गर्मियों की छुट्टियां हों या फिर वीकेंड लोग किसी हिल स्टेशन, झील-झरना या फिर हेरिटेज देखने का प्लान नहीं कर रहे हैं
देसी और विदेशी दोनों पर्यटक आजकल गांव का रुख कर रहे हैं खेत-खलिहान के बीच समय बिताना पसंद कर रहे हैं
पर्यटक इसमें खूब दिलचस्पी ले रहे हैं. गांव में जाकर कटाई, बुआई और निराई सीख रहे हैं.
भाग-दौड़ भरी जिंदगी से सुकून और शांति मिल रही है
सोशल मीडिया के बिना भी जीवन कितना अच्छा हो सकता है, पशुपालन, खेती इन सारी चीजों के बारे में आप उन्हें जागरूक कर सकते हैं.
एग्री टूरिज्म से तनाव भी दूर होता है, हरे भरे खेत आपके दिल-दिमाग को शांति पहुंचाते हैं.वहीं, सुबह जल्दी उठना सूर्योदय देखना और शाम को सूर्यास्त देखने का सुख ही अलग है