1- कुत्तों में मधुमेह की समस्या

शहर में देशी-विदेशी नस्ल के कुत्तों में मधुमेह की समस्या बढ़ती जा रही है। इनमें राॅटवीलर, जर्मन शेफर्ड, लेब्राडोर, पामेरियन, बॉक्सर, पग आदि शामिल हैं। हाई कैलोरी वाला भोजन खिलाने से इनमें फैट बढ़ रहा है। वजन बढ़ने से इनमें डायबिटीज के लक्षण भी दिखने लगे हैं।

2- क्यों हो रही समस्या?

पहले लोग अपने कुत्तों को टहलते थे अब लोगआलसी हो रहे हैं और इसका असर जानवरों पर भी पड़ रहा है। जिससे मोटापा बढ़ रहा है और कुत्तों में कई बीमारियां जन्म ले रही हैं। लोग कुत्तों की डाइट पर अधिक पैसा खर्च करते हैं लेकिन उनके शारीरिक अभ्यास पर ध्यान नहीं देते।

3- डॉक्टर की सलाह

मोटापे की वजह से फैटी लीवर, हड्डियों और फेफड़ों की गंभीर बीमारी से भी कुत्ते जूझ रहे हैं। मोटापे की वजह से कुत्तों की उम्र भी कम हो रही है। विशेषज्ञों के अनुसार अधिक वजन बढ़ने से कुत्ते की उम्र दो से तीन साल कम हो जाती है। आमतौर पर लेब्राडोर का वजन 30 से 40 किलो होता है, जो बढ़कर 60 किलो तक हो जा रहा है, 13 से 15 किलो का पग भी 17 से 20 किलो का हो रहा है।

4- कुत्तों में मधुमेह के लक्षण

चर्बी अधिक होना, कमर के दोनों हिस्सों को छूने पर चर्बी लटकती हुई नजर आए, छूने पर पसलियों के न होने का एहसास होना, सांस लेने में दिक्कत होना, दिनभर सुस्त रहना और दौड़ने में दिक्कत हो।