हल्द्वानीः ई-ग्रंथालय से एक क्लिक में मिलेगी सभी पुस्तकों की जानकारी

हल्द्वानीः ई-ग्रंथालय से एक क्लिक में मिलेगी सभी पुस्तकों की जानकारी

हल्द्वानी, अमृत विचार। तीन दिवसीय ई ग्रंथालय हैंड्स ऑन प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ सोमवार को एमबीपीजी कॉलेज में किया गया। कार्यशाला का आयोजन शासन एवं उच्च शिक्षा निदेशालय के तत्वावधान में किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. सीडी सूंठा,  एनआईसी केंद्र सरकार के मास्टर ट्रेनर राम कुमार, उपनिदेशक डॉ. राजीव रतन, ई ग्रंथालय के नोडल अधिकारी डॉ. चमन कुमार, सहायक निदेशक डॉ. दीपक कुमार पांडे, उपनिदेशक डॉ. आरएस भाकुनी, सहायक निदेशक डॉ. गोविंद पाठक, एमबीपीजी के प्राचार्य प्रो. एनएस बनकोटी उपस्थित थे।  

प्राचार्य प्रो. एनएस बनकोटी ने सभी का स्वागत किया। एनएस बनकोटी ने कहा कि सबसे अधिक दबाव पुस्तकालय में ही रहता है। ई-ग्रंथालय शुरू होने से अब एक क्लिक में छात्रों को सभी पुस्तकों की जानकारी मिल जाएगी। यह छात्रों, शोधार्थियों और शिक्षकों के लिए बहुत लाभकारी है।
 
नोडल अधिकारी डॉ. चमन कुमार ने बताया कि कोरोना काल में शिक्षा, पुस्तकालय को डिजिटल रूप में लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी जिसने अब साकार रूप लिया है। कार्यशाला में तीन दिन के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रो. दीपक पांडे ने बताया कि पिछले दिनों गढ़वाल मंडल में देहरादून में कार्यशाला का आयोजन किया गया।

अब कुमाऊं के एमबीपीजी में तीन दिन का प्रशिक्षण शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि सभी महाविद्यालयों के नोडल अधिकारी, पुस्तकालयाध्यक्ष इस कार्यक्रम से लाभान्वित होंगे। साथ ही उन्होंने अधिक से अधिक बच्चों को ई-ग्रंथालय से जोड़ने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यार्थी और उद्यमिता कौशल को लेकर भी यह कार्यक्रम किया जा रहा है।

उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. सीडी सूंठा ने डॉ. धन सिंह रावत का आभार व्यक्त किया और बताया कि पुस्तकालय के क्षेत्र में यह बहुत महत्वपूर्ण और क्रांतिकारी कदम है। ई-लाइब्रेरी भारत सरकार के डिजिटल क्षेत्र में किए गए प्रयासों का ही नतीजा है।

उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए ऑनलाइन वर्चुअल माध्यम के रूप में इसे आगे बढ़ाने की योजना है। उपनिदेशक डॉ. गोविंद पाठक ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। तकनीकी सत्र में सैद्धांतिक और अनुप्रयोग पर प्रो. रामकुमार ने व्याख्यान दिया और सभी प्रतिभागियों के प्रश्नों का जवाब दिया।

इस मौके पर महाविद्यालय के प्रो. डॉ. एच एस भाकुनी, डॉ. नवल कुमार लोहनी, डॉ. सीएस नेगी, डॉ. ममता अधिकारी, डॉ. उषा पंत, डॉ. दीपा गोबाडी़, डॉ. जयश्री भंडारी, डॉ. कमरुद्दीन, डॉ. चंद्रकांता, डॉ. रेखा जोशी, डॉ विजयलक्ष्मी, डॉ शेखर ,डॉ कामिका , डॉ उर्वशी और सभी महाविद्यालयों के प्राचार्य, नोडल अधिकारी और पुस्तकालयाध्यक्ष उपस्थित थे।

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