राष्ट्रीय बालिका दिवस विशेष: खेल और शिक्षा के क्षेत्र में सफलता का शिखर छू रहीं बेटियां

किसी को खेल तो किसी को समाज सेवा में बुलंदी छूने की है ख्वाहिश, मिल रहा बढ़ावा

राष्ट्रीय बालिका दिवस विशेष: खेल और शिक्षा के क्षेत्र में सफलता का शिखर छू रहीं बेटियां

जूही दास/ मुरादाबाद, अमृत विचार। जुनून व जज्बे से भरी बेटियां सफलता के नीले आसमान पर सुनहरे अक्षरों में अपना नाम लिख रही हैं। मेहनत, अथक प्रयास व लगन के बूते हमारी सोन चिरैया साबित करने में जुटी हैं कि प्रतिस्पर्धा की दौड़ में वह  कहीं भी पीछे नहीं हैं। बात चाहें खेल के मैदान में मेडल जीतने की हो या फिर पठन-पाठन के क्षेत्र की, वह हर विधा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए सफलता का शिखर छू रही हैं। महानगर की रहने वाली ऐसी ही कुछ होनहार बेटियों से हम आप सभी को रूबरू कराने जा रहे हैं।

क्रिकेट में प्रतिभा का लोहा मनवा रहीं गोल्डी सिंह
अगवानपुर निवासी 15 वर्षीय गोल्डी सिंह में क्रिकेट के प्रति समर्पण व जूनुन है। दो साल पहले क्रिकेट खेलना शुरू किया। अपनी प्रतिभा व शानदार प्रदर्शन से अब तक हरियाणा, राजस्थान, अयोध्या में राज्य व नेशनल स्तर प्रतियोगिता में बल्लेबाजी से प्रभावित किया। 10वीं की छात्रा गोल्डी का सपना है कि वह भारतीय टीम का हिस्सा बन देश का नाम रोशन करें। इसी लक्ष्य के साथ वह मेहनत कर रही हैं।  

रक्त मुहैया करा कर बचा रहीं लोगों की जान
दीनदयाल नगर निवासी मुस्कान का लक्ष्य है कि वह जरुरतमदों की निस्वार्थ सेवा करें। मुस्कान बताती है कि कोरोना महामारी के समय मचे हाहाकार से उन्हें यह प्रेरणा मिली। समाजसेवी संस्था परिवर्तन के साथ मिलकर लोगों को ब्लड व आवश्यकता की वस्तुएं मुहैया कराने में जुट गई। वह वर्तमान में एमबीए कर रही है। वह मुरादाबाद व दिल्ली ब्रांच का ब्लड डोनेशन का कार्य देख रही है।

नेशनल कैंप का हिस्सा रह चुकी हैं अनामिका
 लाइनपार निवासी अनामिका ने करियर की शुरुआत पारकर क्रिकेट एकेडमी से की। अनामिका बताती हैं कि बचपन से ही क्रिकेट से लगाव था। घर के पास ही लड़कों के साथ क्रिकेट खेलती थी। घरवाले शुरू में रोकटोक करते थे लेकिन, उन्होंने अपने कदम पीछे नहीं किए। वह एकेडमी में अपना खेल निखार रही है। वह अंडर 19 नेशनल टीम का कैंप कर चुकी है। अनामिका ने बताया कि भारतीय टीम की ओर से खेलते हुए देश और शहर का नाम रोशन करना चाहती हूं।

पुलिसकर्मी बन देश की रक्षा करना चाहती है बुशरा
पुलिसकर्मी बनकर बेटियों की सुरक्षा करने का सपना लेकर बुशरा खान आगे बढ़ रही हैं। जूडों में आत्मनिर्भर बनकर बेटियों के लिए प्रेरणा बनी हैं। बुशरा बताती हैं कि वह नौ बहनें है। परिजनों को बेटे की टीस को देखकर उन्होंने भी आगे बढ़ने की ठानी। प्रभादेवी में हाईस्कूल के दौरान उन्होंने खेलों में प्रतिभाग करना शुरू किया। जूडाे इसलिए चुना कि मनचलों को सबक सिखा सके। इसी उद्देश्य से बुशरा ने आईडब्ल्यूसी नॉर्थ स्टार जूडो अकादमी में पंजीकरण कराकर अभ्यास करना शुरू कर दिया।

जरूरतमंद बच्चों में जगा रही शिक्षा की अलख
बीटीसी कर योगिता जरूरतमंद बच्चों में शिक्षा की अलख जगा रही हैं। तीन सालों से मलिन बस्तियों के बच्चों को संस्था के माध्यम से निःशुल्क शिक्षा दे रही है। योगिता बताती है कि कोरोना महामारी में भी मलिन बस्तियों के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाना व फ़ोन के माध्यम से बच्चों व उनके घरवालों को कोविड-19 के प्रति जागरूक किया। पिताजी अध्यापक है। जिनसे वह बचपन से ही प्रेरित है। वह बताती है कि विभिन्न विद्यालयों में बच्चों का दाखिला भी कराया गया है। इसके अलावा घर-घर जाकर परिजनों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित कर रही हैं। 

लंबी कूद में 18 साल की सोनिया ने जीते 70 मेडल
मुरादाबाद।  युवा खिलाड़ी सोनिया लंबी कूद में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहीं हैं। 18 साल की उम्र में वह 70 मेडल जीत चुकी है। मथुरा में दिसंबर में हुई ओपन नेशनल चैम्पियनशिप में लंबी कूद प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल हासिल किया है। वह छह साल से लगातार स्टेट मेडल हासिल कर रही हैं। सिविल लाइंस क्षेत्र के शक्ति नगर नया गांव निवासी सोनिया की बचपन से ही खेलकूद में रूचि थी। 12 साल की उम्र में ही उन्होंने खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था। नेशनल चैंपियनशिप में सोनिया ने दिसंबर 2022 में ही गोल्ड मेडल हासिल किया है। ओलंपिक में खेलना ही उनका लक्ष्य है। इससे पहले वह इंटरनेशनल जीतना चाहती हैं।

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