काली चींटियां शुभ, लाल चींटियां अशुभ
जिस घर में काली चींटियां समूहबद्ध होकर घूमती हों वहां सुख-ऐश्वर्य में वृद्धि होती है। जबकि घर में लाल चींटियों का निकलना शुभ नहीं माना जात है। इससे बड़े नुकसान की आशंका रहती है।
जिस घर में काली चींटियां समूहबद्ध होकर घूमती हों वहां सुख-ऐश्वर्य में वृद्धि होती है। जबकि घर में लाल चींटियों का निकलना शुभ नहीं माना जात है। इससे बड़े नुकसान की आशंका रहती है।
शकुन शास्त्र के अनुसार, अगर चींटियां चावलों के भरे बर्तन में से निकले तो यह आपके लिए शुभ है। ऐसा माना जाता है कि कुछ दिनों बाद ही धन वृद्धि का योग शुरू होने वाला है। इस स्थिति में व्यक्ति की आर्थिक स्थिति अच्छी होती है।
घर में जहां सोने की चीजें रखी हुई हैं, उस जगह से काली चींटियां निकलें तो यह अत्यंत शुभ माना जाता है। इसका मतलब होता है कि स्वर्णादि धन की वृद्धि होने वाली है। अगर चींटियां छत से निकलें तो इसका मतलब होता है कि शीघ्र ही धन, संपत्ति और भौतिक चीजों में इजाफा होने वाला है।
घर में लाल चींटियों का आना शुभ नहीं माना जाता। मान्यताओं के अनुसार ये भविष्य की किसी उलझन, वाद-विवाद या धन के अपव्यय का संकेत है। इन्हें आटे में शक्कर मिलाकर घर से बाहर निकाल सकते हैं। लेकिन लाल चींटियां मुंह में अंडा दबाये घर के निकले तो यह शुभ फलदायी होता है।
घर में कम संख्या में काली चींटी की मौजूदगी घर में सुख, शांति, समृद्धि के लिए सकारात्मक संकेत है। लेकिन अधिक संख्या में हो जाएं, तो इन्हें घर के बाहर करना चाहिए। शनि स्तोत्र का पाठ और देवी लक्ष्मी की पूजा लाभप्रद होती है।
चींटियां अगर उत्तर दिशा से निकलें तो घर में सुख आने वाला है, अगर दक्षिण दिशा से निकलें तो लाभप्रद है। अगर पूर्व दिशा से निकलें तो कोई नकारात्मक सूचना घर आ सकती है। अगर पश्चिम से चीटियां निकलें तो कहीं बाहर जा सकते हैं।
चींटियों के अलावा अन्य शकुन यह भी है कि जिस घर में दीमक या मधुमक्खी का छत्ता हो उस घर में गृहस्वामी को असहनीय पीड़ा का सामना करना पड़ता है।