Bareilly News: कैसे मानें साफ है नीयत... 360 करोड़ की जमीन के बारे में फैसला और कोई प्रस्ताव तक नहीं

Bareilly News: कैसे मानें साफ है नीयत... 360 करोड़ की जमीन के बारे में फैसला और कोई प्रस्ताव तक नहीं

बरेली, अमृत विचार। शहर के बीच करीब 360 करोड़ कीमत की जमीन पर चल रहे आर्य समाज अनाथालय को बंद करने के फैसले के पीछे का खेल धीरे-धीरे खुलकर सामने आने लगा है। 

प्रबंध समिति ने कोई प्रस्ताव पारित किए बगैर अनाथालय को बंद कर उसकी जगह गुरुकुल बनाने का फैसला कर लिया और उस पर अमल भी शुरू कर दिया। गुरुकुल शुरू करने के लिए शिक्षा विभाग में भी अब तक कोई आवेदन नहीं किया गया है, जिसकी वजह से सवाल उठ रहा है कि प्रबंध समिति अनाथालय की जगह गुरुकुल ही चलाना चाहती है या उसकी मंशा कुछ और है।

अमृत विचार की पड़ताल में पता चला है कि आर्य समाज पिछली प्रबंध समिति ने शहर के बीच अनाथालय के 42 बीघा जमीन में फैले विशाल परिसर का हवाला देते हुए सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया था कि अनाथालय के साथ ही गुरुकुल ही चलाया जाए। उस समय समिति ने शहर के कुछ उदार लोगों से भी इस संबंध में बात की थी जिसके बाद वे गुरुकुल के लिए दान देने को भी तैयार हो गए थे। 

तय हुआ था कि गुरुकुल के लिए भूमि पूजन होने के बाद दानदाता उसे स्थापित करने के लिए मदद करना शुरू करेंगे। इस प्रस्ताव में इस बात का कहीं भी उल्लेख नहीं था कि अनाथालय को बंद कर दिया जाएगा लेकिन जनवरी 2023 में ओमकार आर्य के प्रधान बनने के बाद प्रबंध समिति में अलग ही सुर गूंजने लगे।

ओमकार आर्य ने प्रधान बनने के फौरन बाद कुछ इस तरह अनाथालय के स्टाफ के साथ कई अनाथ बच्चों को निकाल बाहर किया, जैसे पहले से सबकुछ तय हो। यही नहीं, कोई नया प्रस्ताव पारित किए बिना ही अनाथालय को बंद करके उसकी जगह गुरुकुल बनाने की योजना पर काम शुरू कर दिया। 

इसी के चलते अनाथालय में बची तीन युवा लड़कियों को भी 30 जून तक निकलने का आदेश सुना दिया गया और उनसे इस बारे में एग्रीमेंट भी करा लिया गया। बावजूद इसके कि गुरुकुल बनाने के लिए प्रबंध समिति के पास फिलहाल न कोई बजट है, न इसके लिए कोई योजना आधिकारिक तौर पर बनाई गई है। शिक्षा विभाग में गुरुकुल की मान्यता के लिए आवेदन तक नहीं किया गया है।

लगभग खाली हो चुका है अनाथालय, पर अब भी ले रहे हैं अनाथ बच्चों के नाम पर दान
गुरुकुल शुरू करने के बहाने 140 साल पुराने आर्य समाज अनाथालय को लगभग बंद किया जा चुका है। बाकी बची तीन लड़कियों को 30 जून तक अनाथालय छोड़ना है। हालांकि बताया जा रहा है कि प्रबंधन अब भी अनाथ बच्चों के नाम पर शहर के लोगों से लगातार दान ले रहा है। पिछले करीब डेढ़ साल के बीच यहां न किसी शिक्षक या स्टाफ की नियुक्ति हुई है न किसी नए अनाथ बच्चे का दाखिला लिया गया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि दान में ली जा रही रकम का प्रबंध समिति क्या इस्तेमाल कर रही है।

ये पैंतरा भी... लड़कियों पर इतनी ज्यादती कि अनाथालय में और रहने की सोच भी न पाएं
महर्षि दयानंद सरस्वती ने 140 साल पहले बाल शोषण रोकने की मुहिम के तहत आर्य समाज अनाथालय की स्थापना कराई थी लेकिन अब यहां बाल शोषण ही चरम पर है। अनाथालय में बची जिन तीन लड़कियों को 30 जून तक बाहर निकलने का आदेश दिया गया है, उन पर जमकर ज्यादती की जा रही है। लड़कियों के मुताबिक उनसे पूरे दिन में तीन समय 15-15 लोगों का खाना बनवाया जाता है। इसके बावजूद ठीक से व्यवहार नहीं किया जाता।

इसे भी अनाथालय बंद करने की योजना का ही हिस्सा बताया जा रहा है ताकि लड़कियां आगे और यहां रहने के बारे में न सोचें। इन तीनों लड़कियों की उम्र 22- 24 साल के बीच है। तीनों पैदा होने के कुछ ही महीनों बाद अनाथालय लाई गई थीं, तब से यहीं रह रही हैं। इनमें से एक बीएड कर चुकी है और दूसरी की एमए की पढ़ाई पूरी हो चुकी है। 

तीसरी लड़की का एमए का सपना प्रबंध समिति की ओर से फीस न भरे जाने के कारण पूरा नहीं हो सका। आरोप है कि प्रबंधन ने यह कहकर फीस देने से इन्कार कर दिया कि आखिर कब तक तुम्हें बैठाकर खिलाएं। अपनी फीस खुद जमा करो।

बता दें कि अनाथालय में दो साल पहले तक 60 से ज्यादा अनाथ लड़के और लड़कियां थी जिनके भरण पोषण के साथ प्रबंध समिति उनकी शिक्षा की भी व्यवस्था करती थी लेकिन फरवरी 2024 में ही इनमें से ज्यादातर के साथ कर्मचारियों को भी यहां से हटा दिया गया। इससे पहले छोटे बच्चों से भी भारी काम कराने के भी कई मामले हुए। अक्टूबर 2023 में प्रधान ओमकार आर्य के खिलाफ आठ साल की एक बच्ची से छेड़छाड़ की एफआईआर दर्ज हुई। पुलिस ने उसे जेल भेजा था लेकिन कुछ ही समय बाद जमानत मिल गई।

डीएम ने कहा- नियम-कानून से ही होगा कोई भी काम
डीएम रविंद्र कुमार ने आर्य समाज अनाथालय प्रकरण का संज्ञान लिया है। उन्होंने बताया कि अनाथालय में क्या चल रहा है, वह इस संबंध में जानकारी कराएंगे। विभाग को यह भी पता लगाने के लिए कहेंगे कि मौजूदा स्थिति क्या है। डीएम ने कहा कि कोई भी काम नियम-कानून के तहत होने दिया जाएगा।

बदले सुर, प्रधान ने अब कहा- भ्रम फैला रहे लोग
मामला तूल पकड़ने के साथ अनाथालय के प्रधान ओमकार आर्य के सुर बदलने लगे हैं। सोमवार को उन्होंने कहा कि अनाथालय को बंद नहीं किया जा रहा है, यहां गुरुकुल चलाया जाएगा। अनाथालय के बारे में लोग भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि यह नहीं बताया कि अनाथालय बंद नहीं हो रहा तो लड़कियों को क्यों बाहर किया जा रहा है।

पीड़ा में वो लोग जिनका यहां रहकर जीवन संवरा
आर्य समाज अनाथालय की प्रबंध समिति के फैसले वे लोग सकते में हैं जो अबोध अवस्था में यहां आए थे और यहीं रहकर पढ़ने-लिखने के बाद जिनका जीवन संवर गया। ऐसे ही एक शख्स पवन कुमार का कहना है कि अनाथालय को बंद करने के फैसले के पीछे बड़ी साजिश है जिसके पीछे इसकी संपत्ति के बारे में अनुचित मंशा रखने वालों का हाथ हो सकता है। 

अनाथालय को बंद न होने देने के लिए वह मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर शिकायत करेंगे। आरके चौहान ने कहा कि इस अनाथालय की वजह से अब तक अनगिनत लड़के और लड़कियों का जीवन बचा और सुधरा है। इसे बंद करने का फैसला बेहद अफसोसनाक है। अनाथालय के बारे में प्रशासन और सरकार काे गंभीरता से संज्ञान लेना चाहिए ताकि यह किसी भी दशा में बंद न होने पाए।

कानूनन नहीं बंद किया जा सकता अनाथालय
बायलॉज के मुताबिक इस जमीन पर अनाथालय ही चलाया जा सकता है। लड़कियों की जब तक शादी न हो या उनकी कहीं स्थाई नौकरी न लग जाए, तब तक उन्हें यहां से हटाया नहीं जा सकता। इसके बायलॉज में अब कोई संशोधन भी नहीं हो सकता। यह अनाथालय धार्मिक चैरिटेबल ट्रस्ट के तहत चल रहा है। इसमें कही भी लड़कियों को हटाने का अधिकार प्रबंध समिति को नहीं दिया गया है। लड़कियों को हटाने से पहले उनके जीवन भर के भरण-पोषण की व्यवस्था प्रबंध समिति को करनी होगी। अनाथालय के नियमों के विरुद्ध काम करने वालों पर कार्रवाई भी हो सकती है। जिला प्रशासन इस मामले में जांच कर कार्रवाई कर सकता है। - शाकिब खां, अधिवक्ता

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