बरेली: पुलिस हिरासत में श्याम की मौत पर 15 दिसंबर तक जवाब देंगे एसएसपी

बरेली: पुलिस हिरासत में श्याम की मौत पर 15 दिसंबर तक जवाब देंगे एसएसपी

बरेली, अमृत विचार। पुलिस की हिरासत में बाग ब्रिगटान के श्याम की मौत के मामले में कन्नी काट रहे अफसरों पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने शिकंजा कस दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय के आदेश पर डीएम ने एसएसपी को 15 दिसंबर तक कार्रवाई कर रिपोर्ट देने को कहा है। कथित तौर पर पुलिस की पिटाई से श्याम की मौत हुई थी।

श्याम की पत्नी अनुपम ने आईजीआरएस पर शिकायत की थी कि 24 जुलाई को उन दोनों का घर में ही झगड़ा हो गया था। उन्होंने 112 नंबर डायल कर पुलिस बुला ली थी। उन्हें उम्मीद थी कि पुलिस श्याम को समझाकर विवाद निपटा देगी लेकिन पीआरवी गाड़ी से पुलिस उनके घर पहुंची तो उस पर तैनात पुलिस कर्मियों ने बगैर कोई पूछताछ किए श्याम के साथ मारपीट शुरू कर दी और उन्हें गाड़ी में डालकर कोतवाली ले गए। परेशान होकर वह भी कोतवाली पहुंची तो पाया पुलिस कर्मी वहां भी श्याम को पीट रहे थे। उन्होंने विरोध किया तो श्याम को उठाकर फेंक दिया।

आरोप है कि श्याम इस बीच मरणासन्न हो चुके थे, वह उन्हें ई-रिक्शा से जिला अस्पताल ले गईं जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। इस मामले में उनकी तहरीर पर पीआरवी पर तैनात अज्ञात पुलिस कर्मियों के विरुद्ध धारा 304 और एससी-एसटी एक्ट समेत कई धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई थी। सीओ फर्स्ट इसकी जांच कर रहे हैं। उन्हें विवेचना के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। 

उन्हें संदेह है कि आरोपियों को क्लीनचिट देकर क्लोजर रिपोर्ट या फाइनल रिपोर्ट लगाने की तैयारी की जा रही है। अनुपम ने किसी और एजेंसी से जांच कराने की मांग की थी जिसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय के लोक शिकायत अनुभाग के अधिकारी ने डीएम को 15 दिसंबर तक इस मामले में कार्रवाई करने के लिए कहा है। इसके बाद डीएम ने एसएसपी को कार्रवाई कर रिपोर्ट देने के लिए कहा है।

अफसरों का अब तक तीन रिपोर्ट में विवेचना जारी होने का दावा
सीओ सिटी फर्स्ट ने पांच सितंबर को उच्चाधिकारियों को आख्या दी थी कि अनुपम की तहरीर पर कोतवाली में 24 जुलाई को एफआईआर हुई थी। वह साक्ष्यों के आधार पर विवेचना कर रही हैं। एसपी सिटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एक अगस्त को श्याम का विसरा विधि विज्ञान प्रयोगशाला मुरादाबाद में दाखिल किया गया जिसकी रिपोर्ट मिल गई है।

इसके बाद विवेचक को गुण-दोष के आधार पर विवेचना करने के निर्देश दिए हैं। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में शिकायत के बाद एसपी क्राइम ने भी आयोग के सहायक निदेशक गुलशन कुमार पहाड़िया को अपनी रिपोर्ट भेजी थी। सीओ फर्स्ट ने 15 सितंबर को एसपी क्राइम को भी रिपोर्ट भेजी थी।

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