हल्द्वानी: उत्तराखंड बातों और दावों में अव्वल, मतदान में फिसड्डी 

संसदीय चुनावों में राष्ट्रीय मतदान प्रतिशत से हमेशा कम रहा राज्य का मतदान प्रतिशत

हल्द्वानी:  उत्तराखंड बातों और दावों में अव्वल, मतदान में फिसड्डी 

हल्द्वानी, अमृत विचार। बेशक, उत्तराखंड में मतदान बढ़ाने और जनता को मतदान के लिए जागरूक करने के लाख दावे हो रहे हैं। कहीं नुक्कड़ सभाएं तो कहीं मैराथन के जरिए बुजुर्ग से युवाओं से ‘पहले मतदान फिर दूसरा काम’ की अपील की जा रही है मगर मतदान में उत्तराखंड हमेशा राष्ट्रीय मतदान प्रतिशत से फिसड्डी रहा है।

यह जनता की मतदान के प्रति उदासीनता हो या विषम भौगोलिक परिस्थितियां मतदान प्रतिशत आशानुरूप नहीं बढ़ा। ऐसे में इस आम चुनाव मतदान बढ़ाना सरकारी तंत्र के सामने बड़ी चुनौती है।

बीती 16 मार्च को लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई थी। इसी के साथ ही उत्तराखंड में भी लोकसभा चुनाव-2024 की तैयारियां जोरशोर से शुरू हो गई हैं। हर बार की तरह इस बार भी मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर राज्य व जिला निर्वाचन का पूर जोर है।

स्वीप की टीमें मतदाता सेल्फी प्वाइंट, रैलियां, मैराथन, नुक्कड़ नाटक, कैफे वगैरह खोलकर जनता को मतदान के प्रति जागरू करने के बड़े-बड़े दावे कर रही हैं। नए-नए मतदाताओं को रिझाने के लिए भी तरह-तरह के आयोजन किए जा रहे हैं। वहीं, निकायों, प्रशासन ने भी मतदान बढ़ाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी हैं।

बावजूद इसके जनता को पोलिंग बूथों पर पहुंचाने में सभी प्रयास नाकाम रहे हैं। अगर, निर्वाचन के आंकड़ों पर गौर करें तो लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड का मतदान प्रदर्शन बहुत ही लचर रहा है। राज्य गठन के बाद पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में आधी आबादी भी मतदान देने घर से नहीं निकली।

तब 49.25 प्रतिशत मतदान हुआ जो कि राष्ट्रीय स्तर से 8.82 प्रतिशत कम था। इसी तरह वर्ष 2009 में 53.96 प्रतिशत मतदान हुआ जो राष्ट्रीय मतदान प्रतिशत से 4.25 प्रतिशत कम था। हां वर्ष 2014 में मतदान में एकाएक 8.19 प्रतिशत उछाल आया और कुल 62.15 प्रतिशत मतदान हुआ। फिर भी राष्ट्रीय से 4.15 प्रतिशत कम रहा।

 इसी तरह 2019 के चुनाव में इस मतदान में फिर कमी आई और .65 प्रतिशत की गिरावट के साथ 61.50 प्रतिशत ही मतदान हुआ जोकि राष्ट्रीय मतदान प्रतिशत से  5.90 प्रतिशत कम रहा है। इस बार राज्य निर्वाचन का मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर पूरा जोर है। दिव्यांगों व बुजुर्गों को घर बैठे मतदान की सुविधा दी गई है। स्वीप व प्रशासन के प्रयास कितने सफल रहे हैं यह 19 अप्रैल को तय हो जाएगा। 

वर्ष          उत्तराखंड का मतदान        राष्ट्रीय मतदान            अंतर
                   प्रतिशत                         प्रतिशत 
2004             49.25                         58.07                         8.82
2009             53.96                         58.21                         4.25
2014            62.15                          66.30                         4.15
2019             61.50                         67.40                         5.90