युद्ध में खतरे का संकेत कैसे बना सायरन?
1937 में द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत में चेतावनी के संकेत के रूप में सायरन का प्रयोग बडे़ पैमाने पर शुरू
1937 में द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत में चेतावनी के संकेत के रूप में सायरन का प्रयोग बडे़ पैमाने पर शुरू
इस युद्ध में जर्मनी में लगभग 11,000 सायरन बजाकर जनता को हवाई हमले की चेतावनी दी जाती थी.
केवल हवाई हमले की चेतावनियों और खतरे के गुजर जाने के बाद ऑल-क्लियर बताने के लिए उपयोग किया जा सकता
सायरन मतलब खतरे की घंटी. सायरन बजेगा आपको अपने-अपने घरों में ही या किसी भी छत के नीचे आ जाना है और सभी तरह की लाइट बंद कर देनी है