1- खान-पान, उचित नींद और समय पर व्यायाम

चिकित्सकों का कहना है कि युवाओं को कड़ी मेहतन करने के साथ साथ स्वस्थ खान-पान, उचित नींद और समय पर व्यायाम कर अपने जीवनशैली को संतुलित बनाना सीखना चाहिए। उन्होंने कहा कि जरूरत से अधिक काम करने से लोग खराब जीवनशैली संबंधी बीमारियां की चपेट में समय से पहले ही आ रहे हैं।

2- विशेषज्ञों का कहना है

कुछ चिकित्सा विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि सप्ताह में 70 घंटे काम करने का नियम जरूरत से अधिक महत्वाकांक्षी’’ होगा और उन्होंने कार्यस्थलों पर टीम का नेतृत्व करने वालों से जोर देकर कहा कि वे सदस्यों के बीच काम को सही तरीके से बांटें और ‘‘किसी एक व्यक्ति से बहुत अधिक काम लेने की कोशिश न करें क्योंकि इसके कारण अकसर अत्यधिक शारीरिक एवं मानसिक थकान होती है।

3- इंफोसिस के सह-संस्थापक के बयान पर छिड़ा विवाद

इंफोसिस के सह-संस्थापक एन. आर. नारायण मूर्ति ने हाल में सुझाव दिया था कि देश की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करना चाहिए। सोशल मीडिया मंचों पर कुछ लोगों ने ‘अधिक काम करने की संस्कृति’ को कथित तौर पर बढ़ावा देने के लिए मूर्ति की आलोचना की, जबकि कई अन्य लोगों ने इसकी प्रशंसा भी की।

4- चिकित्सकों की सलह

दिल्ली में चिकित्सकों ने सचेत किया है कि जरूरत से अधिक काम करने से मधुमेह और सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस जैसी जीवनशैली संबंधी बीमारियां समय से पहले ही शुरू हो सकती हैं। दिल्ली के अपोलो अस्पताल में आंतरिक चिकित्सा के वरिष्ठ सलाहकार डॉ सुरनजीत चटर्जी ने कहा, ‘‘कड़ी मेहनत का मतलब यह नहीं है कि आप अपने स्वास्थ्य का ध्यान न रखें या उससे कोई समझौता करें। मेहनत करना ठीक है, लेकिन एक व्यक्ति को अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के साथ अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए।