जिला पंचायत बोर्ड बैठक : सदस्यों की नाराजगी के बीच वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 37.54 करोड़ रुपये का बजट मंजूर

जिला पंचायत सदस्य, अध्यक्ष और एमएलसी-विधायक ने खोला अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा

जिला पंचायत बोर्ड बैठक : सदस्यों की नाराजगी के बीच वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 37.54 करोड़ रुपये का बजट मंजूर

जिला पंचायत की बोर्ड बैठक में सदस्यों ने अधिकारियों की कार्यशैली पर उठाई अंगुली, उपेक्षा और असम्मान का मुद्दा पूरी बैठक में छाया रहा

मुरादाबाद, अमृत विचार। जिला पंचायत बोर्ड की इस साल की पहली बैठक हंगामेदार रही। जिंप सदस्यों के साथ ही अध्यक्ष, एमएलसी-विधायकों ने अधिकारियों की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा कर मोर्चा खोला। कहा कि जन प्रतिनिधियों के सम्मान से खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों को सुधरना होगा, अन्यथा हमें सुधारने आता है। नाराजी और हंगामे के बीच सदन ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 37.54 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया। साथ ही वित्तीय वर्ष 2022-23 का 8121.85 करोड़ रुपये का पुनरीक्षित बजट भी सदन ने स्वीकृत कर दिया।

जिला पंचायत बोर्ड की बैठक शनिवार को सर्किट हाउस सभागार में हुई। इसमें अधिकारियों की कार्यशैली से नाराज जिला पंचायत सदस्यों की पिछली बैठकों की तल्खी हावी रही। कई जिला पंचायत सदस्य बैठक में नहीं आए तो जो आए उन्होंने अधिकारियों की लापरवाह और अपमान करने वाली शैली की टीस बयां किया। बैठक में कई सदस्यों ने कहा कि सवाल करने का कोई मतलब ही नहीं, क्योंकि विभागों के अधिकारी जब सवालों के जवाब देने और समस्या निस्तारण में उपेक्षा करते हैं। ऐसे में बैठक का औचित्य नहीं बनता। सदस्य जेपी सैनी ने कहा कि कोई सवाल नहीं पूछना है। सदन की कार्यवाही के औपचारिक शुरुआत से पहले अपर मुख्य अधिकारी शिशुपाल शर्मा के द्वारा सवाल पूछने के लिए कहने पर कहा कि बिजली विभाग के अधिकारियों से 11000 वोल्टेज की एचटी लाइन से खतरे को देखते हुए उसे डिस्कनेक्ट करने के लिए कहा था, लेकिन विभाग के अधिकारियों ने नहीं सुना, फिर क्या सवाल पूछें।

बाद में कोरम पूरा होने पर जिला पंचायत अध्यक्ष की सहमति से जब औपचारिक रुप से बैठक चली। तो संचालन कर रहे अपर मुख्य अधिकारी ने आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 में विकास कार्यों के लिए 3754.44 लाख रुपये का मूल बजट सदन में रखा गया। जिस पर नाराजगी के बीच सदस्यों ने चर्चा कर इसे मंजूरी दे दी। साथ ही 2022-23 के पुनरीक्षित बजट 8121.85 लाख रुपये को भी सदन की मंजूरी के लिए रखा गया। जिस पर वर्तमान वित्तीय वर्ष के मूल बजट को पुनरीक्षित कर करीब दोगुना करने पर आपत्ति सदस्यों और जन प्रतिनिधियों ने की। जिस पर अपर मुख्य अधिकारी ने कहा कि इसके पहले के बजट में 50 करोड़ रुपये रह गए थे। जिसको समायोजित करने के बाद मूल बजट 81.21 करोड़ का हुआ। अनुरोध के बाद सदन ने ध्वनिमत से इसे भी मंजूरी दे दी। 

आय व व्यय का दिया ब्योरा
अपर मुख्य अधिकारी ने बताया कि मूल बजट में राज्य वित्त आयोग से वेतन व पेंशन के लिए 290 लाख रुपये मिलने का प्रावधान है। इसके अलावा आय पक्ष में विभव एवं संपत्ति कर 55 लाख, मृतपशु शव निस्तारण से पांच लाख, लाइसेंस से 88 लाख रुपये, जिला पंचायत की संपत्तियों के किराए से 30 लाख, जिला निधि ब्याज से 12 लाख, नौका घाट से एक लाख रुपये का आय प्रस्तावित किया गया है।

खाली कुर्सियां देख आया पसीना, फोन कर सदस्यों को बुलाया
बैठक दिन में एक बजे से होनी थी। लेकिन डेढ़ बजे तक केवल दो सदस्य ही सदन में उपस्थित थे। समय की सुई जैसे ही आगे बढ़ने लगी तो अपर मुख्य अधिकारी सहित अन्य को कोरम न पूरा होने पर बैठक निरस्त करने की चिंता हो गई। उनके माथे पर पसीना छलक आया। तब तक जिला पंचायत अध्यक्ष भी नहीं आईं थीं। इस पर अध्यक्ष से अपर मुख्य अधिकारी ने बात की। आपसी सहमति के बाद सदस्यों को फोन कर सदन में आने का विनती की गई। जिसके बाद कई सदस्य पहुंचे। तब जाकर जान में जान आई। सदस्यों की संख्या बढ़ने की जानकारी पर 1:32 बजे जिला पंचायत अध्यक्ष भी सभागार में पहुंची।

1:10 मिनट की देर से आए सीडीओ
जिला पंचायत अध्यक्ष की अध्यक्षता में होने वाली बोर्ड की बैठक में जिपं अध्यक्ष जहां 32 मिनट की देरी से आईं तो सीडीओ उनसे आगे निकले। वह एक घंटे 10 मिनट की देरी से 2:10 बजे बैठक में आए।

आय व्यय का पढ़वाया ब्योरा, मांगी जानकारी
विधान परिषद सदस्य गोपाल अंजान ने आय व्यय का विस्तृत ब्योरा सदन में पढ़ने के लिए कहा। जिस पर एएमए ने बताया कि आय पक्ष में विभव एवं संपत्ति कर 55 लाख रुपये रखने की जानकारी दी। मृत पशु निस्तारण से पांच लाख, संपत्ति किराये से 30 लाख रुपये की आय प्रस्तावित किया गया है। इस पर एमएलसी के अलावा विधायक बिलारी ने किराए और कृषि भूमि से आय का विवरण उपलब्ध कराने के लिए कहा।

विधायक निधि से कराएंगे हर साल दस काम, दस सार्वजनिक प्याऊ भी
भाजपा के एमएलसी ने कहा कि वह मुरादाबाद में बाहर से आकर बसे। यहां बस स्टेशन, रेलवे बस स्टेशन पर रात बिताई है। कई दिन फांका करने कर राजनीति की सीढ़ियों पर सफर किया है। यहां की जनता और पार्टी के नेतृत्व की कृपा से यहां पहुंचा हूं। इसलिए सब कुछ इस जिले के लिए है। उन्होंने विधायक निधि से हर साल दस काम करने और दस सार्वजनिक प्याऊ लगवाने की घोषणा की।

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