लखीमपुर-खीरी: अधिकांश समितियों पर लटके रहे ताले, कागजों में हो गया नांमाकन 

लखीमपुर-खीरी: अधिकांश समितियों पर लटके रहे ताले, कागजों में हो गया नांमाकन 

लखीमपुर/गोला गोकर्णनाथ, अमृत विचार। जिले में मंगलवार को हुए संचालक मंडल चुनाव के नामांकन को लेकर सुबह से अधिकतर समितियों पर ताला लटका रहा। दावेदार अधिकारियों का इंतजार करते रहे लेकिन कोई अधिकारी शाम तक समितियों पर नहीं पहुंचा।

हालांकि कुछ समितियों पर पर्चो की बिक्री की गयी लेकिन वह अपने चहेते लोगों तक ही सीमित रही। इसको लेकर कई जगह पर विरोध प्रदर्शन भी हुए लेकिन उसका कोई हल नहीं निकला। जिले में 125 सहकारी समितियों के नामांकन को लेकर पहले से ही काफी गहमा गहमी देखी गयी थी।  चुनाव लड़ने वाले संभावित प्रत्याशी मायूस होकर घर वापस लौट गए। उन्होंने सत्ता पक्ष पर मनमानी करने का आरोप लगाया है। 

सहकारी समितियों के होने जा रहे संचालक मंडल के चुनाव में संभावित प्रत्याशियों ने कई माह पूर्व से ही जोड़तोड़ शुरू कर दी थी। चुनाव में संचालक के बजाय अधिकांश प्रत्याशी अपने को अध्यक्ष पद का प्रत्याशी मान रहे थे। सोमवार 13 मार्च तक मतदाता सूची के प्रकाशन तक लोग संतुष्ट रहे, जो मंगलवार को अपने अनुमोदक और प्रस्तावक के साथ सहकारी समितियों पर पहुंचे, लेकिन वहां निर्वाचन अधिकारी के न आने से पर्चा दाखिल नहीं हो सके।

जिले में सहकारी समिति लालपुर बैरियर, गनेशपुर, रामापुर, नकहा शहाबुद्दीनपुर, ममरी, गोला, रोशननगर, जड़ौरा, सिकन्द्राबाद, लंदनपुर, अहमदनगर, बस्तौली, अमीरनगर आदि में दो बजे तक कोई निवार्चन अधिकारी नहीं पहुंचा, जिससे संचालक पद के लिए पर्चे खरीदने वाले प्रत्याशी  इंतजार कर दोपहर बाद मायूस होकर लौट गए। 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा के पदाधिकारियों ने पहले से ही संचालकों की सूची तैयार कर रखी थी। एकांत में कहीं बैठकर उतने ही पर्चे भरकर निर्वाचन अधिकारी के पास दाखिल कर दिए गए। हालांकि सहकारी समितियों पर बबाल की आशंका वश पर्याप्त पुलिस बल तैनात रहा।

आज होगी नामांकन पत्रों की जांच,16 को होगी नाम वापसी 
आज नामांकन पत्रों की जांच करायी जाएगी। इसी दिन जांच में सही मिले नामांकन पत्रों को तीन से चार बजे के बीच प्रदर्शित किया जाएगा। 16 मार्च को एक बजे तक नाम वापसी होगी। जिसके बाद चुनाव चिन्ह आवंटित किये जाएंगे। 18 मार्च को चार बजे तक मतदान किया जाएगा उसके बाद मतगणना करते हुए परिणाम की घोषणा की जाएगी। 

बांकेगंज खीरी- किसान सेवा सहकारी समिति बांकेगंज में बुधवार को प्रातः 10 से शाम चार बजे के बीच संचालक पद हेतु नामांकन पत्र दाखिल किया जाना था, इसके लिए ग्राम विकास अधिकारी भास्कर राय को चुनाव अधिकारी बनाया गया था। चुनाव लड़ने के इच्छुक व्यक्ति सुबह से ही समितियों के चक्कर लगाते रहे, परंतु निर्वाचन अधिकारी के न आने की बात सुनकर वे चले जाते थे। चुनाव की इस व्यवस्था पर लोग टीका टिप्पणी करते रहे।

समिति के कर्मचारियों से कोई भी बात पूछने पर वे जवाब देने से बचते रहे।  निर्वाचन अधिकारी के न पहुंचने के बावजूद पुलिस की मौजूदगी सभी को हैरान करती रही। लोग चर्चा करते रहे कि पुलिस निर्वाचन प्रक्रिया को निर्विघ्न संपन्न कराने के लिए उपस्थित न होकर लोगों के आक्रोश को दबाने के लिए मौजूद है।

रोशननगर- कसबे की रोशननगर महेशपुर साधन सहकारी समिति पर पूरे दिन निर्वाचन अधिकारी नहीं पहुंचे। प्रत्याशियों ने जब उन्हें फोन लगाने का प्रयास किया तो उनका फोन स्वीच आफ बताता रहा। कई प्रत्याशियों ने सहकारिता विभाग के अधिकारियों और भाजपा के शीर्ष पदाधिकारियों से चुनाव के संबंध में जानकारी करनी चाही लेकिन कोई अधिकारी और जनप्रतिनिधि कुछ भी बताने को तैयार नहीं हुए।

संसारपुर- बांकेगंज ब्लाक की ग्रंट नंबर 18 सहकारी समिति पर संचालक मंडल के चुनाव के लिए अमित कुमार गुप्ता निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किए गए थे। जिन्होंने अंतिम मतदाता सूची तक विधिवत चुनावी प्रक्रिया निपटाई, लेकिन मंगलवार को नामांकन के दिन समिति पर रिटर्निंग ऑफिसर के न पहुंचने पर प्रत्याशी पर्चे नहीं खरीद सके, जो मायूस होकर लौट गए। उन्होंने सत्ता पक्ष पर मनमानी करने का आरोप लगाया है।

रजागंज-सदर ब्लाक के साधन सहकारी समिति में निपनिया में सुबह से समितियों पर अधिकारी नहीं पहुंचे। दोपहर बाद करीब एक बजे समिति पर पहुंचे सचिव दीनानाथ यादव ने दो प्रत्याशियों को नामांकन पत्र दिया। जिसमें उमाशंकर मिश्रा व सुबोध कुमार वर्मा का नाम शामिल है। इसके अलावा अन्य किसी प्रत्याशी को पर्चा नहीं दिया गया जिसके बाद सचिव और पर्चा लेने आये उम्मीदवारों के बीच जमकर नोंक झोंक हुई। बता दें कि साधन सहकारी समिति रमुआपुर बिझौली को अति संवेदनशील बूथ होने के चलते यहां पर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये गये थे।  

नामांकन के दिन भी बंद रही सहकारी समिति 
भानपुर-विकासखंड बिजुआ की ग्राम पंचायत भानपुर की सहकारी समिति के पदाधिकारियों के चुनाव हेतु आज नामांकन होने थे। किंतु ,दोपहर बाद तक समिति के ताले ही नहीं खुले। दोपहर बाद एक छोटा कर्मचारी समिति पर पहुंचा जो कुछ बोलने को तैयार नहीं हुआ। नामांकन कराने वाले दावेदारों का आरोप है कि न तो वोटर लिस्ट ही जारी की गई और न कोई जिम्मेदार कर्मचारी ही समिति पर पहुंचा। इस संदर्भ में संवाददाता द्वारा जब जिम्मेदारों से फोन पर बात करनी चाही गई तो उनका फोन नहीं उठ सका।

सहकारी समितियों में नामांकन प्रक्रिया सम्पन्न
पसगवां- क्षेत्र पंचायत अंतर्गत साधन सहकारी समितियों के संचालक पदों का नामांकन प्रक्रिया सम्पन्न हो गई। साधन सहकारी समिति औरंगाबाद में 14, पसगवां में 10 , मैगलगंज में 9, हैरमखेड़ा में 9, मकसूदपुर में 10,पैकीपुर में 11, खरगापुर में 10,जसमढ़ी में 9, मोहीउद्दीनपुर में 10, बालदेवता में 9, बनका गांवमें 9, किरियारा में 9 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किए। नामांकन प्रक्रिया की निष्पक्षता सवालों के दायरे में रही। कई प्रत्याशी नामांकन पत्र न ले पाए और न दाखिल कर पाए।

मैगलगंज खीरी- मैगलगंज क्षेत्र के साधन सहकारी समितियों के सदस्य पद हेतु नामांकन दाखिल होने की प्रक्रिया औपचारिक रूप से पूर्ण की गई। मैगलगंज व हैरमखेड़ा में नौ नौ निवर्तमान सदस्यों के अलावा किसी अन्य द्वारा नामांकन पत्र नहीं खरीदा गया। वहीं औरंगाबाद में सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक आरओ ही नहीं पहुंचे।

चर्चाएं हैं कि सभी निवर्तमान सदस्यों को नामांकन पत्र पहले ही बिक्री कर जमा करा लिया गया। इस तरह मैगलगंज क्षेत्र की तीनों समितियों पर सदस्यों का निर्विरोध निर्वाचित होना लगभग तय माना जा रहा है। औरंगाबाद में अन्य प्रत्याशियों द्वारा कई बार अधिकारियों से आरओ के न पहुंचने के लिए शिकायते भी की गई लेकिन शाम तक आरओ नहीं पहुंचे। हंगामे की आशंका को देखते हुए औरंगाबाद समिति पर पुलिस बल तैनात रहा।

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