12 नवम्बर को मड़ियांव के मुतक्कीपुर स्थित डॉ. परवेज के घर पहुंची थी। यहां ताला तोड़ कर परवेज के घर की तलाशी ली थी। इसी दिन देर शाम परवेज को एटीएस ने हिरासत में ले लिया था। उससे रात भर पूछताछ की गई। फिर 13 नवम्बर को जम्मू-कश्मीर पुलिस उसे अपने साथ फरीदाबाद लेकर चली गई। वहां उससे लगातार पूछताछ की जा रही है। उसकी गिरफ्तारी अभी तक नहीं की गई है। एटीएस के अफसरों का यह मानना है कि डॉ. शाहीन के कहने पर उसने माडयूल के लिए कई तरह के काम किए।

दीपावली पर होनी थी बैठक

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एटीएस को इनपुट दिया कि इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में तैनाती के समय डॉ. परवेज ने बहन डॉ. शाहीन के कहने पर दीपावली पर एक बैठक की तैयारी की थी। इस बैठक में दिल्ली विस्फोट के बाद चर्चा में आए कश्मीरी माडयूल के डॉक्टरों को शामिल होना था। पर, डॉ. आदिल के वैवाहिक समारोह में इन डॉक्टरों की मौजूदगी में इस बैठक को स्थगित कर दिया गया था। एटीएस सूत्रों के मुताबिक डॉ. शाहीन ने इस बैठक के लिए लखनऊ और कानपुर के किसी होटल में ही बैठक करने को कहा था। इन दोनों जिलों के कई डॉक्टर सीधे डॉ. शाहीन के संपर्क में थे। यही वजह थी कि यह बैठक इन स्थानों पर करने की कवायद शुरू हुई थी। आशंका व्यक्त की जा रही है कि साजिश के किसी और चरण के लिए इन डॉक्टरों को एक साथ जुटाने की भूमिका बनाई गई थी। डॉ. शाहीन के कहने पर डॉ. परवेज सारे इंतजाम कर रहा था। इसके लिए पोस्टर भी तैयार कर लिए गए थे। इनमें डॉक्टरों का सेमिनार होना दिखाया जान था। इस बिन्दु को लेकर भी एटीएस पड़ताल कर रही है। हालांकि इंटीग्रल यूनिवर्सिटी की ओर से इस तरह का कोई सेमिनार नहीं होना था। एटीएस इस बारे में अभी कुछ नहीं बोल रही है। उसकी एक टीम कानपुर में भी कुछ डॉक्टरों को रडार पर लेकर जांच कर रही है।

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