5जी के बाद 5जी प्लस का IIT Kanpur में ट्रायल चालू, 6जी के स्टैंडर्ड में शामिल होगा नया वर्जन

Amrit Vichar Network
Published By Kanpur Digital
On

कानपुर में 5जी के बाद 5जी प्लस का ट्रायल चालू।

कानपुर में 5जी के बाद 5जी प्लस का ट्रायल चालू हो गया। इसके लिए आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञ दिन रात जुटे। इसमें 5जी की तकनीक को मजबूत किया जा रहा।

कानपुर, [शशांक शेखर भारद्वाज]। देश में 5जी के बाद अब 6जी सेवा की तैयारी शुरू हो गई है। यह इंटरनेट स्पीड, कॉल कनेक्टिविटी में काफी तेज रहेगी। जीपीएस की सटीक लोकेशन के साथ ही मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की बेहतर सुविधा मिल सकेगी। इसके लिए आईआईटी कानपुर में 5जी प्लस का ट्रायल चालू हो गया है। इसमें जहां 5जी की तकनीक को अत्याधुनिक किया जा रहा है, वहीं नई खूबियों और वर्जन को शामिल कर रहे हैं।

इन विशेषताओं को फरवरी के अंतिम सप्ताह में ग्रीस में होने वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत किया जाएगा, जिससे इन्हें 6जी के स्टैंडर्ड में रखा जा सकेगा। 
आईआईटी कानपुर, आईआईटी मद्रास और प्रायोगिक सूक्ष्मतरंग इलेक्ट्रॉनिक अभियांत्रिकी तथा अनुसंधान संस्था (समीर) की ओर से 5जी टेलीकम्युनिकेशन सर्विस विकसित की गई है। इसका ट्रायल कोरोना काल के बाद हुआ, उस दौरान ही सारे कार्य किए गए।

Trial

आईआईटी कानपुर ने बेसबैंड यूनिट, मद्रास ने रेडियो यूनिट और समीर ने एंटीना तैयार किया था। आईआईटी कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियर प्रो. रोहित बुद्धिराजा और उनकी टीम ने तकनीक विकसित करने में कामयाबी हासिल की। अब इन्हीं के नेतृत्व में 5जी प्लस पर कार्य शुरू हो गया है। इसमें इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय सहयोग कर रहा है। 

पोजिशनिंग सिस्टम होगा मजबूत

प्रो. रोहित बुद्धिराजा के मुताबिक 5जी प्लस में पोजिशनिंग सिस्टम को मजबूत किया जा रहा है, जिससे नेटवर्किंग की पिन प्वाइंट लोकेशन मिल सकेगी। अगर किसी को ड्रोन से पिज्जा या अन्य सामान की डिलीवरी करना है तो वह बिल्कुल सटीक जगह होगा। इसके अलावा मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और डेटा साइंस का ध्यान रखा जा रहा है। अब कारखानों और अस्पतालों में रोबोट के माध्यम से कार्य किया जा रहा है। मशीन अपने आप ही निर्णय लेने में सक्षम रहती है, ऐसे में नेटवर्किंग में चंद सेकेंड की देरी को भी कम किया जा रहा है।

चार से पांच तकनीक हुई विकसित 

आईआईटी के विशेषज्ञों ने 5जी प्लस के ट्रायल के दौरान इसी पर आधारित चार से पांच तकनीक विकसित की है। इन्हें ग्रीस में आयोजित सम्मेलन में दुनिया भर के दिग्गज टेलीकम्युनिकेशन कंपनियों के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। यह कंपनियां तकनीकी सेवाओं के लिए संस्थान के अधिकारियों से मंथन कर सकेंगे।

5जी के बाद संस्थान में 6जी पर कार्य शुरू हो गया है। यह तकनीक पूरी तरह से मेक इन इंडिया पर आधारित रहेगी। आईआईटी के विशेषज्ञ इसमें जी जान से जुटे हुए हैं।- प्रो. अभय करंदीकर, निदेशक आईआईटी कानपुर

संबंधित समाचार