बरेली: हॉटस्पॉट क्षेत्र को नए सिरे से परिभाषित करने की मांग

बरेली,अमृत विचार। शहर में कोरोना संक्रमण का पहला मामला सुभाषनगर में मिला था, बाद में हजियापुर में दो केस पाए गए। इन दोनों क्षेत्रों में वायरस केवल संक्रमित परिवारों के कुछ सदस्यों तक ही सीमित रहा। इसका सामुदायिक प्रसार नहीं हुआ। मगर इन क्षेत्रों का एक किलोमीटर इलाका हॉटस्पॉट घोषित किया गया। इससे बाकी लोगों …

बरेली,अमृत विचार। शहर में कोरोना संक्रमण का पहला मामला सुभाषनगर में मिला था, बाद में हजियापुर में दो केस पाए गए। इन दोनों क्षेत्रों में वायरस केवल संक्रमित परिवारों के कुछ सदस्यों तक ही सीमित रहा। इसका सामुदायिक प्रसार नहीं हुआ। मगर इन क्षेत्रों का एक किलोमीटर इलाका हॉटस्पॉट घोषित किया गया। इससे बाकी लोगों को अनावश्यक रूप से मुश्किलें उठानी पड़ीं। अब रामपुर बाग हॉटस्पॉट बना है।

यहां एक स्वास्थ्य प्रयोगशाला के चिकित्सक संक्रमित पाए गए हैं, जबिक उनकी पत्नी-बच्चे की रिपोर्ट निगेटिव है। चिकित्सक अस्पताल में आइसोलेट हो चुके हैं। इसके बावजूद पूरे क्षेत्र को हॉटस्पॉट के कठिन दिशा-निर्देशों का सामना करना पड़ रहा है। बरेली में संक्रमण का सामुदायिक प्रसार अभी नहीं हुआ है। अब तक पाए गए मामलों से यह स्पष्ट है। लिहाजा लोगों की समस्याओं को देखते हुए हॉटस्पॉट और कंटेन्मेंट जोन को नए सिरे से परिभाषित करने की जरूरत है। सेंट्रल यूपी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने मुख्यमंत्री को भेजे मांग पत्र में यह मुद्दा उठाया है।

सेंट्रल यूपी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष डा. केशव कुमार अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि, ‘केंद्र सरकार ने लगभग पूरे देश को अनलॉक करने का आदेश जारी किया है। वर्तमान परिदृश्य में लाल, नारंगी या हरा जोन या बफर जोन घोषित करने की आवश्यकता नहीं रही। अब जहां कोरोना संक्रमित केस मिले। उसके आवास, पड़ोसी या घर की गली को कंटेन्मेंट घोषित किया जाए। इसी तरह जिन अस्पतालों में कोई मरीज संक्रमित मिलता है तो उस वार्ड में संक्रमित के पड़ोसी बिस्तर के मरीज या उस हिस्से को रिस्क जोन माना जाए न कि पूरे वार्ड को। इसी तरह संक्रमित परिवार को आइसोलेट किया जाए न कि पूरी कॉलोनी को। ‘

वहीं, आइएमए के अध्यक्ष डा. राजेश कुमार और डा. राजीव गोयल की ओर से मुख्यमंत्री को भेजे मांग पत्र में भी लगभग यही बिंदु उठाए गए हैं। जिसमें कहा गया है कि कोरोना संक्रमित केस में पीड़ित के परिवार या अधिकतम पड़ोसी तक हॉटस्पॉट सीमित रखा जाना चाहिए। ऐसा इसलिए भी जरूरी है कि शहर में अब कोरोना के कोई नए मामले सामने नहीं आ रहे हैं। पूर्व में जो मामले मिले वे सभी बाहर से आए थे। दोनों संगठनों ने महामारी का सामुदायिक प्रसार रोकने के लिए मुख्यमंत्री के प्रयासों की सराहना की है।

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