पीलीभीत: यहां तो बिन बारिश जलभराव, 'आस्था' से जुड़ी दिक्कत में कब मिलेगा आशीर्वाद?
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पीलीभीत, अमृत विचार: शहर में नगर पालिका के विकास की हकीकत परखनी है तो वार्ड नंबर 16 मोहल्ला सुनगढ़ी की गलियों में आइए। एक बड़े हिस्से में दो माह से अधिक समय से नारकीय हालात बने हुए हैं। बिना बारिश के ही नाले-नालियों के गंदे पानी से जलभराव है। एक हजार से अधिक की आबादी इसका दंश झेल रही है। घरों से बाहर निकलना तो छोड़िए..भीतर रहकर गुजर बसर करना भी मुश्किल हो चुका है।
स्थानीय लोगों की मानें तो कई बार शिकायतें की गई। सोशल मीडिया पर अपनी समस्या को उजागर करते हुए वीडियो-फोटो पोस्ट किए गए। मगर जिम्मेदारों ने सुधार कराने की आज तक सुध नही ली है। अभी से घनी आबादी क्षेत्र की गलियों का ऐसा हाल है, तो मानसून की बारिश में बद से बदतर हालात होना तय है। खास बात है कि मंदिर आस्था का केंद्र है। उसके बाहर ही जलभराव है, फिर भी जिम्मेदार नजरें फेरे हुए हैं। लोगों का यही कहना है कि आस्था से जुड़ी इस दिक्कत में उनको नगर पालिका का आशीर्वाद कब मिलेगा।
इन सबके बीच कई स्थान ऐसे भी हैं, जहां बारिश से पहले ही हालात बदतर हो चुके हैं। शहर के वार्ड नंबर 16 मोहल्ला सुनगढ़ी का एक हिस्से में दो माह से अधिक समय से जलभराव है। धार्मिक स्थल के बाहर ही कीचड़ और नाली का पानी जमा है। लोगों का घरों से बाहर निकलकर कामकाज को जाना भी मुश्किल हो चुका है। 500 मीटर के दायरे में कई गलियों में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप है।
ये हाल तब है, जब इस दायरे में मंदिर, एक स्कूल और घनी आबादी बसी है। नालियां चोक पड़ी है। गलियों में घरों और मंदिर के आगे कीचड़ के बीच गंदा पानी भरा हुआ है। सफाई करने के लिए कर्मचारी ही नहीं पहुंच रहे हैं। कूड़ा उठाने वाली गाड़ी लेकर कर्मचारी पहुंचते भी हैं तो गली के बाहर खड़े हो जाते हैं। इसके बाद गंदे पानी से होते हुए लोग खुद ही गाड़ी तक कूड़ा फेंकने के लिए जाते हैं।
दिन भर लोग इसी गंदे पानी से होकर गुजरते हैं। बच्चे भी इसी से होकर स्कूल जाते हैं। ऐसे में कहीं बीमारियों की चपेट में न आ जाए। हर वक्त परिवार को चिंता सताई रहती है। अभी तक इस समस्या को दूर नहीं किया जा सका है। ऐसे में बारिश के दिनों में भी और भयंकर हालात बन जाएंगे। फिर कैसे गुजर बसर हो सकेगा, इसकी चिंता भी मोहल्ले के लोगों को अब सताने लगी है।
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