World No Tobacco Day 2024:तंबाकू की चाह दे रही घातक बीमारियां

World No Tobacco Day 2024:तंबाकू की चाह दे रही घातक बीमारियां

लखनऊ, अमृत विचार। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में रेडियोथैरेपी विभाग के प्रोफेसर (डॉ) सुधीर सिंह ने बताया कि प्रत्येक वर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मकसद लोगों को तंबाकू सेवन से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक करना है। तंबाकू से स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। जिसका दर्द लोग सहन नहीं कर पाते। तंबाकू स्वास्थ्य के लिए कितना खतरनाक है। यह बात डॉ.सुधीर सिंह ने अपने लेख में बताई है, आइये जानते हैं कि उन्होंने अपने लेख में क्या कहा है।

शौक या लत में उपयोग की जाने वाली तम्बाकू आपको कई घातक बीमारियां से सकती है। तम्बाकू को जब गुल, गुड़ाकु,पान मसाला या खैनी, के रूप में प्रयोग करते है तो इसके कारण मुंह मे अनेक रोग उत्पन्न हो सकते है। सफेद दाग, लाल दाग और मुँह का नहीं खुल पाना। 

तंबाकू से होने वाले मुख्य कैंसर 

मुंह और गले का कैंसर
फेंफड़े का कैंसर
स्वर तंत्र का कैंसर
मूत्राशय का कैंसर
आहार नाल का कैंसर 
आंतों का कैंसर

बीड़ी-सिगरेट के पीने से शरीर में व्यापक प्रभाव पड़ता है। इसके कारण हृदय के धमनियों में रक्त प्रवाह कम हो सकता है। हृदय रोग जैसे myocardial infarction तथा angina हो सकता है। रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) बढ़ सकता है। साँस की बीमारी जैसे bronchitis, दमा हो सकते 

उत्पत्ति तथा इतिहास

तम्बाकू की उत्पत्ति कब और कहाँ हुई, इसका ठीक पता नहीं। कहते हैं कि पुर्तग़ाल स्थित फ्राँसीसी राजदूत 'जॉन निकोट' ने अपनी रानी के पास तम्बाकू का बीज भेजा और तभी से इस पौधे का प्रवेश प्राचीन संसार में हुआ। निकोट के नाम को अमर रखने के लिये तम्बाकू का वानस्पतिक नाम 'निकोशियाना' रखा गया। तम्बाकू दक्षिणी अमेरिका का पौधा माना जाता है। इसकी खेती ऐतिहासिककाल से हाती चली आ रही है। यद्यपि तम्बाकू अयनवृत्तीय पौधा है, तथापि इसकी सफल खेती अन्य स्थानों में भी होती है, क्योंकि यह अपने को विभिन्न प्रकार की भूमि तथा जलवायु के अनुकूल बना लेता है।

तम्बाकू पौधे की पत्तियों से प्राप्त होता है। यह एक मादक और उत्तेजक पदार्थ है, जो 'निकोशियाना" (अंग्रेज़ी नाम : Nicotiana) जाति के पौधे की बारीक कटी हुई पत्तियों, जो कि खाने-पीने तथा सूँघने के काम आती हैं, से प्राप्त किया जाता है। किसी अन्य मादक या उत्तेजक पदार्थ की अपेक्षा तम्बाकू का प्रयोग आज सबसे अधिक मात्रा में किया जा रहा है। भारत में तम्बाकू का पौधा पुर्तग़ालियों द्वारा सन 1608 ई. में लाया गया था और तब से इसकी खेती का क्षेत्र भारत के लगभग सभी भागों में फैल गया है। भारत विश्व के उत्पादन का लगभग 7.8 प्रतिशत तम्बाकू उत्पन्न करता है। दुनिया के कुल उत्पादन और खेती का लगभग पांचवां हिस्सा भारत द्वारा किया जाता है।

वित्तीय पक्ष

भारत की तम्बाकू समस्या बहुत जटिल है क्योंकि अधिकांश लोग विभिन्न प्रकार के धूम्रपान और धुंआ रहित तम्बाकू (एसएलटी) उत्पादों का उपयोग करते हैं। भारत जैसे देश में स्वास्थ्य पर सार्वजनिक व्यय सकल घरेलू उत्पाद का मात्र 1.04% है। इस प्रकार, तंबाकू से संबंधित मृत्यु दर और रुग्णता से निपटने के लिए ये वित्तीय बाधाएं और आर्थिक बोझ भारत जैसे निम्न मध्यम आय वाले देश पर बड़ी मार डाल सकते हैं। पूरे आर्थिक बोझ में पुरुषों का योगदान 91% था और महिलाओं का 9% है।

2020 में, भारत ने सिगरेट से लगभग 356 बिलियन भारतीय रुपये का कर राजस्व एकत्र किया। भारतीय सिगरेट बाजार 2022 में 1,307.7 बिलियन भारतीय रुपये का था, और 2022 से 2027 तक 3% से अधिक की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, इस दौरान बिक्री की मात्रा में कमी आने की उम्मीद है।

भारत का तम्बाकू क्षेत्र सालाना उत्पाद शुल्क राजस्व में लगभग 14,000 करोड़ रुपये का योगदान देता है, जो देश के कुल उत्पाद शुल्क राजस्व का 10% से अधिक है। तम्बाकू क्षेत्र विदेशी मुद्रा आय में 4,400 करोड़ रुपये का योगदान देता है, जो भारत के कुल कृषि निर्यात का लगभग 4% है। 2022 में, तम्बाकू उद्योग ने अप्रत्यक्ष राजस्व में 953.19 बिलियन रुपये और औसतन लगभग 86% कर राजस्व उत्पन्न किया। 2023 से 2028 तक तंबाकू क्षेत्र के 11.94% सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है।

2017 और 2018 के बीच भारत में तंबाकू से संबंधित बीमारियों और मौतों की आर्थिक लागत 1,773.4 बिलियन रुपये थी। इसमें से प्रत्यक्ष स्वास्थ्य देखभाल लागत 22% (INR 387.1 बिलियन) और अप्रत्यक्ष लागत (बीमारी और मृत्यु के कारण खोई हुई उत्पादकता से) 78% (INR 1,386.3 बिलियन) थी। ( वित्तीय पक्ष श्रोत - tobaccofreekids.org)

साथियों, कहने का अभिप्राय है कि तंबाकू से हानि के अतिरिक्त कुछ प्राप्त नहीं होने वाला। इसे आज ही छोड़ें।

यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: लोकसभा के सातवें और अंतिम चरण का चुनाव प्रचार थमा, एक जून को होगा मतदान