बरेली: पर्दे लगी गाड़ियों में चलते हैं साहब... दिखते ही नहीं कब्जों में घिरे फुटपाथ

Amrit Vichar Network
Published By Ashpreet
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बरेली, अमृत विचार। शहर भर के फुटपाथ ऐसे ही कब्जों से नहीं घिर गए। कहीं पुलिस तो कहीं नगर निगम के अफसरों की सरपरस्ती ने अतिक्रमणकारियों को स्मार्ट सिटी की सूरत बिगाड़ने छूट दे दी तो कहीं नेताओं की सिफारिश उनका रक्षा कवच बन गई।

यही वजह है कि जब भी सड़कों पर जाम लगता है तो पैदल चलने वाले लोगों को भी उससे जूझना पड़ता है क्योंकि फुटपाथ उनके चलने के लिए खाली ही नहीं हैं। मंचों पर स्मार्ट सिटी का गुणगान करने वाले अफसर भी पर्दे लगी गाड़ियों में चलने के इस कदर आदी हो गए हैं कि उन्हें फुटपाथों की हालत नजर ही नहीं आती।

फुटपाथों को कब्जामुक्त रखने की प्राथमिक जिम्मेदारी नगर निगम की है लेकिन नगर निगम के आसपास ही फुटपाथ कब्जों से मुक्त नहीं हैं। यही हाल जिला प्रशासन के प्रमुख अफसरों के कार्यालयों और आवासों के आसपास है। मातहत भी अच्छी तरह जानते हैं कि उनके साहब किस कदर बेपरवाह हो चुके हैं, इसलिए वे भी परवाह नहीं करते कि अतिक्रमण की वजह से साहब की छवि पर क्या असर पड़ेगा।

नगर निगम में शहर को अतिक्रमणमुक्त रखने के लिए अच्छी-खासी टीम है, सेना के रिटायर्ड लोगों को तैनात कर बनाए गए प्रवर्तन दल पर भी हर महीने लाखों खर्च किए जा रहे हैं लेकिन फिर भी नतीजा सिफर है।

पटेल चौक से सिकलापुर चौराहा तक, अवैध कब्जों से पूरा फुटपाथ अदृश्य
पटेल चौक से सिकलापुर चौराहे की ओर बढ़ते ही फुटपाथ दिखना बंद हो जाता है। शुरुआत पंक्चर बनाने की दुकान से होती है तो आगे होटल है।

फुटपाथ और सड़क पर ही टैक्सी स्टैंड बना है। मुख्यमंत्री ने अवैध टैक्सी स्टैंड बंद कराने का आदेश दिया था लेकिन पुलिस चौकी की नाक के नीचे यह अवैध स्टैंड चल रहा है। ऑटो मैकेनिक की दुकान की वजह से फुटपाथ पर बाइकें खड़ी रहती हैं। बाकी जगह मोबाइल के दुकानदारों ने कब्जा रखी है। यही हाल सड़क की दूसरी पटरी का है जिस पर नगर निगम का मार्केट है लेकिन फुटपाथ पर दुकानदारों का ही कब्जा है।

बरेली कॉलेज चौराहे से शहामतगंज तक सड़क पर भी अवैध कब्जों की भरमार
बरेली कॉलेज चौराहे की एक तरफ जूस, स्टेशनरी और अलमारियों की दुकान है तो दूसरी तरफ बैंक, भूसे की दुकान, खानपान के ठेले और नर्सिंग होम हैं। दोनों तरफ फुटपाथ घिरा हुआ है। बीच में सड़क से सटे दो भवन भी हैं।

इस बीच पूरा फुटपाथ गायब है। लोग कारें भी सड़क पर ही खड़ी करते हैं। सड़क की काली पट्टी से लगभग एक मीटर की दूरी पर ही भवन बने हैं। खाली जगह पर कई ट्रैवल एजेंसी के फ्लैक्सी लगे हैं, लोग मेजें डालकर भी दुकान चला रहे हैं।

यहां मिठाई की दुकान के बाहर फुटपाथ पर पार्किंग बना दी गई है। नगर निगम अवैध कब्जे हटाने के बाद संबंधित थाने को पत्र देता है ताकि दोबारा कब्जा न हो, लेकिन शहामतगंज पुलिस चौकी और सीओ थर्ड कार्यालय के सामने बिजली के ट्रांसफार्मर से सटाकर दुकान खोल ली गई है।

शहामतगंज से बांसमंडी तक दुकानदारों का फुटपाथ और सड़क दोनों पर कब्जा 
अफसरों के साथ बैठकों में तो व्यापार मंडल के प्रतिनिधि दुकानों के बाहर सामान रखने वालों पर कार्रवाई करने की चुनौती देते हैं लेकिन असलियत क्या है, यह शहामतगंज गल्ला मार्केट में देखा जा सकता है।

ज्यादातर दुकानों का सामान फुटपाथ पर रखे जाने और सड़क के बीच वाहनों के खड़े होने से चौड़ी सड़क भी संकरी हो गई है। किराना, मिर्च, मसाले, दालें और अनाज की बोरियों को फुटपाथ पर रखने से जाम लगा रहता है। चौड़ी सड़क और फुटपाथ होने के बावजूद लोग जाम में फंसे रहते हैं। इसके बावजूद व्यापारी फुटपाथ पर रखा अपना सामान नहीं हटाते।

गली में दुकान खोलकर तंग रास्ते को और कर दिया तंग 
अर्बन कोआपरेटिव बैंक की शहामतगंज शाखा के सामने गली में व्यापारियों ने मिठाई और नमकीन की दुकान खोल ली है। इससे लोगों का आवागमन हर समय प्रभावित रहता है। गली में दुकान के बाहर गर्म तेल की कड़ाही में समोसे, खस्ता, कचौरी और मिठाई बनती रहती है। लोगों को इस तंग रास्ते पर जोखिम उठाते हुए गुजरना पड़ता है।

साहूराम स्वरूप कॉलेज से बांसमंडी के बीच भी व्यापारियों के कब्जे में घिरा है फुटपाथ 
साहूराम स्वरुप कॉलेज से बासमंडी जाने वाले मार्ग पर भी फुटपाथ पर व्यापारियों का कब्जा है। भीड़भाड़ वाले इलाके में खरीदारी करने आने वाले ग्राहक सड़क पर ही अपने वाहन खड़े कर देते हैं।

आयुर्वेदिक कॉलेज के पास कुछ लोगों ने सड़क किनारे स्थाई रूप से ठेले लगा लिए हैं। हार्डवेयर और लकड़ी के दुकानदारों ने अपना सामान ऐसे लटका दिया है कि सड़क पर चलने वाले लोग उनसे टकराते हुए निकलते हैं। इंटर कॉलेज के पास फुटपाथ पर सड़क से सटी लोहे के सामान की दुकान है। उसी के सामने फुटपाथ पर सामान रखा गया है। घंटाघर के पास दुकानदारों ने लोहे का सामान फुटपाथ पर लगा दिया है।

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