कानपुर-बुंदेलखंड के क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल अमृत विचार से बातचीत में बोले- गुजरात मॉडल UP में जिताएगा 80 में 80 देख लेना
कानपुर-बुंदेलखंड के क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल से अमृत विचार ने की खास बातचीत।
कानपुर-बुंदेलखंड के क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल से अमृत विचार ने की खास बातचीत। गुजरात मॉडल यूपी में 80 में 80 देख लेना जिताएगा। लोकसभा 2024 गुजरात मॉडल पर चुनाव प्रबंधन की तैयारियां शुरू।
कानपुर, [महेश शर्मा]। जनाधार बढ़ाने में जुटी भाजपा हरदम चुनाव मोड पर रहती है। नगर निकाय चुनाव में यूपी के सभी 17 नगर निगमों में केसरिया फहरा चुकी भाजपा अब लोकसभा 2024 के चुनाव की तैयारी में जुटी है। अबकी गुजरात की तरह मैक्रो इलेक्शन मैनेजमेंट रहेगा। कानपुर-बुंदेलखंड के क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल कहते हैं कि चुनाव प्रबंधन को अति सूक्ष्म बनाकर पेज कमेटियों पर दारोमदार होगा। बूथ सशक्तीकरण की चुनावी रणनीति का यह हिस्सा है। नगर निकाय चुनाव में इसका सफल प्रयोग रहा। मतदान के चार से छह घंटे के भीतर लोकसभा सीट का रिजल्ट की करीब-करीब जानकारी हो जाएगी। चुनाव प्रबंधन के गुजरात मॉडल यूपी में जिताएगा 80 में 80 सीटें। भाजपा क्षेत्रीय कार्यालय में प्रकाश पाल से हुई बातचीत के प्रमुख अंश इस प्रकार हैं।
सवाल-भाजपा का मैक्रो इलेक्शन मैनेजमेंट क्या है? यह पन्ना प्रमुखों के माध्यम से मतदाताओं तक पहुंच की रणनीति से किस तरह अलग है?
जवाब-भाजपा संगठन ने मतदाताओं तक अपनी बात सही ढंग से पहुंचाने के लिए पेज कमेटियां गठित की हैं। यह प्रयोग चुनावी रणनीति का गुजरात मॉडल कहा जाता है। मैनें खुद गुजरात चुनाव में इसका सफल प्रयोग किया। देखिए, हमारे यहां पहले पन्ना प्रमुख बनाए गए थे। इन्हें और भी विस्तारित करते हुए पेज कमेटियां बनायी गयी हैं। मतदाताओ को भाजपा के पक्ष में मोबेलाइज करना और किस घर का वोट कहां जा रहा है, भाजपा में क्यों नहीं पड़ता, यही सब फीडबैक मिलता है जिससे न केवल मतदान का प्रतिशत बल्कि भाजपा से भटक रहे मतदाताओं को आकर्षित किया जा सकता है।
सवाल-इस रणनीति को कागज से जमीन पर कैसे उतारेंगे?
जवाब-उतारा जा चुका है। आपने नगर निगम चुनाव में देखा होगा। मेयर चुनाव के रिजल्ट को लेकर मैं कदापि विचलित नहीं था। मुझे यकीन था कि प्रत्याशी जीतेंगी। कम से कम एक लाख से ऊपर। पर उससे ज्यादा बड़ी जीत हुई। पार्षद भी पिछले चुनाव से ज्यादा जीते। इसका लाभ सब जगह मिला।
सवाल-नेटवर्क पन्ना प्रमुख तक था। पेज कमेटियों वाला प्रयोग भी किया, पर पता नहीं चल सका?
जवाब-जमीनी लेवल पर देखते तो पता चलता। पेज कमेटियों ने काम किया। अब लोकसभा 2024 का चुनाव के मद्देनजर पार्टी ने मतदाता सूची के हर पन्ने पर एक कार्यकर्ता तैनात करने काम आरम्भ कर दिया है। हर पन्ने पर अंकित तीस लोगों में से किसी एक पार्टी समर्थक व्यक्ति को बतौर वालंटियर नियुक्त किया जा रहा है। यह जिम्मेदारी का काम है। इस व्यक्ति पर बाकी 29 लोगों को भाजपा के पक्ष में मतदान की जिम्मेदारी दी जाएगी।
सवाल-सघन संपर्क और मतदाता को पक्ष में करना और मोबलाइज करना। इतना आसान है?
जवाब-एक ऑन लाइन अभियान भी शुरू किया गया है। ज्यादा से ज्यादा लोग जिम्मेदार बनाए जाएंगे। इससे कार्यकर्ता में भी चुनाव को लेकर गंभीरता आएगी। हालांकि हमारा कार्यकर्ता गंभीर है। हर प्लान को होशियारी से क्रियान्वित करता है। मिलेगी।
सवाल-चुनाव में इसका लाभ कैसे मिला?
जवाब-आप समझिए। इसी नेटवर्क के बदौलत प्रदेश और केंद्र सरकार की योजनाओं की जानकारी घरों तक पहुंचायी गयी। गुजरात में सफल होने के बाद अब उन राज्यों में भी यह कार्य चल रहा है जहां पर विधानसभा चुनाव होने हैं। सभी बूथों पर भाजपा के समर्थक, सहयोगी, शुभचिंतकों और कार्यकर्ताओं को तैनात किया जा रहा है।
सवाल-इतने निचले और सघन स्तर पर चुनाव प्रबंधन में दिक्कत नहीं आएगी?
जवाब-दरअसल बूथ सशक्तिकरण, बूथ समिति और पन्ना प्रमुख, अब पेज (पन्ना) कमेटियां भाजपा की मूल ताकत है। सूचना प्रद्योगिकी का इसमे बेहतर उपयोग किया जा रहा है। मतदाता को कहीं भटकने की जरूरत नहीं है। हमारा ऐप है न। बस एक क्लिक और सबकुछ सामने। पेज कमेटियों से जुड़े लोगों का फोटो, मोबाइल नंबर, पता सबकुछ मिलेगा।
सवाल-चुनाव प्रबंधन को लेकर पार्टी की और क्या योजना है?
जवाब-संवाद और संपर्क के साथ ही नेताओं के संदेशों का संप्रेषण भी किया जा सकेगा। अबकी लोकसभा चुनाव में यह काम आएगा और कानपुर-बुंदेलखंड की सभी लोकसभा सीटें हम जीतकर दिखा देंगे। यह आत्मविश्वास समर्पित कार्यकर्ताओं और कुशल नेतृत्व के चलते आया है।