Bareilly News: भर्ती परीक्षाओं में बार-बार होने वाली गड़बड़ियों से टूट रहीं विद्यार्थियों की उम्मीदें

Bareilly News: भर्ती परीक्षाओं में बार-बार होने वाली गड़बड़ियों से टूट रहीं विद्यार्थियों की उम्मीदें

बरेली, अमृत विचार। लोकसभा चुनाव की सरगर्मी आईवीआरआई में भी है जहां देश भर के सैकड़ों विद्यार्थी पढ़ तो रहे हैं लेकिन सरकारी नौकरी मिल पाएगी, इसके लिए आश्वस्त नहीं हैं।

भर्ती परीक्षाओं में बार-बार होने वाली गड़बड़ियां उनकी उम्मीदों को और ज्यादा कमजोर कर रही हैं। इन भावी वैज्ञानिकों का कहना है कि रोजगार के दरवाजे खोलने वाली सरकार ही उनकी प्राथमिकता होगी। 

अमृत विचार से बातचीत में इन विद्यार्थियों ने बताया कि उनके बीच शिक्षा, रोजगार, युवा उत्थान, पर्यावरण, सामाजिक न्याय और आरक्षण जैसे तमाम मुद्दों पर चर्चा होती है लेकिन इनमें सबसे ज्यादा फोकस रोजगार के अवसरों पर ही रहता है। दूसरी तरफ, इसी संस्थान के वैज्ञानिकों के बीच वैश्विक स्तर पर सुरक्षा, आर्थिक मजबूती, रोजगार और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे चुनाव में छाए हुए हैं।

क्या बोले युवा
सरकारी योजनाओं के धरातल पर सही ढंग से लागू नहीं होने की खबरों पर काफी चिंतन करता हूं। अगर यही स्थिति रही तो कैसे हमारा देश विकासशील देशों में शामिल होगा। आने वाली सरकार को इन बुनियादी बातों पर ध्यान देना होगा। युवाओं को बेहद सजग रहने की जरूरत है।-दीपेंद्र, एमवीएससी छात्र त्रिपुरा

युवा लंबे समय से सरकारी नौकरियों और भर्ती परीक्षाओं में लगातार हो रही अनियमितताओं की वजह से परेशान हैं। इसमें हाल ही में यूपी पुलिस भर्ती का पेपर लीक होना भी शामिल है। सच तो ये है कि युवाओं को अब किसी भी पार्टी से ज्यादा उम्मीद नहीं रह गई है।-चंद्रप्रकाश दीक्षित, एमवीएससी छात्र लखनऊ

युवाओं के भविष्य को लेकर वह खुद ही नहीं, उनके अभिभावक भी हर समय चिंता में रहते है। एक तरफ उद्यमियों के लिए अवसर लगातार बढ़ रहे हैं लेकिन दूसरी तरफ नौकरियां लगातार घटती जा रही हैं। बावजूद इसके कि देश की तमाम योजनाओं की सब्सिडी नौकरीपेशा लोगों से आती है।-ब्रूस, वीबीएससी छात्र गोवा

बेरोजगार नौकरी के लिए भटक रहे हैं। यही इस लोकसभा चुनाव में मुख्य मुद्दा होना चाहिए लेकिन कोई इस पर बात नहीं कर रहा। सब दूसरे मुद्दों पर जनता को भटका रहे है। पिछले चुनावों में भी सबको रोजगार देने की बात कही गई, लेकिन युवा अब तक इंतजार ही कर रहा है। - दीपांशु, वीबीएससी छात्र कोटा

क्या बोले वैज्ञानिक
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत अलग पहचान बना रहा है। आने वाली सरकार को राजनयिक, आर्थिक और सुरक्षा संबंधी उद्देश्यों को शामिल करने पर विचार करना चाहिए। आर्थिक कूटनीति और व्यापार संबंधों को बढ़ावा देना और राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा सहयोग बढ़ाना प्राथमिकता होनी चाहिए। - डॉ. गौरव शर्मा, वैज्ञानिक

देश औद्योगीकरण और तकनीकी प्रगति के दौर में है, लेकिन बुनियादी ढांचे, कौशल विकास और प्रौद्योगिकी तक पहुंच में काफी चुनौतियां हैं। हालांकि कुछ वर्षों में कृषि अनुसंधानों पर फोकस किया गया है। आने वाली सरकार को इन्फ्रास्ट्रक्चर और प्रौद्योगिकी विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए। -डॉ. अमरपाल, वैज्ञानिक

स्कूलों-अस्पतालों का निर्माण, पर्यावरण संरक्षण, अपराध, रोजगार, नागरिकों की आर्थिक मजबूती चुनाव के प्रमुख मुद्दे होने चाहिए। आने वाली सरकार को लोकतंत्र और सरकारों पर कम होते भरोसे को नए सिरे से कोशिश कर बहाल करना चाहिए। सरकार और जनता के बीच भरोसा कम है। - डॉ. रोहित, वैज्ञानिक

अपेक्षा है कि पशुपालन के साथ पशुचिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में भी विकास के लिए काम किया जाए। इसके तमाम विकल्प हो सकते हैं, आईवीआरआई की तरह विशेषज्ञता वाले पशु चिकित्सालय देश भर में खोलने का काम करने से देशवासियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की पशु चिकित्सा सुविधाएं मिलेगी। - डॉ. अभिषेक, वैज्ञानिक

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