बिना गुरु जी, कैसे हल हो छात्रों के भविष्य का सवाल, शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं आश्रम पद्धति विद्यालय

प्रवक्ता के 280 और सहायक अध्यापक के 373 पद खाली, कई जगह कार्यवाहक प्राचार्य से चल रहा है काम, प्रदेश में 94 विद्यालयों में अध्यनरत हैं 32 हजार छात्र-छात्राएं

बिना गुरु जी, कैसे हल हो छात्रों के भविष्य का सवाल, शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं आश्रम पद्धति विद्यालय

लखनऊ, अमृत विचार। गुरु का आशीष अगर मिल जाए तो पत्थर भी सोना हो जाता है। मगर बिना गुरु के जीवन की डगर बहुत ही मुश्किल हो जाती है। समाज कल्याण निदेशालय के अधीन संचालित आश्रम पद्धति विद्यालय में गुरुजनों का अभाव है। ऐसे में यक्ष प्रश्न है कि बिना गुरु के छात्रों के भविष्य का सवाल कैसे हल होगा? आश्रम पद्धति विद्यालय में प्रवक्ता और सहायक अध्यापकों के 653 पद खाली हैं। साथ ही कई जगह प्राचार्य भी नहीं हैं और कार्यवाहक के भरोसे विद्यालय चल रहा है।

समाज कल्याण निदेशालय की ओर से 75 जिलों में 94 आश्रम पद्धति विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। इन विद्यालयों में लगभग 32 हजार छात्र-छात्राएं अध्यनरत हैं। विद्यालय में 60 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति, 25 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग और 15 प्रतिशत सामान्य वर्ग के छात्रों को प्रवेश देने की व्यवस्था है। छात्र-छात्राओं को निशुल्क छात्रावास, पाठ्य पुस्तकें और यूनिफार्म आदि की व्यवस्था सरकार की ओर से की जाती है।

94 विद्यालयों में 45 सीबीएसई और 49 माध्यमिक शिक्षा परिषद से संबंद्ध हैं। 32 हजार छात्र-छात्राओं के लिए प्रवक्ता के 930 और सहायक अध्यापक के 930 पद स्वीकृत हैं और इनके सापेक्ष 650 प्रवक्ता और 557 सहायक अध्यापक कार्यरत हैं। प्रवक्ता के 280 और सहायक अध्यापक के 373 पद खाली पड़े हैं। खाली पड़े पदों को भरने के लिए आयोग को प्रस्ताव भेजने की तैयारी है।

107 की आयोग से हुई थी भर्ती, महज 46 ने किया ज्वाइन
आश्रम पद्धति विद्यालय में नियुक्त के लिए आयोग से 107 को नियुक्त किया गया था। मगर 46 ने ही कार्यभार संभाला। अन्य के न आने से विभाग को बहुत राहत नहीं मिली और स्थिति जस की तस रही।

अभी तक लाभान्वित छात्रों की संख्या
वर्ष                  लाभान्वितों की संख्या
2017-18           31484
2018-2019       32429
2019-2020       32466
2020-2021       33388
2021-2022       35068
2022-2023       35089

आश्रम पद्धति विद्यालय में प्रवक्ता और सहायक अध्यापकों की कमी है। इसको दूर करने के लिए प्रस्ताव बनाकर आयोग को भेजा जा रहा है। प्रयास होगा कि जल्द ही सभी रिक्त पदों पर नियुक्ति हो जाए..., कुमार प्रशांत, निदेशक समाज कल्याण।

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