हल्द्वानी: घट रहा गौला बैराज का जलस्तर, बारिश पर टिकी उम्मीद

हल्द्वानी: घट रहा गौला बैराज का जलस्तर, बारिश पर टिकी उम्मीद

हल्द्वानी, अमृत विचार। गर्मी बढ़ने और बारिश नहीं होने से काठगोदाम गौला बैराज का जलस्तर तेजी से घट रहा है। इससे सिंचाई विभाग की चिंता भी बढ़ने लगी है।

सिंचाई विभाग को बारिश होने की उम्मीद है, जिससे जलस्तर बढ़ सके। शनिवार को गौला बैराज का जलस्तर 62 क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया है। जलस्तर कम होने से पेयजल आपूर्ति और सिंचाई के पानी का भी संकट खड़ा हो गया है। आने वाले दिनों में बारिश नहीं हुई तो शहर के लिए नदी से जल संस्थान के फिल्टर प्लांट को दिए जाने वाला पानी भी मिलना मुश्किल हो जाएगा।

मौसम विभाग ने भी हाल-फिलहाल बारिश नहीं होने का अनुमान जताया है। जिस वजह से सिंचाई विभाग और जल संस्थान दोनों ही महकमों की नींद उड़ी हुई है। गौला बैराज से 30 क्यूसेक पानी जल संस्थान के शीशमहल स्थित ट्रीटमेंट प्लांट को दिया जाता है। जबकि 32 क्यूसेक पानी नहर में सिंचाई के लिए छोड़ा जाता है। गौला बैराज में पानी कम होने से सिंचाई के लिए किसानों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है।

गौला बैराज के इंचार्ज मनोज तिवारी ने बताया कि बीते कुछ दिनों से जलस्तर में गिरावट दर्ज की जा रही है। आने वाले दिनों में बारिश नहीं हुई तो पेयजल व सिंचाई के लिए संकट गहरा सकता है।

10 से 15 मिमी बारिश की जरूरत
 सिंचाई विभाग के अधिकारियों के अनुसार अगर बारिश नहीं हुई तो अगले तीन से चार सप्ताह बाद सिंचाई और पेयजल के लिए बैराज से पानी मिलना मुश्किल हो जाएगा। जलस्तर सुधारने के लिए कम से कम 10 से 15 मिमी बारिश की जरूरत है। इधर, मौसम विभाग का अनुमान है कि इस बार उत्तराखंड में मानसून 20 जून के आसपास आ सकता है। 30 मई से दो जून के बीच मानसून केरल में प्रवेश कर सकता है। केरल में पहुंचने के करीब तीन सप्ताह बाद मानसून उत्तराखंड में आता है। 

बैराज का जलस्तर 
15 मई- 62 क्यूसेक
16 मई- 64 क्यूसेक
17 मई- 62 क्यूसेक
18 मई- 62 क्यूसेक