हल्द्वानी: बिना वर्दी की दरोगा ने धमकाया, बोली चौकी में दफना दूंगी...

हल्द्वानी: बिना वर्दी की दरोगा ने धमकाया, बोली चौकी में दफना दूंगी...

हल्द्वानी, अमृत विचार। दरोगा भर्ती घोटाले की चपेट में आईं एक महिला दरोगा फिर सुर्खियों में हैं। मामले में लंबी जांच का सामना कर रहीं इन दरोगा साहिबा का इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें वह एक बीमार महिला को धमकाते और उसके दिव्यांग भतीजे की दिव्यांगता का मजाक उड़ाती दिख रही हैं। इस मामले में पीड़िता व उसके भतीजे ने एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा से कार्रवाई की मांग की है। 

मल्ला चौफुला वार्ड 37 दमुवाढूंगा काठगोदाम निवासी सुनीता देवी के पति आर्मी में अफसर हैं और इन दिनों मणिपुर में तैनात हैं। सुनीता के मुताबिक उनके घर में गंगा नाम की महिला काम करती थी। गंगा का भाई चोरी के मामले में जेल में बंद था, जिसके लिए उसने डेढ़ साल पहले 4 हजार रुपये उधार लिए थे। गंगा की चोरी की आदत पर उसे काम से निकाल दिया जिसके बाद गंगा एक महिला दरोगा के घर में काम करने लगी। ये वहीं दरोगा हैं जो फिलहाल दरोगा भर्ती घोटाले की जांच के चलते वह अभी वर्दी धारण नहीं कर सकतीं पर उनकी हनक अब भी बरकार है। बहरहाल सुनीता के उधारी मांगने पर गंगा ने यह बात उक्त दरोगा को बता दी। जिसके बाद दरोगा, गंगा के साथ दमुवाढूंगा पुलिस चौकी पहुंच गई और सुनीता को भी बुला लिया।

सुनीता अपने दिव्यांग भतीजे विराज के साथ चौकी पहुंची। जहां गंगा से इस बात पर राजीनामा हो गया कि वह आने वाली 4 तारीख को पैसे लौटा देगी। आरोप है कि इसी बीच दरोगा तैश में आ गई और दूसरे दरोगा के हाथ से डंडा छीन कर मारने के लिए धमकाने लगी। महिला दरोगा ने जूता मारने और चौकी के भीतर ही दफना देने की बात भी कह डाली । वहीं खड़े सुनीता के दिव्यांग भतीजे ने जब वीडियो बनाना शुरू किया तो उसकी दिव्यांगता का भी मजाक उड़ाया। बहरहाल, इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। काठगोदाम थानाध्यक्ष विमल मिश्रा का कहना है कि दोनों पक्षों को थाने बुलाया गया है। जिसके बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। 


चौकी प्रभारी ने नहीं रोका, धमकाती रही दरोगा
हल्द्वानी : दमुवाढूंगा चौकी में जब यह सब हो रहा था तब वहां चौकी प्रभारी महेंद्र राज भी मौजूद थे। महेंद्र राज के सामने ही दरोगा भर्ती की जांच में तप रहीं यह महिला दरोगा पीड़ितों को कुर्सी पर बैठे धमका रही थीं, लेकिन चौकी प्रभारी ने एक भी बार उन्हें चुप होने के लिए नहीं कहा। जब दिव्यांग विराज ने वीडियो बनाना शुरू किया तो उसे जरूर रोक दिया।