Loksabha election 2024: मैगला गांव पहुंचे अटल जी ने पदमसेन चौधरी को दिल्ली बुलाकर दिया था टिकट

तत्कालीन सांसद के निधन पर शोक सभा में मैगला गांव पहुंचे थे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई

Loksabha election 2024: मैगला गांव पहुंचे अटल जी ने पदमसेन चौधरी को दिल्ली बुलाकर दिया था टिकट

राजू जायसवाल/बहराइच, अमृत विचार। बहराइच लोकसभा सीट पर पिता की सीट को बचाने का सिलसिला वर्षों से चला आ रहा है। कभी तत्कालीन सांसद रुद्रसेन चौधरी के स्थान पर उनके बेटे पदमसेन चौधरी को सीट से चुनाव लड़वाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने दिल्ली बुलाया। इसके बाद उन्हें लोकसभा का टिकट दिया। उन्होंने वर्तमान में केरल के राज्यपाल को चुनाव को हराकर जीत दर्ज की थी। 

बहराइच लोकसभा सीट ऐतिहासिक पलों को संजोए हुए है। कहने को कांग्रेस ने देश में 70 साल राज किया था। लेकिन बहराइच लोकसभा की जनता ने ज्यादातर भाजपा और उससे जुड़े पार्टी को अपना समर्थन देकर जीत दिलाया। वर्ष 1977 के बाद होने वाले लोकसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस ने तीन और भाजपा ने चार बार लोकसभा चुनाव में बहराइच सीट से जीत दर्ज की है। जबकि वर्ष 2004 के चुनाव में सपा प्रत्याशी ने चुनाव जीता था। अब बात करते हैं पिता के सियासत को पुत्र द्वारा संभालने की तो वर्ष 1996 में भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन सांसद रूद्र सेन चौधरी का निधन हो गया था। जिस पर 2 मार्च 1996 को उनका अंतिम संस्कार हुआ। अंतिम संस्कार के पांचवें दिन पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई रुद्रसेना चौधरी के पैतृक आवास मैगला गांव पहुंचे। 

उन्होंने परिवार को धंधा बनाते हुए रुद्रसेना चौधरी के पुत्र पदम सेन चौधरी को कुछ दिन बाद दिल्ली बुला लिया। इसके बाद उन्होंने पदम सिंह चौधरी को बहराइच लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए तैयार किया। अमृत विचार अखबार से बात करते हुए वर्तमान में विधान परिषद सदस्य पदम सिंह चौधरी ने बताया कि अटल जी ने सौम्यता के साथ बहराइच लोकसभा सीट से चुनाव लडने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद उन्हें टिकट मिला। उन्होंने भाजपा के टिकट पर वर्ष 1996 और फिर वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करते हुए पिता की सीट को बचाए रखा। इसके बाद परिस्थितियां बदलती गई। अन्य पार्टियों के प्रत्याशियों ने चुनाव में जीत दर्ज की। 

केरल के राज्यपाल को चुनाव में हराया
भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन सांसद रूद्र सेन चौधरी के निधन के बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने उनके पुत्र पदम सिंह चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा। पदम सेन चौधरी के सामने वर्तमान में केरल राज्य के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने जनता कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें हर का सामना करना पड़ा कुछ यही हाल वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में भी हुआ पदम सिंह चौधरी ने केरल के राज्यपाल को चुनाव में दूसरी बार पराजित कर दिया। 

वर्ष 2014 से भाजपा के पास है सीट
बहराइच लोकसभा सीट चार विधानसभा क्षेत्र को जोड़कर बनी है इस सीट पर किसी एक दल के प्रत्याशी का दबदबा नहीं रहा है। हां इतना जरूर है कि मोदी लहर में वर्ष 2014 से लगातार दो बार भाजपा ने जीत दर्ज की है। इस बार वर्तमान सांसद के बेटे डॉक्टर आनंद गोंड को टिकट मिला है। ऐसे में उनके कमल खिलाने को लेकर भाजपा के कार्यकर्ता और पदाधिकारी आशान्वित दिख रहे हैं।

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