हल्द्वानी: बाहर दरवाजों पर लटके ताले, अंदर लोग मौजूद

हल्द्वानी: बाहर दरवाजों पर लटके ताले, अंदर लोग मौजूद

हल्द्वानी, अमृत विचार। मलिक का बगीचा के पास बने ज्यादातर घरों में ताले लटके हुए हैं। हालांकि कई घरों के बाहर ताले लटके होने के बावजूद अंदर लोगों से लोगों के रहने की आहट सुनाई दे रही है। एक बंद घर के अंदर से टीवी चलने की धीमी आवाज तक आ रही थी।

मंगलवार को बनभूलपुरा थाना क्षेत्र में कर्फ्यू पूरी तरह से हटा दिया गया है। थाना क्षेत्र में ही मलिक का बगीचा वो जगह है जहां पर मदरसा और नमाज स्थल हटाए जाने को लेकर आठ फरवरी को उपद्रव हुआ। लाखों रुपये के वाहन फूंक दिए गए। पुलिस, प्रशासन, नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही हिंसा में पत्रकार भी घायल हो गए।

12 दिन बाद कर्फ्यू को पूरी तरह से हटाया गया और हिंसा की घटना के दो सप्ताह बीतने से पहले ही अब मलिक का बगीचा और उसके आसपास का इलाका पूरी तरह से शांत हो गया है। मलिक का बगीचा से सटे ज्यादातर घरों के बाहर ताले लटके हुए हैं। कुछ घर ऐसे भी हैं जिनमें ताले लटके होने के बाद भी अंदर लोगों के रहने की हलचल पता चल रही है।

जमींदोज हो चुकी नमाज स्थल के दरवाजे के सामने बने घर में भी ताला लटका है लेकिन घर की तीसरी मंजिल पर एक बच्चा आहते से नीचे झांक रहा था। जल्द ही किसी की अंदर से आवाज आयी और वह बच्चा अंदर चला गया। इसी तरह से एक दुकान के पास बने घर के बाहर भी ताला लटका है लेकिन उस घर के अंदर से टीवी चलने की धीमी आवाज आ रही थी। मलिक का बगीचा के पास की एक गली के घर के बाहर भी ताला लटका हुआ था लेकिन घर की छत पर कपड़े सूख रहे थे। 

मर्द काम पर जा रहे तो लगा जा रहे ताला
हल्द्वानी। स्थानीय लोगों ने बताया कि जिन घरों के बाहर ताला होने के बाद भी उसके अंदर लोग मौजूद हैं, उन घरों के मर्द अब कर्फ्यू हटने के बाद काम पर जा रहे हैं। अपने पीछे घरों के दरवाजे पर बाहर से ताला लगा रहे हैं। ऐसा कई घरों में किया जा रहा है। 

तबाही के निशान अभी भी मौजूद
हल्द्वानी। उपद्रवियों की मचाई तबाही के निशान अभी भी मौजूद हैं। एक दुकान की शटर के बाहर आग लगा दी गयी थी। शटर भी जलकर काला और टेढ़ा हो गया है। पत्थरबाजों के पथराव में स्थानीय लोगों की घरों को भी नुकसान पहुंचा। जिसके निशान साफ देखे जा सकते हैं। इसी तरह जिस घर के बाहर नगर निगम का ट्रैक्टर जलाया था उस घर की दीवार धुएं की वजह से पूरी तरह से काली हो गयी है। मलिक का बगीचा की तरफ से जिस गली से फोर्स और नगर निगम की टीम आयी थी, उस गली में सबसे ज्यादा आगजनी हुई थी। वहां अभी भी जमीन पूरी तरह से राख की वजह से काली पड़ी हुई है। 

फोर्स का अभी भी पहरा
हल्द्वानी। बनभूलपुरा में कर्फ्यू हटा दिया गया है लेकिन मलिक का बगीचा की ओर आने वाली गलियों में अभी भी पहरा है। यहां एसएसबी के जवान पुलिस के साथ ड्यूटी कर रहे हैं। किसी भी आने जाने वाले सख्त पूछताछ की जा रही है। पूछताछ किए जाने के बाद ही मलिक का बगीचा में किसी को भी जाने दिया जा रहा है। 

नमाज स्थल में बुलडोजर से हो रहा भरान
हल्द्वानी। आठ फरवरी को मदरसा और नमाज स्थल को ढहाने की कार्रवाई की गयी थी लेकिन कार्रवाई पूरी नहीं हुई थी। मंगलवार को बुलडोजर की मदद से नमाज स्थल के बेसमेंट में भरान किया जा रहा था। मदरसे का मलबा भी यहां अभी भी पड़ा हुआ है। जिसे मजदूरों से हटाया जा रहा है। 

अब्दुल मलिक बहुमंजिला इमारत बनाना चाहता था
हल्द्वानी। मलिक का बगीचा के पास रहने वाले कुछ लोग अब अब्दुल मलिक की असलियत सामने लाने लगे हैं। एक व्यक्ति ने बताया कि नमाज स्थल में नमाज ही नहीं पढ़ी जाती थी। जमीन को कब्जा करने के लिए यह सब किया गया था। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान लोग भावनाओं में बह गए और बवाल हो गया। लोगों का कहना है कि नमाज स्थल को बेसमेंट में बनाया गया था। इसके ऊपर अब्दुल मलिक बहुमंजिला इमारत बनाने की तैयारी कर रहा था। जिसमें फ्लैट बनाकर उसे वह बाद में बेचता और करोड़ों रुपये बनाता लेकिन इससे पहले ही नगर निगम की टीम ने यहां कार्रवाई कर दी और उसकी योजना धरी रह गई।