बाराबंकी: वाहनों की धुलाई में रोज बर्बाद हो रहा हजारों लीटर पानी, रिसाइकिलिंग के इंतजाम नदारद
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दरियाबाद/ बाराबंकी, अमृत विचार। जल को जीवन ऐसे ही नहीं कहा गया है। जीवन की प्राथमिक एवं आवश्यकता जल है और जल उपलब्धता की स्थिति आए दिन भयानक होती जा रही है। मौजूदा समय में जल प्रदूषण, सूखते जल-स्त्रोत, प्रदूषित होती नदियां और वर्षा जल का संचय न हो पाने को लेकर चर्चाएं और विचार-विमर्श होता है, लेकिन सरेआम हमारे चारों ओर पीने के पानी की बर्बादी हो रही है। हालत यह है कि प्रत्येक दिन हजारों लीटर पानी वाहनों की सफाई पर नालियों में बहाया जा रहा है। जबकि वाहनों के धुलने का काम दरियाबाद में लगभग दर्जन भर स्थानों पर किया जा रहा है।
क्षेत्र में बिना किसी रोक-टोक के धड़ल्ले से वाहन धुलाई सेंटरों की गिनती बढ़ती जा रही है। इन धुलाई सेंटरों में चालीस से तीन सौ रुपये में गाड़ी धोने के नाम पर सैकड़ों लीटर पीने का पानी बर्बाद होता है। इस अहम मुद्दे पर स्थानीय प्रशासन से लेकर सामाजिक संगठनों, पर्यावरणविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की चुप्पी हैरान करती है। जानकारी के अनुसार एक आम सर्विस सेंटर में कार धुलाई पर लगभग 500 लीटर और दोपहिया वाहन पर 100 लीटर पानी बहाया जाता है। इस हिसाब से देखें तो क्षेत्र के तमाम वाशिंग सेंटरों पर रोजाना हजारों लीटर पानी बहा दिया जाता है।
नहीं किया जा रहा पानी का ट्रीटमेंट
दरियाबाद कस्बा ही नहीं क्षेत्र के सर्विस सेंटरों पर पानी को रिसाइकिल व फिल्टर करने का संयंत्र वाटर ट्रीटमेंट प्लांट नहीं है। जो कि नियमत: इसके लिए बेहद जरूरी है। क्षेत्र के सभी धुलाई सेंटर में पानी को उपयोग के बाद नालियों में व्यर्थ बहा दिया जाता है। इससे यह प्रतीत होता है की जल बर्बादी को लेकर प्रशासन ही गंभीर नही है। ईओ शीलू अवस्थी ने बताया की वाशिंग सेंटरों से नगर पंचायत को कोई कर नही मिलता है। वाॅशिंग सेंटरों पर कार्रवाई की जाएगी।
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