बाराबंकी: 2022 में ही दरकने लगी थी भाजपा की दीवारें, मौकापरस्त बनाम वफादारों के बीच सुलग रही थी अन्दरूनी जंग

बाराबंकी: 2022 में ही दरकने लगी थी भाजपा की दीवारें, मौकापरस्त बनाम वफादारों के बीच सुलग रही थी अन्दरूनी जंग

श्रीनिवास त्रिपाठी/ बाराबंकी, अमृत विचार। विधानसभा चुनाव 2022 में ही भाजपा की दीवारें दरकने लगी थीं। भाजपा में मौका परस्त बनाम वफादारों के बीच यह आग 2022 के विधानसभा चुनाव व उसके बाद हुए निकाय चुनाव में भी टिकट बंटवारे को लेकर देखी गई। निकाय चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर कार्यकर्ताओं में जो असंतोष व आक्रोश उपजा वह लोकसभा चुनाव में साफ दिखाई पड़ा।

 यही नहीं 2017 में पांच सीटें जीतने वाली भाजपा 2022 के विधानसभा चुनाव में तीन सीटों पर सिमट गई।2022 के विधानसभा चुनाव में कुर्सी, हैदरगढ़ और दरियाबाद सीट बीजेपी के पक्ष में रही। लेकिन 2017 की अपेक्षा 2022 के चुनाव में भाजपा के जीत का अंतर कम होता गया। 

2017 में सदर विधानसभा सीट से सपा के धर्मराज यादव ने भाजपा प्रत्याशी हरगोविंद सिंह को 29,705 मतों से पराजित किया था, जबकि 2022 में धर्मराज यादव ने भाजपा प्रत्याशी डॉ. राम कुमारी मौर्या को  35,050 मतों से पराजित किया। 

कुर्सी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी साकेंद्र वर्मा ने सपा प्रत्याशी फरीद महफूज किदवई को 2017 के विधानसभा चुनाव में 28,669 मतों से पराजित किया जबकि 2022 के विधानसभा चुनाव में  साकेन्द्र वर्मा सपा प्रत्याशी राकेश वर्मा से महज 217 मतों से ही चुनाव जीत सके। 

इसी तरह  रामनगर विधानसभा क्षेत्र से शरद अवस्थी ने 2017 के चुनाव में अरविंद सिंह गोप को 22,727 मतों से पराजित किया जबकि 2022 के चुनाव में शरद अवस्थी 261 मतों से सपा प्रत्याशी फरीद महफूज के किदवाई से चुनाव हार गये। 
हैदरगढ़ विधानसभा की बात की जाए तो 2017 में बैजनाथ रावत को 33,520 मत प्राप्त हुए थे। उन्होंने सपा प्रत्याशी राम मगन रावत को 33,520 मतों से पराजित किया था। वहीं विधानसभा 2022 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी दिनेश रावत सपा से चुनाव लड़ रहे राममगन को 25,691 मतों से ही पराजित कर सके। 

दरियाबाद सीट सतीश चन्द्र शर्मा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में कई बार के विधायक व प्रदेश सरकार में मंत्री रहे सपा प्रत्याशी स्व. राजा राजीव कुमार सिंह को 50,686 मतों से पराजित किया। जबकि 2017 के चुनाव सतीश चंद्र शर्मा 32,402 मतों से ही चुनाव जीत सके। 2017 के विधान सभा चुनाव में जैदपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी व पूर्व सांसद उपेन्द्र रावत चुनाव जीते, मगर 2019 में लोकसभा चुनाव में जीत के बाद यहां उपचुनाव हुआ। उपचुनाव में सपा के गौरव रावत ने भाजपा के प्रत्याशी अम्बरीष रावत को 4,165 मतो से पराजित किया। 

जबकि जैदपुर विधान सभा के लिए हुए विधानसभा चुनाव 2022 में गौरव रावत एक बार फिर भाजपा प्रत्याशी अम्बरीष रावत को पराजित करने में कामयाब रहे। इस तरह विधानसभा चुनाव 2017 के मुकाबले भाजपा प्रत्याशियों के जीत का अंतर 2022 के विधानसभा चुनाव में कम होता रहा। जबकि हार में मतों का अंतर बढ़ता गया। राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि राजनीतिक फायदे के लिए भाजपा में आयातित दूसरे दलों के नेताओं का वर्चस्व व अपने मूल कार्यकर्ताओं की उपेक्षा लोकसभा चुनाव में भाजपा को भारी पड़ी।

2017 के मुकाबले 2022 में भाजपा को कम मिले वोट

सदर विधानसभा--5345 मत कम हुए
कुर्सी विधान सभा--28462 मत कम 
रामनगर विधानसभा--22460 मत कम 
हैदरगढ़---7829 मत कम मिले
दरियाबाद---18284 मत कम रहे
जैदपुर में 2019 उपचुनाव की अपेक्षा 1183 से हुई हार, मतों में बढोत्तरी

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