यूपी में ग्रीष्मावकाश के बाद स्कूल खुलते ही कक्षा 1 व 2 के बच्चों को टेबल पर मिलेंगी किताबें, इस बार शिक्षकों की ये है जिम्मेदारी

यूपी में ग्रीष्मावकाश के बाद स्कूल खुलते ही कक्षा 1 व 2 के बच्चों को टेबल पर मिलेंगी किताबें, इस बार शिक्षकों की ये है जिम्मेदारी

रविशंकर गुप्ता अमृत विचार लखनऊ।  लखनऊ बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा एक और दो के करीब 45 लाख बच्चों को स्कूल खुलते ही किताबें वितरित की जाएंगी। किताबों की छपाई के लिए वर्कआर्डर भेज दिया गया है। जिले स्तर से भी प्रक्रिया अब शुरू हो जाएगी। विभाग का लक्ष्य है कि इसी ग्रीष्मावकाश भर में किताबों की छपाई से लेकर स्कूलों में वितरण करने तक कार्य को पूरा कर लिया जाये ताकि विद्यालय में बच्चे पढ़ने के लिए जब जाएं तो किताबें उनकी टेबल पर मौजूद रहें। विभाग ने किताबों की छपाई के लिए प्रकाशकों को वर्क आर्डर की कॉपी 22 मई को भेजी है। जिसमें पहली शर्त है कि किताबों की छपाई समय से हो और क्ववालिटी अच्छी रहे। वहीं किताबें पहुंचने के बाद शिक्षकों की जिम्मेदारी होगी कि एक भी बच्चा किताबों से वंचित न रहने पाये और नियमित पढ़ाई शुरू कराई जाये। 

इस बार नये कलेवर में दिखेंगी किताबें

इस बार से कक्षा-एक व दो में एनसीईआरटी की किताबों से बच्चों को पढ़ाया जायेगा। कक्षा एक में भी कलरव के स्थान पर हिंदी, गणित और अंग्रेजी विषय की अलग-अलग किताबें बच्चों को उपलब्ध कराई जाएंगी। नई पुस्तकों के साथ कार्य पुस्तिका भी बच्चों को उपलब्ध कराई जाएगी। कार्य पुस्तिका से बच्चे अभ्यास कर विषय को जल्दी और अच्छी तरह से सीख सकेंगे। अधिकारियों का भी कहना है कि कक्षा-एक व दो में एनसीईआरटी की किताबें दिए जाने की तैयारी पूरी है।

ये थी देरी की वजह

परिषदीय स्कूलों में इस शैक्षिक सत्र से कक्षा एक व कक्षा दो के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबें पढ़ाई जानी हैं। एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू करने से संबंधित औपचारिकताएं पूरी करने में बेसिक शिक्षा विभाग को थोड़ा समय लग गया उसके बीच अचार संहिता भी बीच में आड़े आई लेकिन चुनाव आयोग की भी अनुमति मिल गई।चूकि अभी स्कूल खुलने में समय है इसी में किताबें के छपने और पहुंचाने की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जायेगा।

इन बच्चों को यदि किताबें नहीं मिली तो बीएसए जिम्मेदार

वहीं कक्षा 3 से लेकर 8 किताबों से कोई बच्चा वंचित रह गया है तो उसके लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी जिम्मेदार माने जायेंगे। इस संबंध में उच्च अधिकारियों का कहना है कि पूरी किताबों की सप्लाई जिलों में भेजी जा चुकी है। फिर भी किसी बच्चे को यदि किताब नहीं मिली है तो उसके लिए बीएसए और बीईओ को दोषी माना जायेगा।

कोट...............
"कक्षा तीन से आठ तक 100 फीसदी किताबों की सप्लाई सभी जिलों में पहले हो चुकी है। अब कक्षा एक और दो की किताबों के लिए वर्क आर्डर 22 मई को जारी कर दिया गया है। किताबें स्कूल खुलते ही बच्चों को मिल जायेंगी। सवा दो करोड़ किताबें छपेंगी यदि कमी होती है तो तत्काल उसकी व्यवस्था हो जायेगी"
माधव तिवारी, पाठ्य पुस्तक अधिकारी, बेसिक शिक्षा विभाग

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