1. देव गण

जिन व्यक्तियों का जन्म अश्चिनी, मृगशिरा, रेवती, हस्त, पुष्य, पुनर्वसु, अनुराधा, श्रवण, स्वाती नक्षत्र में हुआ हो, उस व्यक्ति को देवगण की श्रेणी में आता है। ये सभी नक्षत्र मृदु नक्षत्र, लघु नक्षत्र और चर नक्षत्र होते हैं। इन नक्षत्रों की सौम्यता और शुभता ही इन्हें देव गण का स्थान देती है।

2. मनुष्य गण

जिन व्यक्तियों का जन्म पूर्वा फाल्गुनी, पूर्वा आषाढा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तर फाल्गुणी, उत्तर आषाढ, उत्तर भाद्रपद, आर्द्रा, रोहिणी और भरणी इन नक्षत्रों को मनुष्य गण कहते हैं। मनुष्य गण में जन्मा जातक सामान्य और साधारण जीवन जीने की इच्छा रखता है। वह स्वभाव से कोमल होते हैं तो कठोर भी हो सकते हैं। अपनी हद से बहुत आगे जा सकता है या फिर देव तुल्य काम करके पूजनीय बन सकता है।

3. राक्षस गण

जिन व्यक्तियों का जन्म कृतिका नक्षत्र, मघा नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र और मूल नक्षत्र में हुआ होता है, वे सभी व्यक्ति राक्षस गण के अन्तर्गत आते है।