अयोध्या: डीआईओएस कार्यालय की लापरवाही एनपीएस शिक्षकों पर पड़ सकती है भारी

अयोध्या: डीआईओएस कार्यालय की लापरवाही एनपीएस शिक्षकों पर पड़ सकती है भारी

अमृत विचार, अयोध्या। जनपद के माध्यमिक सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में 2005 के बाद नियुक्ति शिक्षकों को अपनी सेवाओं की आर्थिक सुरक्षा का पूरा भरोसा रहता है। खासकर नई पेंशन स्कीम के दायरे में आने वाले उन शिक्षकों को जिनकी आर्थिक सुरक्षा का मुख्य स्रोत विभाग से मिलने से वाला प्रान नम्बर (परमानेंट रिटायरमेंट एकाउंट नम्बर) है। अब यही प्रान नम्बर हासिल करने के लिए शिक्षकों को नाको चने चबाने पड़ रहे हैं।

 जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के कर्मचारियों की लापरवाही के चलते 2005 के बाद खास कर 2020 से 2022 के बीच चयन बोर्ड से नियुक्त जनपद में सौ से अधिक शिक्षकों को कई-कई माह सेवा के गुजर जाने के बाद भी प्रान नम्बर एलॉट नहीं किया गया है। बताया गया कि यदि बिना प्रॉन नम्बर एलॉट हुए किसी शिक्षक के साथ कोई अनहोनी घटना हो जाए तो उसके परिवार को पारिवारिक पेंशन मिलना मुश्किल होगा।

जनपद में 50 माध्यमिक विद्यालय शासकीय अनुदान से संचालित हो रहे हैं। वर्ष 2005 के बाद इन विद्यालयों में 556 अध्यापक व अध्यापिकाएं और 177 शिक्षणेत्तर कर्मचारी नियुक्ति हैं। 2005 के बाद नियुक्ति कर्मचारी-शिक्षक भारत सरकार की नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) के दायरे में आते हैं। एनपीएस के तहत शिक्षक-कर्मचारी के मूल वेतन का 10 प्रतिशत धनराशि कटती है। 

यह कटौती तभी होती है जब उसे प्रान नम्बर एलाट हो जाए। लेकिन जनपद के अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत सौ से अधिक शिक्षकों को अभी तक प्रान नम्बर एलाट नहीं किया गया है, जबकि उनके द्वारा तय फार्मेट पर सभी जानकारी देकर डीआईओएस कार्यालय में जमा किया जा चुका है। 

वहीं डीआईओएस कार्यालय के लेखा विभाग का कहना है कि 2005 के बाद जिले के माध्यमिक सहायता प्राप्त विद्यालयों में अब तक कुल 733 शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारी नियुक्त हैं। इनमें से 456 शिक्षक-कर्मियों को प्रान नम्बर एलॉट हो चुका है। लगभग सवा सौ शिक्षक वही बचे हैं जिनका मामला न्यायालय में विचाराधीन हैं जिन्हें अभी प्रान नम्बर नहीं दिया गया है। 

शिक्षक संघ का आरोप : प्रान एलाटमेंट में हो रहा है भ्रष्टाचार
उप्र माध्यमिक शिक्षक पाण्डेय गुट के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह की शिकायत है कि 2020 से 2022 के बीच आयोग से चयनित होकर नियुक्त होने वाले 205 शिक्षकों में से करीब 80 प्रतिशत शिक्षकों को अभी तक प्रान नम्बर नहीं दिया गया है। उन्होंने इसकी शिकायत डीआईओएस की है। उन्होंने कहा कि बिना प्रान एलाट हुए यदि कोई शिक्षक किसी हादसे का शिकार हो जाए तो उसके परिवार को पारिवारिक पेंशन का लाभ नहीं मिल पायेगा। लेकिन डीआईओएस कार्यालय में प्रान नम्बर जारी करने के नाम पर भी भ्रष्टाचार किया जा रहा है। 

कोई इसकी समीक्षा की जाएगी यदि किसी स्तर पर कोई कमी होगी अवरोध होगा उसे दूर कराकर प्रान नम्बर एलॉटमेंट की प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी ...राजेन्द्र कुमार पाण्डेय, डीआईओएस।

शिक्षकों को नियमानुसार फार्म जमा किये जाने के एक सप्ताह से 10 दिन के अंदर प्रान नम्बर एलॉट हो जाना चाहिये। प्रान नम्बर एलाटमेंट के लिए स्थानीय स्तर पर एक पोर्टल बनवाने का प्रयास किया जा रहा है जिससे एनपीएस वाले शिक्षक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। उन्हें कार्यालय आकर फार्म जमा नहीं करना पड़ेगा। यह व्यवस्था जल्द ही शुरू की जाएगी...वीरेश कुमार वर्मा, वित्त एवं लेखाधिकारी (माध्यमिक)।