हल्द्वानी: पांच घंटे में रेस्क्यू की गई स्लीपर फैक्ट्री में घुसी मादा भालू

हल्द्वानी: पांच घंटे में रेस्क्यू की गई स्लीपर फैक्ट्री में घुसी मादा भालू

हल्द्वानी/लालकुआं, अमृत विचार। वन विभाग ने रेलवे के स्लीपर बनाने वाली फैक्ट्री में घुसी मादा भालू को पांच घंटे के ऑपरेशन में ट्रैंकुलाइज करने के बाद सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया है। भालू को उसके प्राकृतिक आवास जंगल में छोड़ दिया गया है।

वन अधिकारियों के अनुसार, बीते मंगलवार की रात लगभग 11 बजे हल्दूचौड़ स्थित स्लीपर फैक्ट्री में एक भालू घुस गया। फैक्ट्री कर्मियों ने भालू देखते ही वन विभाग को इसकी सूचना दी। इस पर तराई पूर्वी वन डिवीजन की गौला रेंज की टीम मौके पर पहुंची। टीम ने भालू को पकड़ने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।

टीम ने भालू को पकड़ने का प्रयास किया लेकिन रात के अंधेरे में फायदा उठाकर भालू यहां-वहां छिप जाता था। लगभग पांच घंटे बुधवार की सुबह तड़के चार बजे भालू झाड़ियों में छिपा दिखाई दिया। पशु चिकित्सक डॉ. आयुष उनियाल ने तुरंत भालू को बेहोश करने के लिए ट्रैंकुलाइज किया।

भालू के बेहोश होने के बाद उसे पिंजड़े में बंद किया गया। फिर दो घंटे तक स्वास्थ्य की निगरानी की गई और तंदरुस्त मिलने पर भालू को जंगलों में छोड़ दिया गया। भालू मादा थी और उसकी आयु लगभग चार वर्ष की होगी। 
भालू अमूमन फल, चींटी और दीमकों को खाता है। वास स्थल और शिकार की वजह से इसकी संख्या में कमी आई है। यह अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ की रेड सूची में दर्ज है।

दो दिन पूर्व भी दिखा था भालू
स्लीपर फैक्ट्री के समीप भालू दो-तीन दिन पूर्व भी देखा गया था। फैक्ट्री कर्मियों ने इसकी चर्चा आपस में की थी लेकिन वन विभाग को नहीं दी थी। जब मंगलवार की देर रात भालू फैक्ट्री में घुस गया तब उन्होंने वन विभाग को सूचना दी। 

टांडा से भटक कर पहुंचा होगा भालू
वन अधिकारियों ने भालू के टांडा से आने की आशंका जताई है। रेंजर चंदन सिंह अधिकारी ने बताया कि तराई केंद्रीय वन डिवीजन की टांडा रेंज के जंगल और तराई पूर्वी वन डिवीजन की गौला रेंज के जंगल मिले हुए हैं। गौला रेंज के जंगलों में भालू नहीं है ऐसे में आशंका है कि भालू टांडा से भटक कर पहुंचा होगा। 


मंगलवार की रात 11 बजे भालू हल्दूचौड़ में रेलवे के स्लीपर बनाने वाली फैक्ट्री में घुस गया था। पांच-छह घंटे चले ऑपरेशन में ट्रैंकुलाइज करने के बाद उसे पकड़ लिया गया। भालू को सकुशल जंगलों में छोड़ दिया गया है। भालू मादा थी और उसकी उम्र लगभग 4 वर्ष की होगी। 
= चंदन सिंह अधिकारी, रेंजर गौला, तराई पूर्वी वन डिवीजन हल्द्वानी