मुरादाबाद : गांव पहुंचे दोनों श्रमिकों के शव तो दहाड़ें मारकर रोने लगे परिजन, गमगीन माहौल में हुआ अंतिम संस्कार

दोपहर एक बजे गांव पहुंचे थे शव, - सुबह से ही थी गजगोला नानकबाड़ी गांव में खामोशी

मुरादाबाद : गांव पहुंचे दोनों श्रमिकों के शव तो दहाड़ें मारकर रोने लगे परिजन, गमगीन माहौल में हुआ अंतिम संस्कार

पाकबड़ा,अमृत विचार। दो श्रमिक परिवारों के मुखिया का मंगलवार दोपहर ढाई बजे के दौरान गागन नदी के किनारे अंतिम संस्कार किया गया। हादसे में मारे गए श्रमिक राजू व करन सिंह की शव यात्रा दोपहर दो बजे के दौरान श्मशान घाट के लिए निकली थी। गांव से करीब एक-डेढ़ किमी दूर नदी किनारे श्मशान घाट तक इनकी शव यात्रा में काफी भीड़ थी। उमरी सब्जीपुर, गिन्नौर द माफी समेत आसपास के कई गांव के लोग भी श्रमिकों के शव के अंतिम दर्शन को आए थे। गजगोला नानकबाड़ी गांव निवासी राजू व करन सिंह के शव गांव पहुंचते ही परिजन दहाड़ें मारकर रोने लगे। 

दोनों की पत्नियां बार-बार बेसुध हो जा रही थीं। अन्य महिलाएं इन्हें संभाल रही थीं। उधर, मृतक राजू के भाई अतर सिंह, सुशील, सुनील और दूसरे घर में चंद्रपाल सिंह अपने भाई करन सिंह के शव के अंतिम संस्कार की तैयारी में जुटे थे। गांव से पहले राजू के शव की अंतिम यात्रा निकली और 10 मिनट के अंतराल में पीछे से करन सिंह के शव की भी श्मशान घाट के लिए यात्रा शुरू हो गई थी। गागन नदी किनारे दोनों मृतक श्रमिकों के बेटों ने मुखाग्नि दी। राजू के शव को बेटे निशांत ने और करन सिंह के शव को बेटे विशाल ने मुखाग्नि दी। निशांत अभी 12 साल का है, जबकि करन का बेटा विशाल 18 साल का है।

पारिवारिक पृष्ठभूमि
मृतक राजू चार भाइयों में दूसरे नंबर के थे। इनमें अब बड़े भाई अतर सिंह, छोटे दो भाइयों में सुशील व सुनील हैं। अतर सिंह की पत्नी कुमकुम ग्राम पंचायत की मौजूदा प्रधान हैं। दूसरे मृतक करन सिंह तीन भाई थे। करन के बाद अब चंद्रपाल सिंह बचे हैं, तीसरे भाई राजकुमार कई वर्ष पहले से लापता हैं।
जिंदगी मौत से जूझ रहा चार बहनों का इकलौता भाई हादसे में ई-रिक्शा चालक राजकुमार और उनका बेटा मोहित भी घायल हुआ था। मोहित जिंदगी-मौत से जूझ रहा है। वह टीएमयू में आइसीयू में है। इसकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। राजकुमार के कुल पांच बच्चे हैं। इनके चार बेटियों में बड़ी बेटी छाया है। जबकि मोहित दूसरे नंबर का है। राजकुमार ने डेढ़ साल पहले ही ई-रिक्शा खरीदा था।

गोल चक्कर के पास हुआ था हादसा
मृतक राजू के बड़े भाई अतर सिंह ने बताया कि उनके करन सिंह ने अपनी 4 बीघे जमीन बेचकर डेढ़ साल पहले नयागांव में हड्डी मिल के पास प्लाट खरीदा था। इसी में बाउंड्री बन रही थी। इसी में काम करके उनके भाई राजू, करन सिंह, मोहित, राजकुमार व अन्य लोग सोमवार शाम को वापस घर लौट रहे थे। बुद्धि विहार फेज-2 में नोदी एक्सपोर्ट के पीछे गोल चक्कर के पास ई-रिक्शा में ट्रैक्टर-ट्रॉली ने साइड से टक्कर मार दी थी। इसमें राजू-करन सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य लोग घायल हुए थे।

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