पीलीभीत: 14 गांव में दस्तक दे रहे पांच बाघ, आए दिन हो रहा सामना...फ्रंटलाइन टीम की लगी चुनाव में ड्यूटी

पीलीभीत: 14 गांव में दस्तक दे रहे पांच बाघ, आए दिन हो रहा सामना...फ्रंटलाइन टीम की लगी चुनाव में ड्यूटी

पीलीभीत, अमृत विचार। लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं। नेता चुनाव प्रचार में जुटे हैं। शहर से लेकर कस्बों-गांवों में लोग चुनावी चर्चाओं में व्यस्त हैं। इन सबके बीच जंगल से सटे गांवों में खामोशी पसरी हुई है। इन दिनों यहां के ग्रामीणों के बीच विकास का मुद्दा नहीं बल्कि बाघों समेत जंगली जानवरों से छुटकारा दिलाने का मुद्दा सबसे ऊपर है। वजह यह है कि जंगल से सटे 14 गांवों में बाघ लगातार दस्तक दे रहे हैं। 

खास बात यह है कि जंगल से बाहर घूम रहे बाघों की निगरानी की जिम्मा सामाजिक वानिकी प्रभाग के कंधों पर है, मगर मोर्चा संभालने वाली फ्रंटलाइन टीम की ड्यूटी चुनाव में लगा दी गई है। फिलहाल फ्रंटलाइन टीम अभी तो इन गांवों की निगरानी कर रही है, लेकिन मतदान के दौरान सुरक्षा व्यवस्था रामभरोसे ही होगी। इसे देखते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी को अवगत कराया गया है।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा बढ़ने के साथ ही इनके जंगल से बाहर निकलने का सिलसिला भी तेजी से बढ़ा है। जंगल के अंदर घूम रहे बाघों की जिम्मेदारी पीटीआर के कंधों पर होती है, वहीं जंगल क्षेत्र से बाहर का एरिया सामाजिक वानिकी प्रभाग के हवाले होता है। पीटीआर की महोफ और बराही रेंज से सटे आबादी के इलाकों में बाघों की चहलकदमी देखी जा रही है। 

हालांकि बराही रेंज से सटे आबादी इलाकों में बाघों की चहलकदमी कम हुई है, मगर महोफ रेंज से सटे गांवों में पिछले कुछ माह से बाघों की लगातार चहलकदमी बनी हुई है। इस इलाके में पिछले तीन माह के भीतर बाघ हमलों में दो इंसान जान भी गंवा चुके हैं। बाघों के लगातार मूवमेंट से इन गांवों में दहशत है। 

सूत्रों के मुताबिक सामाजिक वानिकी प्रभाग की पीलीभीत रेंज के इस सेक्शन में करीब पांच बाघ लगातार मूवमेंट कर रहे हैं। इसमें एक बाघिन शावकों के साथ घूम रही है। पिछले दिनों एक बाघ को कुछ दिन पूर्व रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा जा चुका है। वन महकमे के मुताबिक इन गांवों में टीम द्वारा निगरानी की जा रही है।

इन गांवों में देखा जा रहा बाघों का मूवमेंट
- पंडरी
- चौड़ाखेड़ा
- कल्लिया
- हरकिशनापुर
- संडा
- सड़िया मुगलपुरा
- सेमपुर
- भौराई
- रूरा रामनगर
- न्यूरिया पूर्वी मुस्तकिल
- न्यूरिया उत्तरी मुस्तकिल
- न्यूरिया हुसैनपुर

फ्रंटलाइन टीम के कंधों पर ही सारा दारोमदार, उनकी भी लग गई ड्यूटी
सामानिक वानिकी प्रभाग में डीएफओ आरके सिंह के तबादले के बाद स्थाई तौर पर किसी अन्य डीएफओ की तैनाती नहीं हुई है। वर्तमान में पीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह के पास ही यहां का चार्ज है। ऐसे में जंगल से बाहर घूम रहे बाघों की निगरानी एवं उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सामाजिक वानिकी प्रभाग के उप प्रभागीय वनाधिकारी, रेंजर, डिप्टी रेंजर के कंधों पर ही है। 

खास बात यह है कि इन सभी की ड्यूटी चुनाव में लगा दी गई। बताते हैं कि इसको लेकर वन अफसरों ने प्रशासन को अवगत कराते हुए उप प्रभागीय वनाधिकारी समेत सात अन्य को मतदान ड्यूटी से मुक्त रखने को पत्र भी भेजा, लेकिन जिम्मेदारों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। ऐसे में अब निगरानी व्यवस्था को किस तरह अंजाम दिया जाएगा, इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

वन क्षेत्र से बाहर घूम रहे बाघों के मूवमेंट की लगातार निगरानी की जा रही है। सामाजिक वानिकी प्रभाग के स्टाफ की मतदान ड्यूटी के संबंध में जिला अधिकारी को अवगत कराया गया है। उम्मीद है कि सकारात्मक परिणाम सामने आएंगें। - मनीष सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, पीलीभीत टाइगर रिजर्व

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