हल्द्वानी: गुणवत्ता के नाम पर किताबों के दामों में बढ़ोत्तरी

हल्द्वानी: गुणवत्ता के नाम पर किताबों के दामों में बढ़ोत्तरी

हल्द्वानी, अमृत विचार। निजी स्कूलों ने इस बार भी किताबों के मूल्य बढ़ाने में अपनी मनमानी जारी रखी है। सरकार की ओर से कई दावों के बावजूद स्कूलों की मनमानी के आगे अभिभावक परेशान हैं। दुकानदारों का कहना है कि किताबों में महज कुछ परिवर्तन करके और गुणवत्ता सुधार के नाम पर ही दामों में बढ़ोत्तरी की गई है। 

नए शिक्षा सत्र में किताबों के मूल्य तो बढ़े हैं लेकिन कॉपियों का मूल्य पिछले साल की तुलना में कम है। पाठ्यक्रम में परिवर्तन होने से कक्षा 1 से 4 तक की एनसीईआरटी की किताबों के मूल्य बढ़ गए हैं जिससे अभिभावकों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।

वहीं, सीबीएसई बोर्ड की किताबों के कुछ निजी प्रकाशकों की किताबों के मूल्य भी 10-15 प्रतिशत तक बढ़े हैं। दुकानदारों के अनुसार निजी प्रकाशकों ने नई डिजाइन, बेहतर प्रिंट और उत्तम गुणवत्ता के नाम पर मूल्य बढ़ाए हैं। पहली कक्षा से लेकर चौथी कक्षा तक की किताबों में 10-15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। एक दुकानदार ने बताया कि छठी, सातवीं और आठवीं कक्षा में केवल उन किताबों के रेट बढ़े हैं जो स्टॉक में नहीं हैं।

उन्होंने बताया कि किताबें पुन: प्रकाशित होकर आ रही हैं इसलिए उनके मूल्य बढ़े हैं। दुकानदारों के अनुसार स्कूल ड्रेस के मूल्यों में वृद्धि नहीं हुई है और एक-दो स्कूलों को छोड़कर बाकी स्कूलों की ड्रेस में परिवर्तन नहीं हुआ है। 

कई किताबें स्टॉक में नहीं, लौटे अभिभावक
नया शिक्षा सत्र शुरू होने पर सोमवार को दुकानों में कॉपी-किताब और स्टेशनरी खरीदने वालों की दिनभर भीड़ लगी रही। सभी अभिभावक नए शिक्षा सत्र के लिए जल्दी कॉपी-किताब व अन्य शैक्षणिक सामग्री खरीदना चाहते हैं। वहीं, स्टॉक में कई किताबें न होने से अभिभावक वापस लौट रहे हैं। सोमवार को भी कई अभिभावकों को सिलेबस की कई किताबें नहीं मिलीं हालांकि दुकानदार उन्हें 1-2 दिन में सभी किताबें उपलब्ध होने का आश्वासन हो रहा है।

ये हैं किताबों के मूल्य
कक्षा                     मूल्य
1                          360
2                          360
3                          480
4                          700
5                          700
6-9 तक                 900
10                        1200
11                        1500
12                        1500

-सभी कक्षाओं के प्रति सेट नए मूल्य हैं। दुकानदारों के अनुसार सभी सेटों में 10-15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

स्कूल संचालकों की कोशिश, पुरानी किताबें न हों इस्तेमाल
हल्द्वानी। स्कूल संचालकों की पूरी कोशिश है कि पुरानी किताबें इस्तेमाल न हों। इसलिए हर साल किताबों के पाठ्यक्रम में मामूली फेरबदल करके उन्हें ज्यादा दामों में बेचा जाता है। अभिभावकों के ऊपर भी नई किताबें खरीदने का दबाव रहता है। 

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