कानपुर: FIR नहीं लिखना इंस्पेक्टर को पड़ा भारी, केस दर्ज, नाराज हाईकोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को किया तलब, जानिये मामला

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Published By Sachin Sharma
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कानपुर। कोर्ट के आदेश पर भी रिपोर्ट दर्ज न करना कैंट इंस्पेक्टर अजय कुमार सिंह को भारी पड़ा गया। पुलिस कमिश्नर डॉ. आर के स्वणर्कार के आदेश पर उनके वाचक ने कोतवाली थाने में इंस्पेक्टर के खिलाफ आईपीसी की धारा 166 ए के तहत एफआईआर दर्ज करा दी है। यह मामला कार चोरी से जुड़ा है और इस प्रकरण में ही गुरुवार को पुलिस कमिश्नर को हाईकोर्ट ने तलब किया है। 

माना जा रहा है कि हाईकोर्ट के चाबुक से बचने के लिए यह कार्रवाई की गई है। गौरतलब है कि दलपतपुर, प्रेमपुर निवासी रविकांत उत्तम अधिवक्ता हैं। रविकांत के अनुसार एक अगस्त 2023 को कचहरी से घर वापस जाते समय देर शाम लगभग साढ़े सात बजे उनकी कार जीटी रोड चांदमारी क्षेत्र में मनोज इंटरनेशनल पीएसी मोड़ के पहले अचानक खराब हो गई थी। 

उन्होंने कंपनी के टोल नंबर पर कॉल की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद वह खुद फजलगंज स्थित कार्यालय पहुंचे तो वहां बताया गया कि कर्मचारी कल मिल पाएंगे। जब वह लौटकर आए तो देखा कि कार अपने स्थान पर नहीं थी। दो अगस्त को रात लगभग एक बजकर छह मिनट पर टोल टैक्स कटने का एसएमएस उन्हें मिला। 

इससे जानकारी मिली कि टोल प्लाजा पानीपत का था। वह सूचना देने थाना चकेरी पहुंचे, लेकिन कार चोरी की रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। इसके बाद 19 अगस्त 2023 को उन्होंने स्थानीय न्यायालय में धारा 156 (3) के तहत मुकदमा दर्ज करने को लेकर प्रार्थना पत्र दिया। 

इसके बाद जांच हुई तो घटनास्थल थाना छावनी का पाया गया। दो सितंबर 2023 को अदालत ने उक्त प्रकरण में कैंट इंस्पेक्टर को रिपोर्ट लिखकर जांच करने का निर्देश दिया। आरोप है कि कैंट इंस्पेक्टर अजय कुमार सिंह ने न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया और मुकदमा दर्ज करने से मना कर दिया। 

रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई तो रविकांत उत्तम ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। हाईकोर्ट ने पूरे मामले का संज्ञान लिया और पुलिस कमिश्नर डॉ आर के स्वर्णकार को इस मामले में सात दिसंबर को तलब कर लिया। इससे पहले सोमवार की देर रात इस प्रकरण में पुलिस कमिश्नर के वाचक प्रदीप कुमार मौर्या की तहरीर पर थाना कोतवाली में कैंट इंस्पेक्टर कैंट अजय कुमार सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 166ए के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई। इस कार्रवाई के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। 

क्या है धारा 166 ए

इस धारा में उस सरकारी अधिकारी या कर्मचारी के बारे में बताया गया है, जो कानून के निर्देश की अवहेलना या उल्लंघन करता है। ऐसा करने वाले दोषी लोक सेवक को कठोर कारावास से दंडित करने का प्रावधान है, जिसकी अवधि छह माह से कम नहीं होगी। यह अवधि अधिकतम दो वर्ष तक की हो सकती है। साथ ही दोषी पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

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