Rampur News : पद्मश्री सुशील सहाय ने शिवालिक प्रजाति से किसानों को बनाया मालामाल

शिवालिक मेंथा प्रजाति की एक बुवाई कर तीन बार ली जाती है फसल, रामपुर के मक्का मिल में बुधवार की सुबह लोगों ने अंतिम दर्शन कर किए पुष्प अपिर्त  

Rampur News : पद्मश्री सुशील सहाय ने शिवालिक प्रजाति से किसानों को बनाया मालामाल

एंबुलेंस से बुधवार की सुबह बिलारी से रामपुर पहुंचा सुशील सहाय का शव...मक्का मिल में अंतिम दर्शन के लिए खड़े लोग।

रामपुर,अमृत विचार। पद्मश्री सुशील सहाय ने रामपुर समेत आसपास के जिलों के किसानों को शिवालिक मेंथा प्रजाति से मालामाल बना दिया। इस प्रजाति की खूबी यह है कि कम लागत में अधिक तेल निकलता है। शिवालिक की एक बार बुवाई करने के बाद तीन बार काटा जा सकता है। इतना ही नहीं उन्होंने किसानों को मेंथा से तेल निकालने का हुनर भी सिखाया। हजारों किसानों ने खेतों में मेंथा की टंकियां लगाकर खूब पैसा कमाया। मेंथा व्यवसाय से हजारों किसानों के साथ सैकड़ों मेंथा व्यवसायी भी जुड़े हैं। 

रामपुर से हर वर्ष लगभग 1750 करोड़ रुपये का मेंथा उत्पादों का निर्यात होता है। शिवालिक प्रजाति से एक बीघा में 10 से 11 किलो तक तेल निकलता है जबकि, अन्य प्रजातियों में आठ किलो तेल प्रति बीघा निकलता है। बुधवार की सुबह 10:45 बजे मेंथा प्रजाति शिवालिक के जनक सुशील सहाय का शव फूलों से सजे वाहन में बिलारी के ग्राम नगली फार्म हाउस से अंतिम दर्शन के लिए रामपुर के मक्का मिल पहुंचा। लोगों ने वाहन में रखे शव पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

इस मौके पर मेंथा व्यवसायी प्रदीप गुप्ता, स्वाति मेंथाल के स्वामी एसके गुप्ता, कपिल आर्य, बच्चन सिंह बिलासपुर, धीरेंद्र कुमार अग्रवाल, सरित सिंघल, सुमन जौहरी, एसपी रस्तोगी, देवेंद्र कुमार गुप्ता, आशु गुप्ता समेत काफी लोग पहुंचे। इनके अलावा सुशील सहाय की पत्नी शाहीन सहाय, बेटी सुचेता और सुनैना के अलावा दोनों दामाद भी शव वाहन के साथ रामपुर आए।  व्यवसायी पारितोष चांदीवाला ने बताया कि रामपुर से सुशील सहाय का शव अंत्येष्टिक के लिए ब्रजघाट ले जाया गया। मेंथा व्यवसाय को इस मुकाम तक पहुंचाने में सुशील सहाय की मेहनत को भुलाया नहीं जा सकता। 

शिवालिक के जनक को 2005 में मिला पद्मश्री 
पारितोष चांदीवाला ने  बताया कि वर्ष 2005 में मेंथा की शिवालिक प्रजाति का आविष्कार करने के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने उन्हें पद्मश्री  से सम्मानित किया था। सुशील सहाय के परिवार में उनकी पत्नी शाहीन आशा सहाय, दो बेटियां सुचेता और सुनैना का भरापुरा परिवार है। उन्होंने बताया कि  छोटी बेटी सुनैना का विवाह सीएल गुप्ता निर्यात फर्म के मुदित गुप्ता के साथ हुआ है। बड़ी बेटी सुचिता का विवाह जनपद मुजफ्फरनगर में कुंवर समर्थ प्रकाश से हुआ है। 

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