बाराबंकी: सीएचसी हैदरगढ़ में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल, अल्ट्रासाउंड और एक्सरे के लिए मरीजों को घंटों करना पड़ता है इंतजार

सीएचसी पर नहीं रूकतीं स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ

 बाराबंकी: सीएचसी हैदरगढ़ में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल, अल्ट्रासाउंड और एक्सरे के लिए मरीजों को घंटों करना पड़ता है इंतजार

हैदरगढ़/बाराबंकी, अमृत विचार। रात के समय उजाले की रोशनी से डूबा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैदरगढ़, लखनऊ-सुल्तानपुर हाईवे के किनारे स्थित है। तहसील मुख्यालय हैदरगढ़ की सीएचसी पर सैकड़ों गांवों के लाखों लोग स्वास्थ्य सेवाओं के लिये निर्भर हैं। लेकिन इस सीएचसी पर इमरजेंसी ड्यूटी के लिए आसपास के पीएचसी से चिकित्सकों को बुलाना पड़ता है।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, नेशनल हाईवे व स्टेट हाईवे पर हादसे में घायल भी यहीं पहुंचते हैं। जिनमें तमाम अन्य जिलों और प्रदेशों के लोग भी शामिल रहते हैं। लेकिन इस सीएचसी पर डाक्टर मिलना किसी अचरज से कम नहीं। इसके अलावा थोड़ा भी गंभीर होने पर मरीज को सीधा जिला अस्पताल या फिर लखनऊ रेफर कर दिया जाता है। जिससे अक्सर रास्ते में ही घायलों की मौत तक हो जाती है।  मंगलवार रात्रि अमृत विचार के स्थानीय संवाददाता ने सीएचसी का मौका मुआयना कर स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत जानने की कोशिश की।

मंगलवार--समय रात्रि--दस बजे

सीएचसी हैदरगढ़ इसलिए भी महत्वपूर्ण समझी जाती है कि यह कई जिलों की सीमाओं को पर स्थित है। यहां से निकले हाईवे पर आये दिन सड़क दुर्घटना में लोगों की मौत की खबर भी सुनाई पड़ती है। ऐसे में अगर समय से सीएचसी पर ही बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल जायें तो दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है। सीएचसी की इमरजेंसी मेडिकल सेवाओं की जमीनी हकीकत परखने के लिए संवाददाता यहां पहुंचा ही था कि सबसे पहले उसकी निगाह  मरीजों का इलाज करते हुए फार्मासिस्ट अमरीश मिश्रा पर पड़ी।

इमरजेंसी ड्यूटी पर लगाये गये पीएचसी सरायगोपी के डा. आरिफ नदारद मिले। स्टाफ से पूछने पर पता चला कि वह सरकारी आवास पर भोजन करने गये हैं। स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा. मोनिका शुक्ला नदारद मिलीं। पुछने पर पता चला बक्सन गांव की रहने वाली पूनम पत्नी आशीष का सिजेरियन आप्रेशन करने के बाद वह रोज की तरह कार्यक्षेत्र में रूकने के बजाय लखनऊ रवाना हो गईं। वहां के स्टाफ ने बताया कि डा. मोनिका की अनुपस्थिति में प्रसव सम्बन्धी काम स्टाफ नर्स के भरोसे चलता है।

स्टाफ नर्स सुनीता तो परीक्षण कक्ष में मौजूद थीं पर दूसरी नर्स रंजीता खाना खाने सरकारी आवास जा चुकी थीं। संवाददाता को स्टाफ नर्स सुनीता ने बताया कि रात में यदि कोई महिला प्रसव से सम्बंधित कोई जटिल केस आता है, तो इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक द्वारा ही महिला मरीज का इलाज किया जाता है। स्थित गम्भीर होने पर जिला मुख्यालय रेफर कर दिया जाता है। 

बुधवार--समय-- दोपहर साढ़े बारह बजे

सीएचसी पर ओपीडी मरीजों की संख्या अधिक होने की वजह से मरीज पर्चा बनवाने में कठिनाइयों का सामना करते दिखाई पड़े। रोज की तरह सीएचसी पर तैनात महिला दंत चिकित्सक अपनी कुर्सी से नदारत मिलीं। मरीज उनका इन्तजार करते दिखे। हलांकि एनएचएम के मानसिक चिकित्सक सलमान मरीजों की काउंसिलिंग करते देखे गए। सीएचसी में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा. मोनिका शुक्ला गर्भवती महिलाओं को परामर्श देते हुए मिलीं।

अल्ट्रासाउंड व्यवस्था राम भरोसे

यहां की अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था राम भरोसे है। सीएचसी पर महिलाओं को छोड़कर पुरूषों को अल्ट्रासाउंड के लिए रेडियोलोजिस्ट डा. विश्वनाथ मद्धेशिया के आने का इंतजार करना पड़ता है। उनके न होने पर पुरूष मरीजों को बाहर की पैथालाजी से अल्ट्रासाउंड कराना पड़ता है। महिला चिकित्सक सीएचसी पर सिर्फ गर्भवती महिलाओं का ही अल्ट्रासाउंड करती है।

अल्ट्रासाउंड के लिए करना पड़ता है इन्तजार

अल्ट्रासाउंड के लिए आई कस्बा कुरैशी वार्ड निवासी शिफा पत्नी कासिम व थाना लोनी कटरा के फतेहपुर जमरूवा गांव निवासी सोनी पत्नी योगेश कुमार विश्वकर्मा एवं जांच के लिए आई अन्य गर्भवती महिलाओं ने बताया कि डाक्टर ने डेढ़ बजे अल्ट्रासाउंड करने की बात कही है। गर्मी में इतना लंबा इंतजार करने से उन्हें काफी परेशानी हो रही है।

एक्सरे के लिए भी घंटों का इंतजार

साल 1997 में शुरू हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लगी दशकों पुरानी एक्स-रे मशीन की बुरी दशा और वर्तमान समय में पड़ रही भीषण गर्मी के कारण लो वोल्टेज की समस्या से एक्सरे के लिए आने वाले रोगियों को घंटो इंतजार करना पड़ता है। हाथ में चोट का एक्सरे करने आए राजू लस्सी प्रतिष्ठान के कर्मचारी रवि शंकर ने बताया कि घंटे भर इंतजार के बाद किसी तरह उनका एक्सरे हो सका। यह हाल यहां हमेशा ही रहता है।

ओपीडी में मरीजों का लंबा इंतजार

इमरजेंसी वार्ड में चल रही ओपीडी में वार्ड बॉय से लेकर चिकित्सक तक नदारद मिले। पता चला कि ड्यूटी पर तैनात डा. उमंग वर्मा, फार्मासिस्ट अमरीश मिश्रा, वार्डबॉय नूरुल हसन, चिकित्सा अधीक्षक के कक्ष में पुलिस द्वारा लाये गए धारा 376 के मुल्जिमों का मेडिकल परीक्षण कर रहे हैं। पड़ताल में लैब टेक्नीशियन अनुप्रीत वर्मा पैथोलॉजी में जांच करते पाएं गये। औषधि वितरण कक्ष में फार्मासिस्ट मीनू दुबे अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद पाई गईं। वहीं पड़ताल में पता चला कि सीएचसी पर शीतल जल, साफ सफाई का उचित प्रबन्ध किया गया है।

क्या बोले सीएमओ..

पूरे जिले में चिकित्सकों का अभाव है। मरीजों को 24 घंटे स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए विभाग हर संभव कोशिश कर रहा है। आपात स्थिति में आसपास की सीएचसी और पीएचसी से चिकित्सकों को बुलाकर मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं। सीएचसी पर सिर्फ गर्भवती महिलाओं के ही अल्ट्रासाउंड को सुविधा है.., डा. अवधेश कुमार यादव, सीएमओ।

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