भारतीय नियामकों की ताकत पर भरोसा करें यूरोपीय नियामकः आरबीआई गवर्नर

भारतीय नियामकों की ताकत पर भरोसा करें यूरोपीय नियामकः आरबीआई गवर्नर

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि भारत की स्थिति पहले की तुलना में आज काफी अलग है और विकसित दुनिया को भारतीय नियामकों की विश्वसनीयता एवं ताकत पर भरोसा करने की जरूरत है।

दास ने यूरोपीय प्रतिभूति एवं बाजार प्राधिकरण (एस्मा) और ब्रिटेन द्वारा भारतीय समाशोधन संस्थाओं की मान्यता रद्द करने के संदर्भ में यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार का बुनियादी ढांचा सभी अंतरराष्ट्रीय मानकों का अनुपालन करता है।

दास ने मौद्रिक नीति की द्विमासिक समीक्षा के बाद यहां संवाददाताओं से कहा, ''मुझे लगता है कि दूसरे नियामकों को भारतीय नियामकों की विश्वसनीयता और ताकत पर भरोसा करना चाहिए।

हम उन्हें यह बात समझाने की कोशिश कर रहे हैं। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारत 10, 20 या 30 साल पहले की तुलना में काफी अलग है और यहां के नियम मजबूत हैं। एस्मा ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह अगले साल एक अप्रैल से छह प्रमुख समाशोधन संस्थाओं को मान्यता देना बंद कर देगा।

इसके बाद बैंक ऑफ इंग्लैंड ने भी इसी तरह का कदम उठाया। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रविशंकर भी यूरोपीय नियामकों के इस कदम को 'दुर्भाग्यपूर्ण हस्तक्षेप' बता चुके हैं।

उन्होंने बुधवार को भी कहा कि इस मामले में चर्चा चल रही है और आरबीआई को एक सहमति तक पहुंचने की उम्मीद है। हालांकि उन्होंने इसके बारे में अधिक ब्योरा नहीं दिया।

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