सुलतानपुर सीट पर राम भुआल ने दौड़ाई साइकिल, सपा का खुला खाता

अब तक के हुए लोकसभा चुनाव में जनाधार तो मिला पर हर बार मिली कड़े संघर्ष में शिकस्त

सुलतानपुर सीट पर राम भुआल ने दौड़ाई साइकिल, सपा का खुला खाता

अजय कुमार पांडेय/सुलतानपुर, अमृत विचार। गठन के बाद से ही समाजवादी पार्टी भले ही विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर प्रदेश में सरकार में बना ली है, लेकिन अभी तक सुलतानपुर लोक सभा सीट से सपा एक बार भी चुनाव नहीं जीत पाई थी। सपा द्वारा चुनाव में उतारे गए उम्मीदवार मेहनत कर रनर तक ही पहुंचे है, लेकिन जीत का स्वाद नहीं चखा था। राम भुआल निषाद ने सुलतानपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीत सपा के खाते में डालते हुए एक नया इतिहास रचा है।

वर्ष 1996 में पहली बार समाजवादी पार्टी ने तत्कालीन जिलाध्यक्ष कमरुज्जमा फौजी को अपना उम्मीदवार बनाया था। जिसमें 1,20,559 मत पाकर भाजपा  प्रत्याशी पूर्व आईपीएस डीबी राय से चुनाव हार गए थे। वर्ष 1998 के लोकसभा चुनाव में सपा प्रयागराज की मेयर रहीं रीता बहुगुणा जोशी को उम्मीदवार बनाया था। जिसमें फिर भाजपा के डीबी राय ने समाजवादी पार्टी के डा रीता बहुगुणा जोशी को 64,448 वोट से हराया था।

रीता बहुगुणा जोशी को इस चुनाव में 2,05,503 वोट मिले थे। वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में सपा ने अंबेडकर नगर के विधायक राम लखन वर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया। जिसमें बसपा के जयभद्र सिंह ने राम लखन वर्मा को शिकस्त दी। जबकि राम लखन वर्मा को इस चुनाव 1,58,959 मत मिले थे। 2004 के लोकसभा चुनाव में सपा ने स्थानीय प्रत्याशी पर दांव आजमाया। एमएलसी शैलेंद्र प्रताप सिंह को उम्मीदवार बनाया था।

इनको 1,59,754 मत मिले थे, लेकिन बसपा के ताहिर खान से चुनाव हार गए थे। 2009 में सपा ने अशोक पांडेय को अपना उम्मीदवार घोषित किया था। जिसमें इन्हें 1,07,895 मत मिले थे, लेकिन कांग्रेस के संजय सिंह से चुनाव हार गए थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा ने शकील अहमद को प्रत्याशी बनाया था। जिसमें शकील अहमद ने 2,28,144 मत पाकर भाजपा के वरुण गांधी से चुनाव हार गए थे। वर्ष 2019 के चुनाव में सपा बसपा का गठबंधन हो गया, सीट बसपा के खाते में चली गई थी। 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा कांग्रेस का गठबंधन हुआ सीट सपा के खाते में गई।

सपा ने पहले अंबेडकर नगर निवासी भीम निषाद को उम्मीदवार बनाया। लेकिन सप्ताह भर के अंदर गोरखपुर निवासी राम भुआल निषाद को उम्मीदवार बनाया। जिसके चलते पार्टी के अंदर खाने खूब कलह मची। लेकिन सपा सुप्रीमो ने आपसी मतभेद दूर करा दिया। जिसका नतीजा रहा कि राम भुआल निषाद ने जीत दर्ज कर इस सीट को सपा के खाते में डाल दिया। साथ ही वर्षाें से चली आ रही मिथक को भी तोड़ दिया।

अब तक समाजवादी पार्टी का आंकड़ा

वर्षः 1996
उम्मीदवार पार्टी प्राप्त मत
देवेंद्र बहादुर राय भाजपा 2,38,843
कमरुज्जमा फौजी सपा   1,20,559

वर्षः 1998
देवेंद्र बहादुर राय भाजपा 2,69,951
रीता बहुगुणा जोशी सपा 2,05,503

वर्षः 1999
जय भद्र सिंह बसपा   1,73,558
राम लखन वर्मा सपा   1,58,959
पवन पांडेय निर्दलीय 1,29,525
दीपा कौल कांग्रेस   82,385

वर्षः 2004
मो. ताहिर बसपा 2,61,564
शैलेंद्र प्रताप सिंह सपा     1,59,754
कैप्टन सतीश शर्मा कांग्रेस 1,54,245
वीणा पांडेय भाजपा   91,328

वर्षः 2009
डॉ. संजय सिंह कांग्रेस 3,00,411
मो. ताहिर बसपा   2,01,632
अशोक पांडेय सपा    1,07,895
सूर्यभान सिंह भाजपा  44,425

वर्षः 2014
वरुण फिरोज गांधी भाजपा 4,10,348
पवन पांडेय बसपा    2,31,446
शकील अहमद सपा     2,28,144
अमिता सिंह कांग्रेस   41,983

2019
मेनका संजय गांधी भाजपा 4,58,196
चंद्रभद्र सिंह सोनू बसपा   4,44,670
डा. संजय सिंह कांग्रेस   41,681

2024
राम भुआल निषाद सपा 4,44,330
मेनका संजय गांधी भाजपा 4,01,156
उदराज वर्मा बसपा 1,63,025

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