अल्मोड़ा: मारपीट प्रकरण सियासत में बदला तो भाजपा में गुटबाजी की खुली पोल 

अल्मोड़ा: मारपीट प्रकरण सियासत में बदला तो भाजपा में गुटबाजी की खुली पोल 

रानीखेत / अल्मोड़ा, अमृत विचार। जिले की रानीखेत विधानसभा में विधायक के भाई और भांजे के एक ग्राम प्रधान से मारपीट के मामले ने अब सियासी रूप ले लिया है। इससे जहां रानीखेत विधानसभा में भाजपा की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। वहीं भाजपा विधायक और भाजपा के ही दर्जा प्राप्त मंत्री अब एक दूसरे पर गंभीर आरोप भी लगा रहे हैं।

रानीखेत विधानसभा में मचे इस घमासान के बाद जहां विपक्ष को बैठे बिठाए आक्रामक होने का मौका मिल गया है। वहीं पार्टी नेताओं के बीच चल रही इस अनबन से भाजपा संगठन के कान भी खड़े हो गए हैं। 

दरअसल बीते दिनों रानीखेत के विधायक प्रमोद नैनवाल के भाई सतीश नैनवाल और भांजे संदीप बधानी का सीम के ग्राम प्रधान संदीप खुल्वे के साथ किसी मामले को लेकर विवाद हो गया था। मामला मारपीट तक पहुंच गया। जिसके बाद दोनों पक्षों की ओर से भतरौंजखान थाने में तहरीर दी गई। इस बीच ग्राम प्रधान संदीप खुल्वै और उनके समर्थकों द्वारा पुलिस पर विधायक के भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज न कराने का आरोप लगाया।

जिसके बाद ग्राम प्रधान खुल्वै के समर्थन में भाजपा के ही दर्जा प्राप्त मंत्री कैलाश पंत और कुछ प्रभावशाली लोग भतरौंजखान थाने पहुंचे और विधायक के भाई के खिलाफ मुदकमा दर्ज होने तक थाने में ही डटे रहे। पुलिस ने राजनीतिक दखल देख दोनों पक्षों की तहरीर के आधार पर विधायक के भाई और भांजे समेत दूसरे पक्ष के ग्राम प्रधान संदीप खुल्वै के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर लिया।

लेकिन मामला यहीं समाप्त नहीं हुआ। बल्कि यहां से इस मामले ने सियासी रूप धारण कर दिया। रानीखेत के भाजपा विधायक डॉ. प्रमोद नैलवाल जहां इस पूरे मामले के बाद दर्जा प्राप्त मंत्री कैलाश पंत को पार्टी और उन्हें दिए गए दायित्व से निष्कासित करने की वकालत कर रहे हैं। वहीं दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री कैलाश पंत विधायक प्रमोद नैनवाल पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने का आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में पार्टी के दोनों नेताओं के बीच पैदा हुए इस खटपट से जहां संगठन के कान खड़े हो गए हैं। वहीं विपक्ष को भी भाजपा पर हमला बोलने का बैठे बिठाए मौका मिल गया है। 

कैलाश पंत रानीखेत विधानसभा से टिकट के दावेदारों में एक थे। लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो उन्होंने पार्टी विरोधी गतिविधियां शुरू कर मुझे नुकसान पहुंचाने का पूरा प्रयास किया। मारपीट प्रकरण में वह कांग्रेस के नेताओं के साथ थाने पहुंचे। यह इसका खुला प्रमाण है। लोकसभा चुनावों में भी पंत ने पार्टी के विरोध में काम किया। इसलिए पार्टी को उन्हें दिए गए दायित्व और पार्टी की सदस्यता से भी निष्कासित कर देना चाहिए। 
-डा. प्रमोद नैनवाल, विधायक रानीखेत

रानीखेत के विधायक हमेशा संगठन और पार्टी की नीतियों व नियमों के खिलाफ रहे हैं। 2017 में उन्होंने पार्टी में होते हुए पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के विरोध में निदर्लीय चुनाव लड़ा तो बेतालघाट में भी उन्होंने अपनी बहन को पार्टी उम्मीदवार के विपक्ष में खड़ा किया। लोकसभा चुनाव में भी विधायक और उनके समर्थक पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहे। विधायक के परिजन और समर्थक क्षेत्र में अराजकता फैलाकर पार्टी की छवि का धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। इसलिए वह संगठन से मांग करेंगे कि उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। 
-कैलाश पंत, अध्यक्ष राज्य सलाहकार श्रम संविदा बोर्ड, उत्तराखंड 

रानीखेत विधानसभा में विधायक के भाई के मारपीट का मामला संज्ञान में आया है। जिसमें दायित्वधारी कैलाश पंत का संदर्भ भी है। ऐसी स्थिति क्यों सामने आ गई। इसके बारे में पूछा जाएगा। पार्टी की छवि को किसी भी कीमत पर धूमिल नहीं होने दिया जाएगा। 
-महेंद्र भट्ट , भाजपा प्रदेश अध्यक्ष 

बीजेपी विधायक के भाई का नाम उद्यान विभाग के घोटाले में भी पूर्व में सामने आया था। अब बीजेपी विधायक के भाई और भांजे के खिलाफ एक प्रधान के साथ मारपीट एवं गाली गलौज के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ। ठीक इसके बाद अब नया प्रकरण सामने आया है। जिसमें वह मंत्री बनाए जाने को लेकर पैसे देने की बात एक नेता से कर रहे हैं। इस बात में कितनी सच्चाई है, यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन राजनीति किस दिशा की ओर जा रही है, यह उसको दिखाता है। हालांकि यह बीजेपी का अंदरूनी मामला है लेकिन जनप्रतिनिधियों को अपनी गरिमा का ध्यान जरूर रखना चाहिए। 
-करन माहरा, प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी