शाहजहांपुर: गेहूं खरीद को लेकर आढ़ती और किसानों का प्रदर्शन, अधिकारियों पर लगे ये आरोप

डीएम से मुलाकात न होने पर शाम को हड़ताल पर गए आढ़ती

शाहजहांपुर: गेहूं खरीद को लेकर आढ़ती और किसानों का प्रदर्शन, अधिकारियों पर लगे ये आरोप

रोजा/ शाहजहांपुर, अमृत विचार। सरकारी क्रय केंद्रों पर आढ़तियों से जबरन गेहूं खरीद को लेकर व्यापारियों व किसानों ने रोजा मंडी में जमकर प्रदर्शन किया। हंगामे की सूचना मिलते ही डिप्टी आरएमओ मौके पर पहुंच गए और व्यापारियों पर दबाव बनाने का प्रयास करने लगे। इस पर व्यापारी भड़क गए। व्यापारियों के विरोध के चलते डिप्टी आरएमओ उलटे पांव सचिव दफ्तर पहुंच गए। इसके बाद व्यापारी और किसान भी मंडी सचिव कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने लगे। 

सूचना मिलते ही सिटी मजिस्ट्रेट भी मौके पर पहुंच गए और व्यापारियों से वार्ता की, लेकिन वार्ता विफल होने पर सभी व्यापारी डीएम से मिलने उनके आवास पर पहुंच गए। डीएम से मुलाकात न हो पाने से नाराज आढ़ती शाम को हड़ताल पर चले गए। 

मंगलवार को रोजा मंडी में गेहूं की आवक बढ़ गई। जनपद के अलावा सीमावर्ती जनपदों के किसान अपना गेहूं लेकर रोजा मंडी में आढ़तियों के यहां पहुंच रहे हैं। लेकिन खुले बाजार में गेहूं के दामों में बढ़ोतरी न होने से किसान परेशान हैं। किसानों का कहना है कि क्रय केंद्र प्रभारियों की ओर से उनका गेहूं जबरन तौला जा रहा है। जिन किसानों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है उनका गेहूं खुले आसमान में पड़ा हुआ है। वहीं, व्यापारियों का कहना है कि अगर वे किसानों से गेहूं खरीद भी लेते हैं तो क्रय केंद्र प्रभारी मनमाने ढंग से गेहूं की खरीद कर लेते हैं। इससे उनका व्यापार पूरी तरह ठप हो गया। इन्हीं सब मांगों लेकर किसानों व व्यापारियों का गुस्सा फूट पड़ा। 

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व्यापारी और किसान एक मंच पर आ गए और मंडी प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे। विरोध प्रदर्शन की खबर मिलते ही डिप्टी आरएमओ राकेश मोहन पांडे व मंडी सचिव प्रवीण कुमार अवस्थी मौके पर पहुंच गए और व्यापारियों पर दबाव बनाने लगे। इससे व्यापारी और आक्रोशित हो गए। व्यापारियों का विरोध को देखते हुए डिप्टी आरएमओ को उल्टे पांव लौटना पड़ा। इसके बाद व्यापारी व किसान मंडी सचिव कार्यालय पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। 

हंगामे की सूचना मिलते ही सिटी मजिस्ट्रेट मंडी सभापति प्रवेंद्र कुमार भी मंडी पहुंच गए और व्यापारियों से बंद कमरे में वार्ता की, लेकिन वार्ता विफल होने के बाद आढ़ती व्यापार मंडल के पदाधिकारी डीएम उमेश प्रताप सिंह से वार्ता करने उनके आवास पहुंच गए, लेकिन डीएम से वार्ता नहीं हो पाई। इससे आहत आढ़ती व्यापार मंडल ने हड़ताल शुरू कर दी। व्यापारियों का कहना है कि जब तक प्रशासन कोई ठोस निर्णय नहीं लेता है, तब तक गेहूं खरीद नहीं की जायेगी।

किसानों को ठगने का काम हो रहा है
रोजा मंडी में लखीमपुर खीरी के उचौलिया से अपना गेहूं लेकर आये किसान गुरमीत सिंह ने कहा कि रोजा मंडी में अपना गेहूं आढ़ती के यहां उतार दिया, लेकिन उनके गेहूं के उचित दाम नहीं मिल पा रहे हैं। सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं में नमी बता कर खरीद नहीं की जा रही है। जनपद हरदोई के पचदेवरा निवासी रमन मिश्रा ने बताया कि वह अपना गेहूं सरकारी क्रय केंद्रों पर नहीं बेंचना चाहते हैं, लेकिन मंडी प्रशासन उन पर गेहूं बेचने का दबाव बना रहा है।

जबरन आढ़तियों के यहां से गेहूं की न करें खरीद : अध्यक्ष
आढ़ती व्यापार मंडल रोजा मंडी के अध्यक्ष उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि उनकी मांग है कि मंडी प्रशासन अपने कमर्चारियों को गेट पर खड़ा कर दे और किसानों को क्रय केंद्रों की पर्ची काट कर दे दे, लेकिन जो किसान स्वेच्छा से आढ़तियों को गेहूं बेचने आ रहे हैं उसके साथ जोर जबरदस्ती न की जाए। साथ ही आढ़ती के यहां खरीदे गए गेहूं की जबरन तौल भी बंद की जाये।

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सरकार की बदनामी पर तुले अधिकारी, जिला बंदी गलत...कलेक्ट्रेट में आढ़तियों ने जताया विरोध
कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन के दौरान आढ़तियों ने बताया कि कुछ अधिकारी सरकार की बदनामी करने पर तुले हैं। आसपास के जिलों में जिला बंदी नहीं है। आसानी से गेहूं जिले से बाहर भेजा जा रहा है। सिर्फ अपने जिले में गेहूं जिले से बाहर ले जाने पर रोक लगा दी गई है। इससे किसान और आढ़ती दोनों परेशान हैं। 

चुनाव के समय में गेहूं को जिले से बाहर जाने से रोका गया है। जिसके चलते गेहूं सस्ता हो गया है। ऐसे में किसानों में नाराजगी है। प्रशासन अगर यह सोचता है कि वह जबरदस्ती किसानों का गेहूं सरकारी सेंटरों पर तौल लेगा तो यह सोच गलत है, ऐसा नहीं हो पाएगा। इसका खामियाजा आगे चलकर भुगतना पड़ेगा। किसानों के आढ़तियों से घनिष्ठ संबंध हैं। साल भर का आना-जाना रहता है। ऐसे में वह अपना गेहूं आढ़त पर बेचना चाहते हैं, लेकिन प्रशासन रुकावट वन के खड़ा है।

प्रदर्शन के दौरान आढ़तियों ने कहा कि गेहूं जिले से बाहर नहीं जा पा रहा है और किसानों को कम दाम पर बेचना पड़ रहा है जबकि पड़ोसी जिले हरदोई में गेहूं खूब जिले से बाहर जा रहा है। गेट पास भी कट रहा है। सिर्फ शाहजहांपुर में ही जिला बंदी करना न्याय संगत प्रतीत नहीं होता है। आढ़तियों के ऊपर दबाव बनाया जा रहा है कि वह किसानों का गेहूं सरकारी क्रय केंद्रों पर तुलवाएं, अब अगर किसान सरकार को नहीं बेचना चाहता तो आढ़ती क्या करें?

किसानों से जबरदस्ती न खरीदा जाए गेहूं
आढ़तियों ने कहा कि उनकी दुकान पर आने वाले किसानों से जबरदस्ती सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीदा जा रहा है। इसके लिए आरतियों पर दबाव बनाया जा रहा है। अधिकारी और सेंटर ठेकेदार आढ़तों पर ताझांकी कर रहे हैं। आढ़ती गेहूं खरीदने के लिए स्वतंत्र नहीं हैं, लेकिन उन्हें स्वतंत्रता नहीं मिल पा रही है। जिसके चलते उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। गेहूं के दाम गिर गए हैं, जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है। बता दें कि धान खरीद के दौरान सरकारी केंद्रों पर लाइन लगाकर किसान धान बेचने पहुंचते थे, लेकिन केंद्र के ठेकेदार नमी व खराब गुणवत्ता बताकर किसानों को लौटा देते थे। अब गेहूं खरीद के दौरान स्थिति उल्टी है। किसान सरकारी केंद्रों पर गेहूं बेचना नहीं चाहता है और सरकारी मशीनरी आढ़तियों पर दबाव बनाकर गेहूं खरीदना चाहती है।

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